कोरोना संकटः कैसे होगी अमरनाथ यात्रा, अदालत में पहुंचा मामला, सरकार से पूछा- कोविड19 से निपटने के लिए क्या करेंगें

By सुरेश एस डुग्गर | Published: July 4, 2020 11:01 AM2020-07-04T11:01:37+5:302020-07-04T11:01:37+5:30

Jammu-Kashmir: 5 जुलाई को व्यास पूर्णिमा के दिन से, अमरनाथ यात्रा के इतिहास में पहली बार, 3 अगस्त श्रावण पूर्णिमा वाले दिन तक अमरनाथ की गुफा में सुबह-शाम होने वाली आरती का सीधा प्रसारण होने जा रहा है जिसके लिए दूरदर्शन की टीमों को गुफा तक पहुंचा दिया गया है।

coronavirus pandemic jammu kashmir high court amarnath yatra government | कोरोना संकटः कैसे होगी अमरनाथ यात्रा, अदालत में पहुंचा मामला, सरकार से पूछा- कोविड19 से निपटने के लिए क्या करेंगें

अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया है। (फाइल फोटो)

Highlightsअमरनाथ यात्रा के संबंध में जम्मू हाईकोर्ट ने भी सरकार से उन इंतजामात के बारे में जानकारी देने को कहा है।देर रात प्रदेश प्रशासन ने पूरे कश्मीर को एक बार फिर रेड जोन घोषित कर दिया।

जम्मूः जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने अनलॉक 2.0 के दिशा निर्देश जारी करते हुए कश्मीर वादी के सिर्फ बांडीपोरा जिले को छोड़ पूरी कश्मीर वादी को रेड जोन की कैटेगरी में रखा है। ऐसे में अमरनाथ यात्रा कैसे होगी। यह सवाल सबसे बड़ा है। यही नहीं अब तो एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भी सरकार से उन इंतजामात के बारे में जानकारी देने को कहा है जिसके तहत अगर अमरनाथ यात्रा शुरू होती भी है तो श्रद्धालुओं को कोरोना से कैसे बचाया जाना है।

देर रात प्रदेश प्रशासन ने पूरे कश्मीर को एक बार फिर रेड जोन घोषित कर दिया। कोरोना के फैलने के बाद से ही लॉकडाउन में भी और अनलाक 1.0 में भी कश्मीर रेड जोन में ही था। फर्क इतना है कि अनलॉक 2.0 में सिर्फ बांडीपोरा जिले को ओरेंज जोन में रखा गया है। नतीजतन अमरनाथ यात्रा संपन्न करवाने की तैयारियों पर सवाल उठने लगा है। 

प्रशासन के सामने सबसे बड़ा सवाल यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालु प्रदेश में कैसे आएंगें का है। इसके बहुतेरे कारण हैं। प्रदेश प्रशासन ने फिलहाल 31 जुलाई तक दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर प्रतिबंध जारी रखा है। रेल या हवाई जहाज से आने वालों के लिए 7 से 14 दिनों का क्वारांटाइन रखा गया है। 

अमरनाथ की गुफा से आरती का सीधा प्रसारण

तो क्या अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले दर्शन मात्र के लिए इतनी लंबी यात्रा में शामिल हो पाएंगें, के प्रति कोई भी उत्तर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से नहीं मिला था। यह बात अलग थी कि 5 जुलाई को व्यास पूर्णिमा के दिन से, अमरनाथ यात्रा के इतिहास में पहली बार, 3 अगस्त श्रावण पूर्णिमा वाले दिन तक अमरनाथ की गुफा में सुबह-शाम होने वाली आरती का सीधा प्रसारण होने जा रहा है जिसके लिए दूरदर्शन की टीमों को गुफा तक पहुंचा दिया गया है।

कोर्ट ने प्रशासन को नोटिस किया जारी 

लेकिन इसे भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि कोरोना के बावजूद प्रशासन द्वारा अमरनाथ यात्रा की तैयारियां करने पर अब हाईकोर्ट भी सामने आया है। इस मामले में एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है। इसे सचिन शर्मा नामक वकील की ओर से दायर किया गया है। इसमें कई सवाल उठाए गए हैं। उठाए गए सवालों में सबसे बड़ा सवाल आने वालों को कैसे प्रवेश की अनुमति दी जाएगी और वे ठहरेंगें कहां पर, खाना कहां से खाएंगें। इस जनहित याचिका पर प्रशासन को नोटिस जारी किया जा चुका है औा जल्द जवाब देने के लिए कहा गया है क्योंकि संभावना यह व्यक्त की जा रही है कि 21 जुलाई से 14 दिन के लिए अमरनाथ यात्रा करवाई जा सकती है। पर यह तारीखें आधिकारिक नहीं हैं।

श्राइन बोर्ड की बैठक जल्द 

इतना जरूर था कि श्राइन बोर्ड से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बोर्ड की बैठक जल्द होने वाली है। इसमें यात्रा का स्वरूप तय हो जाएगा। यात्रा 23 जुलाई से तीन अगस्त तक बालटाल रूट से कराने की योजना है। हेलिकाप्टर के जरिये ही श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा तक पहुंचाया जाएगा। हालांकि, बोर्ड की ओर से बालटाल के पैदल रास्ते को भी दुरुस्त कराया जा रहा है।

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