Coronavirus: हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और पेरासिटामोल पर जारी रहेगा प्रतिबंध
By स्वाति सिंह | Published: April 7, 2020 10:48 AM2020-04-07T10:48:35+5:302020-04-07T10:48:35+5:30
भारत ने मंगलवार को मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और पेरासिटामोल के निर्यात पर आंशिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।
दुनिया भर में पांव पसार चुके कोरोना वायरस के बचने के लिए केंद्र और राज्यें सरकारे अपने-अपने स्तर पर काम कर रही है। लेकिन अभी तक इस वायरस से बचने के लिए कोई इलाज सामने नहीं आया है। इसी बीच यह खबर है कि मलेरिया और बुखार की कुछ दवाएं कोरोना वायरस के संक्रमित के इलाज में मददगार हो रही हैं। जिसके बाद से इन दवाओं की मांग बढ़ गई है।
इसी बीच खबर है कि भारत ने मंगलवार को मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और पेरासिटामोल के निर्यात पर आंशिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। जब दुनियाभर में 10 लाख से ज्यादा लोगों में कोरोना पॉजिटिव देखा जा रहा है। ऐसे में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट को एक समाधान के रूप में देखा जा रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दवाइयों के निर्यात से आंशिक रूप से प्रतिबंध हटाने के बाद भी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और पैरासिटामोल की बिक्री पर पाबंदियां लागू रहेंगी। घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद स्टॉक की उलब्धता के आधार पर मौजूदा ऑर्डर्स को क्लियर किया जाएगा। ऐसे आवंटन पर फार्मा और विदेश मंत्रालय मिलकर मानवीय आधार पर निर्णय लेंगे।
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के आर्डर की आपूर्ति करने का आग्रह किया था। वहीं, मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यदि भारत अनुरोध के बावजूद अमेरिका को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा के निर्यात की अनुमति नहीं देता है तो उन्हें हैरानी होगी।
पिछले हफ्ते ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है ताकि भारत अमेरिकी में हाइड्रोक्सी क्लोरीक्वाइन की बिक्री की इजाजत दे। इससे कुछ घंटे पहले ही भारत ने मलेरिया की इस दवा के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था। अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के रोगियों की बढ़ती संख्या के बीच उनके इलाज के लिए इस दवा के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है। ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे हैरानी होगी अगर वह (ऐसा) करेंगे, क्योंकि आप जानते हैं कि भारत का अमेरिका के साथ व्यवहार बहुत अच्छा रहा है।’’ कोरोना वायरस से अमेरिका में अब तक 10,000 से अधिक अमेरिकी लोगों की जान जा चुकी है और 3।6 लाख से अधिक संक्रमित हैं। मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन को कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल किया जा रहा है।
अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा था कि भारत दवा क्षेत्र में अमेरिका का प्रमुख सहयोगी रहा है और अमेरिका को उम्मीद है कि दोनों देशों में यह तालमेल जारी रहेगा। भारत ने पिछले महीने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जबकि कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए ट्रंप इस दवा की जोरदार वकालत कर रहे हैं। भारत को श्रीलंका और नेपाल जैसे अपने पड़ोसी देशों सहित कई अन्य देशों से भी इस तरह के अनुरोध मिले हैं। भारत ने कहा है कि वह अपने निर्यात प्रतिबंध आदेश की समीक्षा कर रहा है।