बिना स्पीड टेस्टिंग वाली मशीनः अबतक कोरोना के 53.64 लाख टेस्ट, जानिए ICMR ने रणनीति में क्या किया बदलाव

By एसके गुप्ता | Published: June 12, 2020 07:47 PM2020-06-12T19:47:46+5:302020-06-12T19:47:46+5:30

Coronavirus: आईसीएमआर के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने बताया कि हमने देश में कोरोना टेस्ट की एक लैब से शुरूआत की थी और आज देश में 877 लैब में कोरोना टेस्ट हो रहा है। इनमें 637 सरकारी और 240 प्राइवेट लैब हैं।

Coronavirus: speed testing machine, 53.64 lakh tests of Corona so far, ICMR new guidelines | बिना स्पीड टेस्टिंग वाली मशीनः अबतक कोरोना के 53.64 लाख टेस्ट, जानिए ICMR ने रणनीति में क्या किया बदलाव

आईसीएमआर ने टेस्टिंग रणनीति में बदलाव किया है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsकोविड डेडिकेटिड अस्पतालों में ही कोरोना टेस्टिंग की ऑटोमैटिक या स्पीडी टेस्टिंग मशीन नहीं है। 135 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश में लॉकडाउन से अब तक 79 दिनों में 53.64 लाख टेस्ट हुए हैं।

नई दिल्ली: कोविड-19 संक्रमित मामलों में यह देखा जा रहा है कि लोगों को टेस्ट रपट समय से न मिलने के कारण उपचार नहीं मिल पा रहा और अस्पताल उन्हें भर्ती नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सरकार को निर्देश दिया है कि वह कोविड संक्रमित और संक्रमण संभावित लोगों की टेस्टिंग करे। इसके अलावा लोगों को उचित उपचार दिया जाए। 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से भी देश भर के अस्पतालों और लैब्स में कोविड टेस्ट के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, जिससे लोगों को सही उपचार मिल सके। 

लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि कोविड डेडिकेटिड अस्पतालों में ही कोरोना टेस्टिंग की ऑटोमैटिक या स्पीडी टेस्टिंग मशीन नहीं है। जिससे रोगी को कई दिनों तक यह नहीं पता लग पाता कि वह कोरोना पॉजिटिव है या नहीं? उसे क्या ट्रीटमेंट लेना है। 135 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश में लॉकडाउन से अब तक 79 दिनों में 53.64 लाख टेस्ट हुए हैं। जिसके आधार पर आए आंकड़े लोगों को चौंकाने वाले हैं।

देश में 877 लैब में कोरोना टेस्ट हो रहा है

आईसीएमआर के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव यह तो कहते हैं कि हमने देश में कोरोना टेस्ट की एक लैब से शुरूआत की थी और आज देश में 877 लैब में कोरोना टेस्ट हो रहा है। इनमें 637 सरकारी और 240 प्राइवेट लैब हैं। लैब की संख्या बढने के कारण हम हर दिन 2 लाख टेस्ट करनी की क्षमता रखते हैं। फिलहाल एक दिन में 1.5 लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। लैब्स में ऑटोमैटिक मशीनें क्यों नहीं हैं जिनसे एक घंटे में सैकडों लोगों की कोरोना टेस्ट रपट मिल जाए। इस पर सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। 

अमेरिका और स्विजरलैंड में ऑटोमैटिक मशीनों से कोरोना टेस्टिंग

एम्स रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के महासचिव डा. श्रीनिवास राजकुमार टी ने लोकमत से कहा कि अमेरिका और स्विजरलैंड जैसे देशों में रोश कंपनी की ऑटोमैटिक मशीनों का इस्तेमाल कोविड टेस्ट के लिए होता है। यह मशीनें एक घंटे में एक हजार टेस्ट करती है। सरकार को चाहिए कि ऐसी मशीनें अस्पतालों में लगाएं। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। बिना टेस्ट रपट के कोविड-प्रोटोकॉल के तहत किसी रोगी को उपचार भी नहीं दे सकते। अगर किसी को सामान्य बुखार है और उसे एचसीक्यू दें तो क्या वह ठीक होगा? अगर कोई कोरोना संक्रमित है और उसे एंटी-बायोटिक दे दें तो वह उसके लिए ठीक नहीं है। सही जांच रपट से ही रोगी को सही उपचार दिया जा सकता है।

आईसीएमआर ने टेस्टिंग रणनीति में किया बदलाव

हालांकि आईसीएमआर ने अपनी टेस्टिंग रणनीति में एक खास बदलाव ये भी किया है कि अस्पताल पहुंचे इमरजेंसी वाले मरीज़ के इलाज और डिलीवरी में टेस्ट की वजह से देरी ना करें। रोगी कोरोना संदिग्ध लगता है तो उसका सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजा जाए और इलाज में देरी ना हो। आईसीएमआर ने 18 मई को जारी नई टेस्ट स्ट्रेटेजी में कहा है कि कोरोना टेस्ट आरटी-पीसीआर के ज़रिए ही किया जा सकता है।
 
कोविड-19 टेस्ट के लिए आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस

- जो लोग 14 दिन के अंदर विदेश से आए हों और इनमें कोरोना (आईएलआई) के लक्षण हों।  आईएलआई यानी इन्फ्लुएंजा 38◦C या इससे ज़्यादा बुखार और खांसी के साथ एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन हो।

- जो संक्रमित लोगों के संपर्क में आए हैं और उनमें आईएलआई (जुकाम, खांसी, बुखार के) लक्षण हों। कोरोना को नियंत्रित करने के काम में लगे स्वास्थ्य कर्मी/फ्रंटलाइन वर्कर जिनमें आईएलआई लक्षण हों।

- सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस रोगी यानी ज़्यादा बुखार और खांसी के साथ एक्यूट रेस्पिरेटरी संक्रमण जिन्हें हो और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की ज़रूरत पड़े।

- ऐसे लोगों जो कोरोना संक्रमितों के सीधे संपर्क में आए हैं, बिना लक्षण वाले लोग जो हाई रिस्क पर हैं। इनके संपर्क में आने के 5 से 10 दिन के बीच में टेस्ट करना होगा। (पहले ये टेस्ट 5 और 14 दिन के बीच में करना था जिसे अब 10 दिन किया गया है।)

- कंटेनमेंट ज़ोन/हॉटस्पॉट के इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस यानि आईएलआई वाले मरीज़।

- अस्पताल में भर्ती सभी मरीज जिनमें आईएलआई के लक्षण हों, उनका टेस्ट किया जाए।

- आईएलआई के लक्षण वाले सभी प्रवासी या जो दूसरे राज्यों से घर लौटे हों, उनका 7 दिन के अंदर टेस्ट किया जाए।

Web Title: Coronavirus: speed testing machine, 53.64 lakh tests of Corona so far, ICMR new guidelines

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