कोरोना संकट: मुस्लिमों ने उठाया बड़ा कदम, लखनऊ की 800 मस्जिदों में नहीं पढ़ी गई जुमे की नमाज
By भाषा | Published: March 27, 2020 04:10 PM2020-03-27T16:10:41+5:302020-03-27T16:10:41+5:30
कोरोना वायरस के प्रकोप पर काबू पाने के लिए देश भर में लॉकडाउन को देखते हुए लखनऊ के मुस्लिम धर्मगुरुओं :मौलानाओं: की अपील पर करीब 800 छोटी-बड़ी मस्जिदों में जुमे (शुक्रवार दोपहर पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज) की नमाज नही पढ़ी गई। हजारों मुसलमानों ने घरों में ही नमाज अदा की।
शहर की जामा मस्जिद ईदगाह के इमाम खालिद रशीद फिरंगी महली और दारूल उलूम नदवतुल उलेमा के प्रधानाचार्य सईदुररहमान आजमी नदवी ने मुस्लिम समाज से शुक्रवार की नमाज मस्जिद के बजाय घरों में अदा करने की अपील की थी। वहीं इमाम-ए- जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने जुमे की विशेष नमाज दो सप्ताह के लिए स्थगित करने का एलान पहले ही कर दिया था।
जामा मस्जिद ईदगाह के इमाम फिरंगी महली ने शुक्रवार को कहा, ''तमाम मौलानाओं की मुस्लिम समाज से की गयी अपील काम आयी और मुस्लिम समाज के लोग आज जुमे की नमाज पढ़ने मस्जिदों में नहीं आए तथा उन्होंने घरों में ही नमाज अदा की।''
उन्होंने बताया कि वैसे तो लखनऊ में छोटी- बड़ी करीब 800 मस्जिदें है जिनमें करीब 50 मस्जिदों में जुमे की नमाज में सैकड़ों मुसलमान एक साथ जुटते हैं। इन मस्जिदों में टीले वाली मस्जिद, जामा मस्जिद ईदगाह, आसिफी मस्जिद, नदवा मस्जिद, मौलवीगंज की मस्जिद खास, लालबाग मस्जिद प्रमुख हैं।
मौलाना फिरंगी महली ने बताया कि देश में इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा है और पूरे देश में लॉकडाउन भी है, इसलिये मुसलमानों से अपील की गयी थी कि वे जुमे की नमाज घर में ही पढ़ें। इसके अलावा दिन में पांच बार पढ़ी जाने वाली नमाज भी घर पर अदा करें। शहर की कई मस्जिदों के बाहर ऐसे बोर्ड भी लगे दिखे जिन पर लिखा था कि ''आप लोग नमाज घर में अदा करें।''