मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने पांच दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा, चार मार्च तक सीबीआई की रिमांड पर रहेंगे
By शिवेंद्र राय | Published: February 27, 2023 05:36 PM2023-02-27T17:36:36+5:302023-02-27T17:44:22+5:30
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को अदलात ने 5 दिन के लिए सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। सिसोदिया को सीबीआई ने रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। 9 घंटे की पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया था।
नई दिल्ली: दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को अदलात ने 5 दिन के लिए सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। उन्हें आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था। अब सीबीआई के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन 5 दिनों में सिसोदिया से सारे जवाब हासिल करने की होगी। मनीष सिसोदिया अब अदालत के आदेश के बाद 4 मार्च तक सीबीआई रिमांड पर रहेंगे।
कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद अदालत ने मनीष सिसोदिया की रिमांड पर फैसला सुरक्षित रखा लिया था। सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में सीबीआई रिमांड से बचने की पूरी कोशिश की लेकिन सीबीआई की तरफ से कहा गया कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को राउज एवन्यू कोर्ट में पेश किया था।
सीबीआई द्वारा दिल्ली के डिप्टी सीएम की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। आम आदमी पार्टी के नेता लगातार इसे केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया बता रहे हैं। बता दें कि सिसोदिया को सीबीआई ने रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। 9 घंटे की पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई का आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने शराब घोटाले में आपराधिक साजिश रची और उन्होंने सबूतों को मिटाने की कोशिश की।
बता दें कि 17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की थी। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई पॉलिसी लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। मनीष सिसोदिया पर सबसे बड़ा आरोप यही है कि ऐसा करके उन्होंने अपने करीबी लोगों को फायदा पहुंचाया। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में जांच की मांग उठाई थी और सीबीआई को जांच के लिए कहा था। उपराज्यपाल वीके सक्सेना के मामले में दखल देने के बाद दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया था।