कोरानाः गोवा में अकेले रह रहे वरिष्ठ नागरिक लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित, जरूरी सामान और दवाएं लाने में हैं असमर्थ

By भाषा | Published: April 14, 2020 12:31 PM2020-04-14T12:31:39+5:302020-04-14T12:31:39+5:30

गोवाः सीएचएआई क्रिएटिव और रिटर्न ऑफ मिलियन स्माइल्स की निदेशक केवल कपूर ने कहा कि बंद प्रभावी होने के बाद से ज्यादातर भारतीय पहली बार एकांतवास का एहसास कर रहे हैं।

Coronavirus: Senior citizens living alone in Goa are badly affected by the lockdown | कोरानाः गोवा में अकेले रह रहे वरिष्ठ नागरिक लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित, जरूरी सामान और दवाएं लाने में हैं असमर्थ

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Highlightsगोवा में कोरोना वायरस के मद्दनेजर लागू लॉकडाउन ने अकेले रह रहे कई वरिष्ठ नागरिकों को असहाय एवं उदास रहने पर मजबूर कर दिया है। गोवा में बुजुर्ग लोगों की अच्छी-खासी संख्या है जो अकेले रहते हैं क्योंकि उनके बच्चे विदेशों में रह रहे हैं।

पणजी: गोवा में कोरोना वायरस के मद्दनेजर लागू लॉकडाउन ने अकेले रह रहे कई वरिष्ठ नागरिकों को असहाय एवं उदास रहने पर मजबूर कर दिया है जो खुद के लिए जरूरी सामान और दवाएं ला पाने में असमर्थ हैं। गोवा में बुजुर्ग लोगों की अच्छी-खासी संख्या है जो अकेले रहते हैं क्योंकि उनके बच्चे विदेशों में रह रहे हैं। पणजी के पास मंडोवी नदी पर स्थित दीवर द्वीप ऐसी ही एक जगह है जहां वरिष्ठ नागरिक पुर्तगाल काल के अपने घरों में अकेले रह रहे हैं। यह द्वीप सब तरफ से पानी से घिरा हुआ है और यहां केवल नौकाओं से जाया जा सकता है।

बंदी के दौरान, दीवर द्वीप पर रह रहे लोगों को जरूरी सामान लेने में दिक्कत आ रही है। मफालदीन अल्मीडा (70) छह महीने पहले अपने पति के देहांत के बाद से इस द्वीप पर अकेले रह रही हैं। वह पूर्व में कैंसर से पीड़ित रही हैं। उनकी तीन बेटियां हैं।

अल्मीडा ने बताया, “मेरी दो बेटियां गोवा के तलीगो और मर्सस गांव में रहती हैं जबकि तीसरी बेटी दुबई में । बंद की वजह से वे मेरे पास नहीं पहुंच पा रही हैं।” उन्होंने इस पर दुख जताया कि, “परामर्श में वरिष्ठ नागरिकों के अतिसंवेदनशील होने के कारण घर उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है लेकिन उन्हें कोई मदद भी नहीं मिल रही।”

अल्मीडा अब इस बात से चिंतित हैं कि उनकी दवाइयां और जरूरी सामान धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। यही हाल अल्मीडा के पड़ोस में रहने वाली एक अन्य बुजुर्ग महिला का है। दोनों महिलाओं ने कहा कि वे फोन पर बातचीत कर एक-दूजे को दिलासा देती हैं।

सीएचएआई क्रिएटिव और रिटर्न ऑफ मिलियन स्माइल्स की निदेशक केवल कपूर ने कहा कि बंद प्रभावी होने के बाद से ज्यादातर भारतीय पहली बार एकांतवास का एहसास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जहां 60 वर्ष से कम उम्र के लोग नौकरी और पारिवारिक जिम्मेदारी में व्यस्त रहते हैं वहीं वरिष्ठ नागरिक अनिश्चितता, भय और घबराहट से जूझ रहे हैं।”

Web Title: Coronavirus: Senior citizens living alone in Goa are badly affected by the lockdown

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