Coronavirus: कोरोना मामले में SC का मोदी सरकार को सख्त निर्देश, कहा- सरकारी या निजी लैब में कोविड-19 जांच मुफ्त हो
By अनुराग आनंद | Published: April 8, 2020 07:27 PM2020-04-08T19:27:50+5:302020-04-08T20:00:58+5:30
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि कोविड-19 जांच एनएबीएल से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं या डब्ल्यूएचओ या आईसीएमआर द्वारा मंजूरी प्राप्त किसी एजेंसी में ही की जाये।
नई दिल्ली: देश भर तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है। यही वजह है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को कुछ सख्त निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोरोना टेस्ट सरकारी या निजी लैब में मुफ्त करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को कोविड-19 जांच मुफ्त करने के लिए निर्दिष्ट प्रयोगशालाओं को निर्देश जारी करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 जांच एनएबीएल या डब्ल्यूएचओ (WHO) से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से ही कराए जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह जरूरी है कि जांच आईसीएमआर (ICMR) द्वारा मंजूरी प्राप्त किसी एजेंसी में ही की जाए।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने वकील शशांक देव सुधी की याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर किसी समुदाय और इलाके पर ठप्पा नहीं लगाया जा सके इस बात का भी ध्यान रखने के लिए सरकार को दिए निर्देश में कोर्ट ने कहा है।
Supreme Court issued following interim directions to Centre: Tests relating to COVID19 whether in approved govt laboratories or approved private labs shall be free of cost,the Apex Court said and that Centre shall issue necessary directions in this regard immediately (1/3) pic.twitter.com/p7MPMEomzk
— ANI (@ANI) April 8, 2020
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बुधवार को बढ़कर 5,274 हो गये जबकि इससे हुयी मौत का आंकड़ा 149 पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मंगलवार से कोरोना संक्रमण के 773 मामले सामने आये और इस दौरान 32 लोगों की मौत हुई है।
अग्रवाल ने संक्रमण की गति को रोकने के लिये लागू लॉकडाउन को प्रभावी बताते हुये कहा कि संक्रमण को रोकने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से स्थानीय लोगों को इस संक्रामक बीमारी के बारे में जागरुक करने तथा चिकित्सा उपायों को प्रभावी बनाने पर जोर दिया जा रहा है।