भारत में कोविड लहरः अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब और यूरोपीय संघ ने हाथ बढ़ाए, जानें सबकुछ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 27, 2021 05:48 PM2021-04-27T17:48:45+5:302021-04-27T17:50:07+5:30
Coronavirus Pandemic: देश में एक दिन में 3,23,144 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के बाद मंगलवार को संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,76,36,307 हो गयी।
Coronavirus Pandemic: कोविड-19 के बढ़ते मामलों से जूझ रहे भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिकित्सा उपकरण और सामग्री भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बाइडन प्रशासन ने कहा है कि वह भारत को मदद उपलब्ध कराने के लिए 24 घंटे काम कर रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में भयावह वृद्धि के बीच भारत ने ऑक्सीजन कंटेनर और सिलेंडर प्राप्त करने के लिए कई देशों से संपर्क किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भारत को घातक कोरोना वायरस संकट से निपटने में मदद देने के लिए आवश्यक चिकित्सीय जीवनरक्षक आपूर्ति और उपकरण समेत हर तरह का सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
बाइडन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘जैसे भारत ने अमेरिका को तब मदद भेजी थी जब वैश्विक महामारी की शुरुआत में हमारे अस्पतालों पर दबाव बहुत बढ़ गया था, वैसे ही हम जरूरत के इस वक्त में भारत की मदद के लिए दृढ़ हैं।” राष्ट्रपति सप्ताहांत डेलावेयर में अपने घर में बिता रहे हैं लेकिन समझा जाता है कि वह भारत में हो रहे घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए हैं।
हैरिस ने ट्वीट किया, “अमेरिका कोविड-19 के चिंताजनक प्रकोप के दौरान अतिरिक्त सहयोग एवं आपूर्ति भेजने के लिए भारत सरकार के साथ करीब से काम कर रहा है। सहायता देने के साथ ही हम भारत के निडर स्वास्थ्यकर्मियों समेत उसके नागरिकों के लिए प्रार्थना भी कर रहे हैं।”
बाइडन और हैरिस के ट्वीट भारत में कोविड-19 के हालिया घातक प्रकोप के बाद शीर्ष अमेरिकी नेतृत्व की ओर से दी गई पहली प्रतिक्रिया है। अमेरिका में भारत के मित्रों ने देश के सहयोगी की मदद में धीमी प्रतिक्रिया के लिए दोनों की आचोलना की थी। आलोचना करने वालों में उनकी अपनी ही पार्टी के नेता भी हैं।
अमेरिका के शीर्ष सांसद संकट की इस घड़ी में भारत को स्वास्थ्य सहयोग एवं सामग्री उपलब्ध कराने के लिए बाइडन प्रशासन से लगातार अपील कर रहे हैं। जब देश की संसद राजनीतिक विचारों को लेकर दो धुर विरोधी खेमों में बंटी हुई है, ऐसे में बेहद दुर्लभ कदम उठाते हुए, सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद मार्क वार्नर और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कोर्निन ने संयुक्त रूप से व्हाइट हाउस का आह्वान कर भारत की मदद को बढ़ाने एवं गति देने को कहा है।
वार्नर ने कहा, “सीनेट के भारत कॉकस के सह प्रमुखों के तौर पर हम कोविड-19 संकट के बीच भारत में हमारे मित्रों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास करने की अपील करते हैं।” अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टीन लॉयड ने रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन को भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों को हरसंभव जरूरी मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
भारत ने अमेरिका से कोविशील्ड टीके के उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति का आग्रह किया है। कोविड-19 के मामले हाल में बढ़ जाने के बाद भारत के लोगों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हुए अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने अपने समकक्ष अजित डोभाल को रविवार को फोन कर भारत के साथ अमेरिका की एकजुटता की पुन: पुष्टि की।
अमेरिकी एनएसए की प्रवक्ता एमिली होर्न ने फोन के बाद कहा, “जैसे भारत ने अमेरिका को तब मदद भेजी थी जब वैश्विक महामारी की शुरुआत में हमारे अस्पतालों पर दबाव बहुत बढ़ गया था, वैसे ही हम जरूरत के इस वक्त में भारत की मदद के लिए दृढ़ हैं।” गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते संकट का सामना कर रहे भारत की मदद का आश्वासन दिया है।
गूगल के भारतीय मूल के सीईओ पिचाई ने ट्वीट किया, ''भारत में बदतर होते कोविड संकट को देखकर दुखी हूं। गूगल और गूगलर्स चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति, उच्च जोखिम वाले वर्गों की मदद कर रहे संगठनों की सहायता और महत्वपूर्ण सूचना के प्रसार में मदद के लिए गिव इंडिया और यूनिसेफ को 135 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान कर रही है।''
माइक्रोसॉफ्ट के भारतीय मूल के सीईओ नडेला ने कहा कि उनकी कंपनी राहत कार्यों और ऑक्सीजन उपकरण खरीदने में सहयोग के लिए अपने संसाधनों और तकनीक का इस्तेमाल करती रहेगी। नडेला ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस से उत्पन्न मौजूदा स्थिति को देखकर उनका ''दिल टूट'' गया है।
उन्होंने कहा, ''भारत में मौजूदा हालात से मेरा दिल टूट गया है। मैं शुक्रगुजार हूं कि अमेरिकी सरकार मदद कर रही है। माइक्रोसॉफ्ट राहत कार्यों में अपनी पहुंच, संसाधनों और तकनीक का इस्तेमाल करती रहेगी और महत्वपूर्ण ऑक्सीजन संकेंद्रण उपकरण खरीदने में मदद करेगी।''
अमेरिका के सर्जन जनरल डॉक्टर विवेक मूर्ति ने कहा कि भारत को अमेरिका द्वारा दी जा रही मदद में टीका उत्पादन के लिए कच्ची सामग्री, त्वरित जांच किट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन आपूर्ति और वित्तीय सहायता आदि शामिल है। न्यूयॉर्क के जेएफके हवाईअड्डे से आज 318 फिलिप्स ऑक्सीजन सांद्रक एअर इंडिया के विमान से दिल्ली पहुंचे।
ब्रिटेन ने भारत को जीवनरक्षक सहायता की पहली खेप भेजी है जो मंगलवार को नयी दिल्ली पहुंचेगी। इसमें वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सांद्रक जैसी चीजें शामिल हैं। अभी इस सप्ताह भेजी जाने वाली और भी खेप जुटाई जा रही है। यूरोपीय संघ ने भी भारत को मदद का आश्वासन दिया है।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने आज कहा कि उनका देश भारत को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और पीपीई किट भेजेगा। सऊदी अरब ने भारत को 80 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन भेजी है। वहीं, शनिवार को भारतीय वायुसेना सिंगापुर से चार क्रायोजेनिक टैंक लेकर भारत पहुंची थी जिनका इस्तेमाल प्राणवायु (ऑक्सीजन) के परिवहन में किया जाएगा।