मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार ने COVID-19 पर दिया सुझाव, कहा- एकाग्रता और कुशलता से Coronavirus की होनी चाहिए जांच

By भाषा | Published: April 17, 2020 02:33 PM2020-04-17T14:33:02+5:302020-04-17T14:33:02+5:30

कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन का कहना है कि देश में हॉटस्पॉट बन चुके चिह्नित स्थान और क्षेत्रों में इस वायरस की एकाग्राता और कुशलता से जांच होनी चाहिए।

Coronavirus should be tested with concentration and efficiency: Chief Scientific Adviser to central government | मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार ने COVID-19 पर दिया सुझाव, कहा- एकाग्रता और कुशलता से Coronavirus की होनी चाहिए जांच

बंद के बाद कोरोना वायरस के मामले का पता लगाने में यह एक प्रभावी तरीका हो सकता है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsवर्ल्डमीटर्स वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में अब तक 31,00,387 जांच हुई है जो कि प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 9,367 है।विजय राघवन ने कहा कि मौजूदा समय में अभी संक्रमित मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता तकनीक के माध्यम से नहीं किया जाता है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने गुरुवार (16 अप्रैल) कहा कि देश में खास तौर पर चिह्नित स्थान और क्षेत्रों में कोरोना वायरस (Coronavirus) की एकाग्राता और कुशलता से जांच होनी चाहिए।

बेनेट विश्वविद्यालय की ओर से 'कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई-बायोटेक से बचाव तक' विषय पर आयोजित ऑनलाइन सम्मेलन में विजय राघवन ने कोरोना वायरस मामले का पता लगाने में डिजिटल तकनीक का सहारा लेने पर भी जोर दिया। उनका कहना था कि बंद के बाद कोरोना वायरस के मामले का पता लगाने में यह एक प्रभावी तरीका हो सकता है। 

विजय राघवन ने पर्याप्त जांच के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, 'कई लोग पूरे भारत की जनसंख्या के मुकाबले जांच के स्तर की बात कर रहे हैं। वह भाजक बड़ा है। हालांकि आपको करना यह पड़ेगा कि आप देश में क्षेत्र, स्थान की पहचान करें और वहां जांच करें तथा उसे भाजक के रूप में (यानी कुल जनसंख्या से भाग देकर करें) देखें। जैसे कि बड़े शहर, प्रभावित क्षेत्र, जिला और आदी।' 

उन्होंने कहा, 'जांच न केवल पर्याप्त संख्या में होनी चाहिए बल्कि यह एकाग्रता और कुशलता के साथ होनी चाहिए। उस कदम के बाद भी लोग यह तर्क देंगे कि हमें और अधिक जांच करनी चाहिए। वास्तव में, जांच काफी बढ़ा है।' उन्होंने कहा कि देश में अब 150 से ज्यादा जांच स्थल हैं। विशेषज्ञ लगातार जांच को बढ़ाने की बात कर रहे हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से हासिल किए गए आंकड़ों के अनुसार 14 अप्रैल तक कुल 2,44,893 जांच हुए हैं जो कि पिछले दिन (2,17,554) के मुकाबले 27,339 है। 

वर्ल्डमीटर्स वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में अब तक 31,00,387 जांच हुई है जो कि प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 9,367 है। वहीं भारत में 2,44,893 जांच हुए हैं जो कि प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 177 व्यक्ति है। यह वेबसाइट कोरोना वायरस मामले और जांच के आंकड़े वैश्विक तौर पर जुटाती है। स्पेन और इटली में क्रमश: 6,00,000 और 10,73,689 जांच हुए हैं। यहां हजारों लोगों की मौत हुई है। विजय राघवन ने कहा कि मौजूदा समय में अभी संक्रमित मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता तकनीक के माध्यम से नहीं किया जाता है। 

अभी व्यक्तिगत तौर पर ही ऐसे लोगों की पहचान की जाती है, संक्रमण के लक्षण देखे जाते हैं और उन्हें पृथक किया जाता है। उन्होंने कहा, 'समस्या यह है कि कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण में कई लोग जो संक्रमण फैलाने का कारक बनते हैं, उनमें लक्षण बिल्कुल नहीं दिखता है।' सलाहकार ने कहा, 'इसलिए हमें बिल्कुल अलग तरह से संपर्क पता लगाने की जरूरत है। यह डिजिटल तकनीक से किया जा सकता है।'

उन्होंने संपर्क को डिजिटल तरीके से पता लगाने को समझाते हुए कहा कि अगर किसी के पास स्मार्ट फोन है तो उसे अपना ब्लूटूथ और जीपीएस ऑन रखना है ताकि फोन से यह पता लग सके कि कौन सा व्यक्ति किसके कितने नजदीक है। 

उन्होंने कहा, 'बाद में अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाता है तो आप आंकड़े निकालकर उन सभी लोगों की पहचान 10-15 दिन में कर सकते हैं जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया होगा, खास तौर पर जो उसके सबसे करीब होगा। इससे बिना लक्षण दिखने वाले व्यक्ति को भी पृथक करने में मदद मिलेगी क्योंकि हो सकता है जिस व्यक्ति में लक्षण न दिखे, वह भी संक्रमित हो।' उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु एप के माध्यम से ऐसा किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा, 'अगर आर्थिक क्षेत्र में बंद हटाया जाता है और हम अपनी आर्थिक गतिविधियां शुरू करते हैं तो यह आपको उस स्थिति में ले जा सकता है जहां से आप ई-पास हासिल कर सकते हैं और यह डिजिटल माध्यम का सहारा लेकर आप यह जान सकते हैं कि आप सुरक्षित हैं।' आरोग्य सेतु मोबाइल एप कोरोना वायरस मरीजों का पता लगाने के लिए बनाया गया है। 

यह प्रधानमंत्री कार्यालय और नीति आयोग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय द्वारा तैयार की गई समिति के सक्रिय प्रयास से बनाया गया है। भारतीय सेना और लोक सेवा प्रसारक प्रसार भारती ने कर्मचारियों को इस एप का इस्तेमाल करने की सिफारिश की है और इसे शुरू करने के 13 दिन के भीतर पांच करोड़ लोगों ने इसे डाउनलोड किया है।

Web Title: Coronavirus should be tested with concentration and efficiency: Chief Scientific Adviser to central government

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