Coronavirus Update: गुजरात में शिक्षकों को मिली प्रवासी कामगारों का पता लगाने की जिम्मेदारी

By भाषा | Published: April 2, 2020 12:59 PM2020-04-02T12:59:09+5:302020-04-02T12:59:09+5:30

कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से सबसे ज्यादा परेशान प्रवासी मजदूर है। ऐसे में गुजरात सरकार ने प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों को प्रवासी कामगारों का पता लगाने और उन्हें निशुल्क राशन मुहैया कराने का काम सौंपा है।

Coronavirus Update: Responsibility for tracking migrant laborers entrusted to teachers in Gujarat | Coronavirus Update: गुजरात में शिक्षकों को मिली प्रवासी कामगारों का पता लगाने की जिम्मेदारी

(फाइल फोटो)

Highlightsशिक्षकों का एक समूह बुधवार को अहमदाबाद-राजकोट राजमार्ग के पास चाचरावादी वासना गांव के हर घर में गया।गांव का सर्वेक्षण करने के बाद शिक्षकों ने पाया कि देश के विभिन्न हिस्सों से वहां प्रवासी मजदूरों के 14 परिवार रह रहे हैं और उनके पास गुजरात का राशन कार्ड नहीं है।प्रति व्यक्ति दिए जाने वाले राशन में 3.5 किलोग्राम गेंहू, 1.5 किग्रा चावल और एक-एक किलो दाल, चीनी और नमक शामिल होगा।

अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के मद्देनजर लॉकडाउन के इस अभूतपूर्व दौर में प्रवासी कामगारों का पता लगाने और उन्हें निशुल्क राशन मुहैया कराने का काम प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों को सौंपा है। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को गांवों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने के लिए बुधवार (1 अप्रैल) को बुलाया गया ताकि वहां प्रवासी कामगारों का पता लगाया जा सकें और संबंधित अधिकारियों को उनकी जानकारी दी जा सके। 

कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए लागू किए गए बंद से मानवीय संकट खड़ा हो गया है क्योंकि इससे प्रवासी मजदूरों की नौकरियां चली गई और वे परिवहन की कोई सुविधा न होने पर पैदल ही अपने-अपने गंतव्यों की ओर चल पड़े। हालांकि, सरकार उनकी आवाजाही को अभी के लिए रोकने के वास्ते कदम उठा रही है। शिक्षकों का एक समूह बुधवार को यहां अहमदाबाद-राजकोट राजमार्ग के पास चाचरावादी वासना गांव के हर घर में गया। गांव का सर्वेक्षण करने के बाद शिक्षकों ने पाया कि देश के विभिन्न हिस्सों से वहां प्रवासी मजदूरों के 14 परिवार रह रहे हैं और उनके पास गुजरात का राशन कार्ड नहीं है। 

चाचरावादी वासना में सरकारी प्राथमिक स्कूल के एक शिक्षक ने कहा, 'हमने जिन गरीब परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है, उनका पता लगाने के लिए हर घर में सर्वेक्षण किया। गांव में ऐसे 14 परिवारों की पहचान की गई और हमने उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी है।' गुजरात सरकार ने एलान किया है कि वह उन गरीब परिवारों को एक महीने का मुफ्त राशन देगी जिनकी आमदनी बंद के कारण प्रभावित हुई है। 

प्रति व्यक्ति दिए जाने वाले राशन में 3.5 किलोग्राम गेंहू, 1.5 किग्रा चावल और एक-एक किलो दालें, चीनी और नमक शामिल होगा। मुख्यमंत्री के सचिव अश्विनी कुमार ने कहा कि 40 करोड़ रुपये की निधि आवंटित की गई है, जिसके जरिए प्रवासी मजदूरों को भोजन एवं आवास मुहैया कराया जाएगा ताकि वे राज्य को छोड़कर न जाएं।

Web Title: Coronavirus Update: Responsibility for tracking migrant laborers entrusted to teachers in Gujarat

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