कोरोना वायरस: पुणे के अस्पताल में वरिष्ठ डॉक्टर कोविड-19 से संक्रमित
By भाषा | Published: April 18, 2020 04:21 PM2020-04-18T16:21:07+5:302020-04-18T16:26:12+5:30
पुणे के ससून अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इस अस्पताल में डॉक्टर के अलावा तीन नर्स भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुकी हैं.
पुणे के ससून जनरल अस्पताल का 52 वर्षीय डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। ससून अस्पताल महाराष्ट्र के पुणे शहर में कोविड-19 के इलाज के लिए चिह्नित अस्पताल है और अभी तक इस अस्पताल में कोरोना वायरस से संबंधित 40 से अधिक मौत हुई हैं।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘संक्रमित व्यक्ति ससून में कोविड-19 मरीजों का इलाज करने वाला एक वरिष्ठ डॉक्टर है। कुछ दिनों पहले उन्होंने सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की थी और खुद अस्पताल में भर्ती हो गए।’’ उन्होंने बताया कि डॉक्टर के जांच नतीजों में गुरुवार को संक्रमण की पुष्टि हुई और उनकी हालत स्थिर है। अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर के संपर्क में आए उच्च जोखिम वाले लोगों का पता लगा लिया गया है और उन्हें आइसोलेट कर दिया गया है। हाल ही में आइसोलेशन वॉर्ड में काम कर रही तीन नर्स भी संक्रमित पाई गई थीं।
नागपुर में कोविड-19 के चार और मरीज मिले
महाराष्ट्र के नागपुर में कोरोना वायरस संक्रमण के चार और मामले सामने आए हैं जिन्हें मिलाकर यहां संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 63 हो गई है। इस संबंध में एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि बीते 24 घंटे में सामने आए ये सभी मामले कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा, “सभी को पृथकवास में भेज दिया गया है।”
महाराष्ट्र में कोविड-19 के 118 नए मामले
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमण के शुक्रवार को 118 नए मामले आने के साथ ही राज्य में अभी तक 3,320 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। अभी तक कुल 201 लोगों की मौत संक्रमण के कारण हुई है। इलाज के बाद संक्रमण मुक्त होकर 331 लोग अपने घर लौट चुके हैं। अभी तक 61,740 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के लिए जांच हुई है।
राज्य में अभी तक संक्रमण के 3,320 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें से 2,085 मामले मुंबई के हैं। वहीं कुल 201 मौतों में से 122 लोगों की मौत अकेले मुंबई शहर में हुई है। राज्य में 330 निषिद्ध क्षेत्र हैं और 5,850 सर्वे दलों ने 20 लाख से ज्यादा लोगों की जांच की है।