लद्दाख सीमा विवाद: 11 घंटे चली भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता

By निखिल वर्मा | Published: June 23, 2020 12:28 AM2020-06-23T00:28:18+5:302020-06-23T00:28:18+5:30

मोल्दो में हुई बातचीत में भारतीय पक्ष का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर ने किया।

Corps Commander-level officers of India and China is over around 11 hours | लद्दाख सीमा विवाद: 11 घंटे चली भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता

पूर्वी लद्दाख के गलवान और कुछ अन्य इलाकों में दोनों सेनाओं के बीच पांच मई से ही गतिरोध बना हुआ है

Highlights यह बैठक गलवान घाटी में 15 जून को हुए संघर्ष के बाद दोनों पक्षों में बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में हुई है।1975 के बाद पहली बार भारतीय और चीनी सैनिक गलवान घाटी में भिड़े हैं

भारत और चीनी सेना के बीच पिछले हफ्ते गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कम करने के उद्देश्य से सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की वार्ता हुई। यह बैठक करीब 11 घंटे चली। गलवान घाटी में 15 जून की रात में हुई हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। 

पूर्वी लद्दाख में चुशुल सेक्टर के चीनी हिस्से में स्थित मोल्दो में सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे बैठक शुरू हुई और रात तक जारी रही। इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने बताया कि वार्ता में पूर्वी लद्दाख से सैनिकों के हटाने के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

दोनों पक्षों के बीच उसी जगह पर छह जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की बातचीत हुई थी, जिसके दौरान दोनों पक्षों ने गतिरोध दूर करने के लिए एक समझौते को अंतिम रूप दिया था। हालांकि, 15 जून को हुई हिंसक झड़पों के बाद सीमा पर स्थिति बिगड़ गई, क्योंकि दोनों पक्षों ने 3,500-किलोमीटर की वास्तविक सीमा के पास अधिकांश क्षेत्रों में अपनी सैन्य तैनाती को काफी तेज कर दिया।

खूनी झड़प में चीनी कमांडिंग ऑफिसर की भी मौत 

गलवान में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की तरफ चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने का विरोध करने पर चीनी सैनिकों ने पत्थरों, कील लगे डंडों, लोहे की छड़ों आदि से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था। हालांकि चीन ने झड़प में हताहत हुए अपने सैनिकों का आंकड़ा नहीं बताया है, लेकिन ऐसी खबरें हैं कि चीनी सेना के एक कमांडिंग अधिकारी समेत कई सैनिक झड़प में मारे गए हैं। इसके बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 

गलवान में हुई घटना के बाद सरकार ने चीन के साथ लगने वाली 3500 किलोमीटर की सीमा पर चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिये सशस्त्र बलों को “पूरी छूट” दे दी है। दुर्लभ परिस्थितियों में सेना को हथियार इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है। 

चीन के साथ लगी सीमा पर भारतीय सेना मुस्तैद

सेना ने बीते एक हफ्ते में सीमा से लगे अग्रिम ठिकानों पर हजारों अतिरिक्त जवानों को भेजा है। वायुसेना ने भी झड़प के बाद श्रीनगर और लेह समेत अपने कई अहम ठिकानों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के साथ ही अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की तैनाती की है। झड़प के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने के लिये कम से कम तीन बार मेजर जनरल स्तर पर बातचीत हो चुकी है। 

Web Title: Corps Commander-level officers of India and China is over around 11 hours

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