Rajasthan ki khabar: रिचा और उनकी सास ने रसोईघर का दरवाजा खोला, रोजाना 400 जरूरतमंदों को खाना बनाती हैं...

By भाषा | Published: May 19, 2020 09:27 PM2020-05-19T21:27:07+5:302020-05-19T21:27:07+5:30

राजस्थान के कोटा में अलग ही कहानी है। रिया, उनकी सास और पति रोज 400 लोगों को खाना खिला रहे हैं। उन्होंने अपना रसोईघर सबके लिए खोल दिया है। कोई भी आकर भोजन कर सकता है।

Coronavirus rajasthan kota family opens up its kitchen to the needy amid lockdown | Rajasthan ki khabar: रिचा और उनकी सास ने रसोईघर का दरवाजा खोला, रोजाना 400 जरूरतमंदों को खाना बनाती हैं...

परिवार ने फैसला किया कि घर की महिलाएं खाना बनाएंगी और पुरुष सदस्य उसे पैकेट बनाकर बांटने का काम करेंगे। (file photo)

Highlightsशहर के दादाबाड़ी इलाके में रहने वाला यह जैन परिवार 22 मार्च को लागू जनता कर्फ्यू के दिन से यह सेवा कार्य कर रहा है।लॉकडाउन की वजह से कई लोगों के भूखे रहने के बारे में सुनने के बाद उनकी थोड़ी मदद करने को सोचा।

कोटाः राजस्थान स्थित कोटा की रहने वाली रिचा और उनकी सास ने जरूरतमंदों के लिए अपने रसोईघर का दरवाजा खोल दिया है। वे रोजाना करीब 400 जरूरतमंदों के लिए खाना बनाती हैं जबकि उनके ससुर और पति खाने के पैकेट बनाने और बांटने का काम करते हैं।

शहर के दादाबाड़ी इलाके में रहने वाला यह जैन परिवार 22 मार्च को लागू जनता कर्फ्यू के दिन से यह सेवा कार्य कर रहा है। सामाजिक कार्य विषय में परास्नातक रिचा ने बताया कि उन्होंने, लॉकडाउन की वजह से कई लोगों के भूखे रहने के बारे में सुनने के बाद उनकी थोड़ी मदद करने को सोचा।

रिचा के मुताबिक, उन्होंने परिवार से पूछा कि क्या बेटी के चौथे जन्मदिन पर भव्य पार्टी देने के लिए बचाकर रखे गए पैसे का इस्तेमाल जरूरतमंदों को खाना खिलाने में किया जा सकता है? उन्होंने बताया कि बीमा अधिकारी के तौर पर कार्यरत पति चंचल जैन, सास गायत्री जैन और ससुर पवन जैन ने मेरे विचार का स्वागत किया और इस प्रकार परिवार ने फैसला किया कि घर की महिलाएं खाना बनाएंगी और पुरुष सदस्य उसे पैकेट बनाकर बांटने का काम करेंगे।

रिचा ने झोपड़पट्टियों में रहने वाले लोगों को खाना खिलाने की मुहिम का नाम ‘घर की रसोई’ दिया और इसकी खबर जब फैली तो कई परोपकारी लोग भी मदद को आए और रसोई घर को चलाने में सहायता मिलने लगी। रिचा ने बताया, ‘‘ मैं अपनी सासू मां के साथ मिलकर खाना बनाती हूं और पति एवं ससुर उनके पैकेट बना जरूरतमंदों को बांटने का काम करते हैं। ’’

उन्होंने दावा किया कि रोजना वह 400 खाने का पैकेट बांट रही हैं। उन्होंने बताया, ‘‘ कृतिका श्रींगी नीत कोटा सुपर मॉम और अभिलाषा क्लब ऑफ वुमेन सहित कई लोग और समूह एवं कुछ पड़ोसी घर की रसोई पहल में आर्थिक मदद को आगे आए और संकट के इस समय में लोगों की मदद करने के इस मिशन को मजबूत किया है। ’’

रिचा के मुताबिक, खाने के पैकट छात्रावास और पीजी में लॉकडाउन की वजह से फंसे छात्रों को भी पहुंचाये जा रहे हैं। हालांकि, अधिकतर छात्र अपने गृह प्रदेशों को लौट चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम फोन कॉल आने पर भी मुफ्त में खाने के पैकेट दे रहे हैं और जरूरतमंद को सूखा राशन भी मुहैया करा रहे हैं।’’

चंचल जैन ने बताया, ‘‘ हमने 30 अप्रैल को बेटी ख्याति के चौथे जन्मदिन पर भव्य पार्टी देने की योजना बनाई थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से यह संभव नहीं था। मेरी पत्नी ने पार्टी के लिए बचाए गए पैसे का इस्तेमाल इस नेक काम में इस्तेमाल करने का प्रस्ताव किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों की सेवा से हमें संतोष मिलता है।’’ 

Web Title: Coronavirus rajasthan kota family opens up its kitchen to the needy amid lockdown

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