न्यायालय ने दलित युवक की हत्या के मामले मे जवाब दाखिल नहीं करने पर गुजरात सरकार को आड़े हाथ लिया

By भाषा | Published: November 23, 2020 09:47 PM2020-11-23T21:47:47+5:302020-11-23T21:47:47+5:30

Court slams Gujarat government for not filing reply in case of murder of Dalit youth | न्यायालय ने दलित युवक की हत्या के मामले मे जवाब दाखिल नहीं करने पर गुजरात सरकार को आड़े हाथ लिया

न्यायालय ने दलित युवक की हत्या के मामले मे जवाब दाखिल नहीं करने पर गुजरात सरकार को आड़े हाथ लिया

नयी दिल्ली, 23 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने राजकोट के निकट एक फैक्ट्री में दलित युवक की हत्या के मामले में एक आरोपी की जमानत के खिलाफ अपील पर जवाब दाखिल नहीं करने पर सोमवार को गुजरात सरकार को आड़े हाथ लिया। इस दलित युवक की फैक्ट्री परिसर में कथित रूप से पिटाई की वजह से जान चली गयी थी।

शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को इस अपील पर जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है। इस मामले में न्यायालय ने पिछले साल 18 नवंबर को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा, ‘‘राज्य की ओर से अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिये समय का अनुरोध किया है और उन्हें एक सप्ताह का समय देते हुये अंतिम अवसर दिया जा रहा है।’’

पीठ ने इस मामले को आगे सुनवाई के लिये एक सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया है।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति शाह ने गुजरात सरकार के वकील से जानना चाहा कि आरोपी को जमानत देने के उच्च न्यायालय के पिछले साल के आदेश के खिलाफ अपील पर उसने अभी तक जवाब क्यों नहीं दाखिल किया।

पीठ ने सवाल किया, ‘‘आप हलफनामें क्यों नही दाखिल कर रहे हैं? इसे बर्दाश्त नही किया जायेगा। इस मामले में पिछले साल नोटिस जारी किया गया था। सुनवाई की पिछली तारीख पर भी राज्य को जवाब दाखिल करने के लिये अंतिम अवसर दिया गया था। ऐसा क्यों हो रहा है, दूसरे में भी हलफनामे दाखिल नहीं हो रहे हैं।’’

राज्य सरकार की ओरसे पेश वकील ने समय देने का अनुरोध करते हुये कहा कि संबंधित अधिवक्ता कोविड-19 से संक्रमित होने के कारण हलफनामे दाखिल करने में असमर्थ रहे हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोनसाल्विज ने कहा कि युवक को खंबे से बांधने के बाद उसकी पिटाई की गयी थी। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार उसके शरीर पर गंभीर जख्मों के 24 निशान थे।

इस मामले में उच्च न्यायालय ने चार फरवरी, 2019 को आरोपी तेजस कनुभाई झाला को इस आधार पर जमानत दे दी थी कि आरोपी के खिलाफ कमजोर साक्ष्य हैं।

आरोप है कि तेजस और चार अन्य ने कूड़ा उठाने वाले 35 वर्षीय दलित मुकेश वनिया की कथित रूप से पाइप और बेल्ट से बुरी तरह उस समय तक पिटाई की जब तक कि उसने मौके पर ही दम नहीं तोड़ दिया।

इस मामले में फैक्ट्री राडाडिया इंडस्ट्रीज के मालिक सहित पांच आरोपियों को 21 मई, 2018 को एससी-एसटी अत्याचारों की रोकथाम कानून और हत्या, महिला से मारपीट करने और जबर्दस्ती बंधक बनाने से संबंधित भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था।

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