5 से 30 हजार रुपये में राशन कार्ड को गिरवी रख रहे हैं मजदूर, प्रशासन ने साहूकारों से लिखित में लिया- वे दोबारा नहीं करेंगे ऐसा काम
By भाषा | Published: April 17, 2020 07:16 PM2020-04-17T19:16:23+5:302020-04-17T19:16:23+5:30
बीडीओ ने कहा कि यह गैरकानूनी है। साहूकार और राशन कार्ड गिरवी रखने वाले दिहाड़ी मजदूर दोनों ने कानून का उल्लंघन किया हैं।
पुरुलिया (पश्चिम बंगाल)। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने अगले छह महीने तक मुफ्त में राशन बांटने की योजना शुरू किए जाने के बाद पुरुलिया जिले के झालद ब्लॉक में पैसे के बदले कई लोगों द्वारा राश्न कार्ड को गिरवी रखने की घटना सामने आई है।
जिला अधिकारियों ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही उचित कार्रवाई की गई और सभी राशन कार्ड उनके असली मालिकों को लौटाए गए। उन्होंने बताया कि झालदा ब्लॉक-1 के सरजूमातुर इलाके में दिहाड़ी मजदूरों ने पांच से 30 हजार रुपये के बदले में साहूकारों के पास अपने राशन कार्ड गिरवी रखे थे। ऐसा इस इलाके में लंबे समय से किया जा रहा था। 20 से अधिक परिवारों के राशन कार्ड साहूकारों के पास मिले।
झालदा के प्रखंड विकास अधिकार (बीडीओ) राजकुमार बिस्वास ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘साहूकार और राशन कार्ड गिरवी रखने वाले दिहाड़ी मजदूर दोनों ने कानून का उल्लंघन किया हैं। यह गैरकानूनी है, कोई सरकारी सम्पत्ति कैसे गिरवी रख सकता है? जैसे ही हमें इस मामले का पता चला, हमने कार्ड लेकर उनके असली मालिकों को लौटा दिए ताकि वे राशन ले सके।’’
बिस्वास ने कहा कि साहूकारों ने हमें लिखित में दिया है कि वे ऐसा दोबारा नहीं करेंगे। गौारतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने पिछले महीने साढ़े सात करोड़ लोगों को सितम्बर तक मुफ्त में राशन देने की घोषणा की थी।