कोरोना वायरस: दिल्ली में होम क्वारंटाइन तोड़ने वाले 176 लोगों पर FIR, दिल्ली पुलिस ऐसे रख रही है नजर
By निखिल वर्मा | Published: April 6, 2020 11:06 AM2020-04-06T11:06:49+5:302020-04-06T11:07:12+5:30
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार (5 अप्रैल) को कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 503 हो गई जबकि इसकी चपेट में आकर जान गंवाने वालों की संख्या सात हो गई है। दिल्ली में हजारों लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है.
कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में आपको होम क्वारंटाइन का उल्लंघन करना काफी महंगा पड़ सकता है। दिल्ली पुलिस ने होम क्वारंटाइन को तोड़ने वाले 176 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस के साथ 25000 से ज्यादा उन लोगों के मोबाइल नंबर साझा किए जिन्हें होम क्वारंटाइन में रहने के लिए कहा गया है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, सभी 15 पुलिस जिलों के थाना प्रभारी को नंबर दिए गए हैं। पुलिस मोबाइल सर्विलांस के जरिए लोगों पर नजर रख रही है। अब तक 14 जिलों का डेटा संग्रहित किया जा चुका है।
इंडियन एक्स्प्रेस में छपी खबर के अनुसार, दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारी फोन को ट्रेस करने के साथ ही सरप्राइज विजिट भी कर रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में उत्तर-पश्चिम दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक आदमी उन्हें मिल गया जो शाम को घर से बाहर टहलने निकला था। उसके खिलाफ तुरंत FIR दर्ज की गई। दिल्ली पुलिस आईपीसी की धारा 269 और 270 और 188 के जरिए एफआईआर दर्ज कर रही है। धारा 269 खतरनाक बीमारी के संक्रमण को फैलाने की लापरवाहीपूर्ण कार्रवाई से संबंधित है।
5 अप्रैल तक मिले डेटा के अनुसार द्वारका सबसे ज्यादा 35, बाहरी दिल्ली में 34, साउथ वेस्ट में 31, साउथ ईस्ट में 27, सेंट्रल दिल्ली में 13, दक्षिणी दिल्ली में 12, उत्तर पश्चिम में 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। पिछले हफ्त ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था, "हमने तय किया है कि पुलिस की सहायता लेकर हम उन लोगों के फोन को ट्रैक करेंगे, जिन्हें घर पर रहने का आदेश दिया गया था।" इनमें वे लोग शामिल हैं जिनके पास यात्रा का इतिहास है और साथ ही जिन्हें अस्पतालों द्वारा होम होम क्वारंटाइन की सलाह दी गई है।
दिल्ली सरकार ने यह मॉडल सिंगापुर और दक्षिण कोरिया से अपनाया है। जहां क्वारंटाइन के उल्लंघन की जांच के लिए तकनीक का सहारा लिया गया। यह निर्णय उप राज्यपाल अनिल कुमार बैजल द्वारा बुलाई गई बैठक में लिया गया जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मुख्य सचिव विजय कुमार देव, और दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव मौजूद थे। बैठक में 25,429 लोगों के फोन ट्रैक करने का निर्णय लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि सभी पुलिस स्टेशनों के स्टॉफ डेडिकेशन के साथ इस पर काम कर रहे हैं और डीसीपी इन मामलों पर बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। अगर पुलिस को उल्लंघन का पता चलता है तो एफआईआर दर्ज करने से पहले फोन किया जाता है या उस व्यक्ति के साथ सरप्राइज विजिट होता है।