Coronavirus vaccine update: महामारी को खत्म करने के लिए इन 10 वैक्सीन पर दुनिया भर की नजर, जानें क्या है इन वैक्सीन का स्टेटस
By गुणातीत ओझा | Published: May 29, 2020 05:42 AM2020-05-29T05:42:51+5:302020-05-29T05:42:51+5:30
पूरे विश्व में 100 से ज्यादा कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है। बहुत सारी वैक्सीन भारत में भी तैयारी के चरण में हैं, और उपचार के लिए इनका परीक्षण भी चल रहा है। गिलियड साइंसेज, फाइजर, मॉडर्ना जैसी बड़ी दवा कंपनियां सफल वैक्सीन खोजने के लिए दिन-रात प्रयास में जुटी हैं।
नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 57 लाख के करीब पहुंच गई है। कोविड-19 की महामारी से अभी तक 355,615 लोगों की जानें गई हैं। भारत में पिछले 24 घंटे में 6,566 नए मामले सामने आए हैं और 194 लोगों की मौत हुई है। भारत में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 1,58,333 हो गई है। जिनमें से 86,110 सक्रिय मामले हैं। 67,692 लोग ठीक हो चुके हैं और अब तक 4,531 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसी भयावह स्थिति को देखते हुए सभी की निगाहें इस माहामारी की वैक्सीन पर टिकी हैं। पूरे विश्व में 100 से ज्यादा वैक्सीन पर काम चल रहा है। बहुत सारी वैक्सीन भारत में भी तैयारी के चरण में हैं, और उपचार के लिए इनका परीक्षण भी चल रहा है। गिलियड साइंसेज, फाइजर, मॉडर्ना जैसी बड़ी दवा कंपनियां सफल वैक्सीन खोजने के लिए दिन-रात प्रयास में जुटी हैं। भारत में बाबा रामदेव की पतंजलि भी कोरोनोवायरस वैक्सीन विकसित करने की दौड़ में शामिल हो गई है।
कब तक लोगों को मिल सकती है वैक्सीन?
अगर वैक्सीन को जल्दी तैयार कर लिया जाए तो इस लोगों तक पहुंचने में कम से कम एक साल का समय लग जाएगा। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने का काम कुछ ही महीनों में हो जाएगा। अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की वैक्सीन 2021 के मध्य तक उपलब्ध हो सकती है।
जानें इन 10 कोरोनावायरस वैक्सीन के बारे में, कहां तक पहुंच है तैयारी:
1. मॉडर्न की आरएनए वैक्सीन
मॉडर्न की आरएनए वैक्सीन को इस रेस में शीर्ष पर माना जा रहा है। यह जुलाई में परीक्षणों के दूसरे चरण में जाने के लिए तैयार है। यह वैक्सीन संक्रमित प्रोटीन से लड़ती है और संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए आवश्यक एंटीबॉडी तैयार करती है। मॉडर्न ने क्लिनिकल ट्रायल का पहला चरण सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है, जहां इसने कम से कम 8 उम्मीदवारों पर सकारात्मक परिणाम देने का दावा किया है। इन आठों संक्रमितों में कोरोनोवायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित करने में सफलता मिली है।
2. चीनी कैनसिनो बायोलॉजिक्स वैक्सीन
मेडिकल जर्नल, द लांसेट के मुताबिक चीन के कैन्सिनो बायोलॉजिक्स की वैक्सीन सुरक्षित थी। इसमें कुछ कमियां भी बताई गईं। जिसके बाद कैन्सिनो बायोलॉजिक्स के स्टॉक में गिरावट भी देखने को मिली थी। शोधकर्ताओं ने चीन की इस वैक्सीन को सुरक्षित माना था।
3. नोवावैक्स कोविड 19 वैक्सीन
अमेरिका आधारित कंपनी ने NVX-COV2373 वैक्सीन के बारे में घोषणा की थी कि ऑस्ट्रेलिया में वैक्सीन का पहले और दूसरे चरण का परीक्षण शुरू कर दिया गया है। इसे नैनोपार्टिकल तकनीक से बनाया गया है। 18-59 वर्ष की उम्र के कुल 131 लोगों को ऑस्ट्रेलिया के दो अलग-अलग स्थलों पर चरण -1 के परीक्षण के लिए नामांकित किया गया है। परीक्षण दो अलग-अलग खुराक (5 और 25 एमसीजी) के साथ होगा। पहले ट्रायल का रिजल्ट जुलाई आने की उम्मीद है, जिसके बाद अमेरिका सहित कई देशों में दूसरा ट्रायल किया जाएगा।
4. लिली, जुनशी बायोसाइंसेस कोरोनावायरस वैक्सीन
