Coronavirus: राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला- 75 प्रतिशत तक वेतन स्थगित, जानें किस-किसकी कटेगी सैलरी
By प्रदीप द्विवेदी | Published: April 1, 2020 05:44 AM2020-04-01T05:44:03+5:302020-04-01T05:44:03+5:30
इसी तरह अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का मार्च माह का 60 प्रतिशत वेतन, राज्य सेवा एवं अधीनस्थ सेवा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का 50 प्रतिशत वेतन तथा चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को छोड़कर अन्य कार्मिकों का मार्च माह के सकल वेतन (ग्रोस सैलेरी) का 30 प्रतिशत वेतन स्थगित रखा जाएगा. साथ ही सेवानिवृत्त पेंशनर्स की मार्च माह की सकल पेंशन का 30 प्रतिशत हिस्सा भी स्थगित रखा जाएगा.
कोरोना वायरस ने राजस्थान की आर्थिक व्यवस्था को तगड़ा झटका दिया है, लेकिन प्रदेश सरकार की आर्थिक जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं, लिहाजा इस स्थिति में आर्थिक संतुलन कायम करने के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं. सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक हुई जिसमें बताया गया कि लॉक डाउन के कारण प्रदेश में अधिकतर औद्योगिक इकाइयां एवं व्यावसायिक गतिविधियां बंद हैं. नतीजा यह है कि राजस्व अर्जन से संबंधित कई विभागों में भी कामकाज प्रभावित हुआ है. इसके चलते मार्च माह में अनुमानित 17 हजार करोड़ रुपये के राजस्व अर्जन में बड़ी कमी आई है. न केवल राजस्थान बल्कि लगभग सभी राज्यों में राजस्व अर्जन में गिरावट आई है.
इसी के मद्देनजर मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय किया कि मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक, समस्त विधायकगण के मार्च माह की ग्रोस सैलेरी का 75 प्रतिशत हिस्सा डेफर रखा जाएगा.
इसी तरह अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का मार्च माह का 60 प्रतिशत वेतन, राज्य सेवा एवं अधीनस्थ सेवा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का 50 प्रतिशत वेतन तथा चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को छोड़कर अन्य कार्मिकों का मार्च माह के सकल वेतन (ग्रोस सैलेरी) का 30 प्रतिशत वेतन स्थगित रखा जाएगा. साथ ही सेवानिवृत्त पेंशनर्स की मार्च माह की सकल पेंशन का 30 प्रतिशत हिस्सा भी स्थगित रखा जाएगा.
हालांकि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के सभी संवर्गों के अधिकारियों-कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों तथा संविदा एवं मानदेय पर कार्यरत कार्मिकों को वेतन स्थगन से मुक्त रखा गया है.
मंत्रिपरिषद ने यह भी निर्णय किया कि संकट की इस घड़ी में 36 लाख 51 हजार बीपीएल, स्टेट बीपीएल एवं अंत्योदय योजना के लाभार्थियों तथा 25 लाख निर्माण श्रमिकों एवं पंजीकृत स्ट्रीट वेण्डर्स में से जो करीब 31 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के दायरे में नहीं आते हैं, उन्हें पूर्व में एक हजार रुपये की अनुग्रह राशि दी गई थी, इन वर्गों को और संबल देने के लिए 1500 रुपये की राशि और दी जाएगी. इस पर 500 करोड़ रुपये व्यय होंगे. इससे उन्हें अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिल सकेगी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश में साामजिक सुरक्षा पेंशन के 78 लाख लाभार्थियों को मार्च माह की पेंशन का वितरण एक अप्रेल से प्रारम्भ हो जाएगा और एक सप्ताह में सभी लाभार्थियों को पेंशन वितरण का कार्य पूरा किया जाएगा. इस पर राज्य सरकार करीब 700 करोड़ रुपये वहन करेगी.
याद रहे, फरवरी माह तक की पेंशन के रूप में 700 करोड़ रुपये का भुगतान भी राज्य सरकार ने इस सप्ताह ही किया है.