Coronavirus: उज्जैन: 12 में से 10 वेंटीलेटर बंद, बदइंतजामी में 3 संदिग्ध मरीजों की मौत
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 4, 2020 10:22 PM2020-04-04T22:22:44+5:302020-04-04T22:22:44+5:30
कोरोना संदिग्ध मरीजों की माधवनगर अस्पताल में मौत इसलिये हुई क्योंकि वेंटिलेटर ही चालू नहीं मिले। ऐसे में दूसरे मरीज की मौत इसलिए हुई क्योंकि कोरोना संदिग्ध मरीज के इलाज के लिए अधिकृत किये गए दूसरे अस्पताल आर डी गार्डी में आईसीयू वार्ड में ताला लगा मिला और मरीज ने आईसीयू के बाहर ही एम्बुलेंस में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
मध्य प्रदेश के उज्जैन के एक सरकारी अस्पताल में लापरवाही और बदइंतजामी की स्थिति सामने आई है। माधवनगर अस्पताल में 12 में से 10 वेंटीलेटर चालू नहीं हैं। ऐसी परिस्थिति में शुक्रवार को दो संदिग्ध कोरोना मरीजों की मौत होने की बात सामने आई है।
शुक्रवार को उज्जैन में एक ही दिन में हुई तीन संदिग्ध मरीजों की मौत ने उज्जैन स्वास्थ्य विभाग के इंतजामों की पोल खोल दी। शुक्रवार को उज्जैन में हुई तीन कोरोना संदिग्ध मरीजों में दो की मौत सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि यहां कोरोना के संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत किये गए अस्पतालों में बदइंतजामी का आलम है।
कोरोना संदिग्ध मरीजों की माधवनगर अस्पताल में मौत इसलिये हुई क्योंकि वेंटिलेटर ही चालू नहीं मिले। ऐसे में दूसरे मरीज की मौत इसलिए हुई क्योंकि कोरोना संदिग्ध मरीज के इलाज के लिए अधिकृत किये गए दूसरे अस्पताल आर डी गार्डी में आईसीयू वार्ड में ताला लगा मिला और मरीज ने आईसीयू के बाहर ही एम्बुलेंस में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
स्वास्थ्य विभाग ने इस गलती को लिखित रूप से स्वीकार कर लिया है कि बदइंतजामी की वजह से दो मरीजों की मौत हुई है।
उज्जैन के दानीगेट की रहने वाली 55 वर्ष की महिला को सांस लेने में तकलीफ और ब्लडप्रेशर की शिकायत थी। परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर गए जहां से उसे शासकीय माधवनगर चिकित्सालय भेजा गया लेकिन वहां वेंटिलेटर चालू नहीं मिला।
दरअसल वहां 12 में 10 वेंटिलेटर चालू नहीं हैं और जो दो चालू हैं वे पहले से ही भर्ती दो मरीजों द्वारा उपयोग में आ रहे थे। ऐसे में महिला को तुरंत कोरोना के लिए अधिकृत दूसरे अस्पताल आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज भेजा गया लेकिन वहां भी बदइन्तजामी की हद रही।
महिला को यहां लाया गया तो आईसीयू पर ताला लगा मिला। हैरानी की बात ये रही कि ऐसे में करीब आधा घंटे तक आईसीयू का ताला नहीं खोला जा सका और मरीज महिला एम्बुलेंस में ही तड़पती रही। आखिरकार महिला के परिजनों ने आईसीयू का ताला पत्थर से तोड़ा और महिला को आईसीयू में लेकर गए लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और महिला की मौत हो गई थी।
इसी तरह दूसरी बड़नगर निवासी महिला की मौत भी इसलिए हुई क्योंकि महिला को माधवनगर अस्पताल में वेंटिलेटर ही नहीं मिला।
सीएमएचओ डॉक्टर अनुसुइया गवली ने लिखित रूप से इस बदइंतजामी को स्वीकार कर लिया है। साथ ही जिला प्रशासन की बड़ी कार्यवाही करते हुए सिविल सर्जन डॉ. आरपी परमार को हटा दिया और डॉ पी एन वर्मा को नया सिविल सर्जन बनाया है।
इसके साथ ही Covid-19 माधवनगर चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. महेश मरमट को भी हटा दिया गया है और उनके स्थान पर डॉ. भोजराज शर्मा को नया प्रभारी बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि माधव नगर चिकित्सालय में 12 वेंटिलेटर हैं जिसमें 2 ही काम कर रहे हैं।