शंघाई जुन्शी बायोसाइंसेस ने अमेरिका और चीन में साल के दूसरे तिमाही में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी का परीक्षण करने के लिए क्लिनिकल स्टडी शुरू करने की योजना बनाई है। संक्रमण के खिलाफ उनके दो एंटीबॉडी में से एक- सुरक्षात्मक प्रोटीन का परीक्षण रीसस बंदरों पर किया जा चुका है। शंघाई जुन्शी ने कहा कि प्रीक्लिनिकल स्टडीज के नतीजों से पता चला है कि CA1 और CB6 नाम के दोनों टेस्ट किए गए एंटीबॉडीज में वायरस के खिलाफ काफी न्यूट्रलाइजेशन एक्टिविटी दिखाई दी हैं।
5. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी कोविद -19 वैक्सीन
ChAdOx1 nCoV-19 एक वायरस (ChAdOx1) से बना है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने करीब एक सप्ताह पहले इस बात की पुष्टि की है कि वो वैक्सीन के परीक्षण को लेकर अगले चरण पर पहुंच गए हैं। इसके तहत इंसानी परीक्षण के दूसरे चरण के लिए वैज्ञानिकों ने 10 हजार से ज्यादा लोगों को तैयार किया है। इंसानी परीक्षण के पहले चरण के तहत 55 साल और उससे कम उम्र वाले स्वस्थ लोगों पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया गया था। अब दूसरे चरण में 10,200 लोगों पर परीक्षण किया जाएगा। इसमें 70 साल के बुजुर्ग से लेकर 12 साल के बच्चे भी शामिल हैं। इस परीक्षण में यह देखा जाएगा कि वैक्सीन से इनके इम्यून सिस्टम पर क्या प्रभाव पड़ता है।
6. फाइजर-बीएनटेक वैक्सीन अपडेट
जर्मन कंपनी बीएनटेक की मदद से वैक्सीन बनाने वाली फार्मास्युटिकल दिग्गज कंपनी ने मरीजों को खुराक देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आरएनए (mRNA) प्रारूप से तैयार चार वैक्सीन कैंडिडेट का इंसानों पर परीक्षण किया जा रहा है। वर्तमान में जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में परीक्षण चल रहे हैं।
भारत में भी तैयार हो रही वैक्सीन, जानें क्या है स्टेटस
7. बाबा रामदेव की पतंजलि कोरोनोवायरस की वैक्सीन की दौड़ में शामिल
आयुर्वेदिक उपचार के लिए प्रख्यात बाबा रामदेवा का पतंजलि समूह ने स्वास्थ्य विभाग से मंजूरी मिलने के बाद COVID-19 का इलाज खोजने के लिए मनुष्यों पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया है। वैक्सीन के बारे में बात करते हुए पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा, "हम एक प्रतिरक्षा बूस्टर के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। हम एक इलाज के बारे में बात कर रहे हैं।" पिछले सप्ताह पतंजलि को मंजूरी मिलने के बाद इंदौर और जयपुर में क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो चुके हैं।
8. आईसीएमआर-भारत बायोटेक
वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक और थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी ऑफ फिलाडेल्फिया ने कोविड -19 को खत्म करने के लिए वैक्सीन विकसित करने के लिए हाथ मिलाया है। भारत बायोटेक के अनुसार कोरोनोवायरस प्रोटीन के लिए एक वाहन के रूप में मौजूदा निष्क्रिय रेबीज वैक्सीन का उपयोग करके वैक्सीन तैयार की गई है। हाल ही में जानवरों पर किए गए इस वैक्सीन के परीक्षण में एक मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया देखने को मिली है।
9. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII)
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) वैक्सीन के विकास का एक प्रमुख दावेदार है। एसआईआई को अन्य बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले 10 मिलियन वैक्सीन को एक साल में उत्पादन करने के लिए जाना जाता है। कंपनी ने एक सुरक्षित और सस्ती कोरोनावायरस वैक्सीन के विकास को गति देने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ भागीदारी की है। एसआईआई ने वैक्सीन के प्रोडक्शन के प्रयासों को तेज करने और वैक्सीन की खुराक अक्टूबर 2020 तक उपलब्ध करने के बारे में कहा है।
10. Zydus Cadila वैक्सीन अपडेट
काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) वर्तमान में कोविड-19 के खिलाफ कैडिला फार्मास्यूटिकल्स के "सेप्सिवैक" का परीक्षण कर रहा है।