कोरोना वायरस महामारी से 9.3 करोड़ मजदूरों पर पड़ी बुरी मार, इन 5 सेक्टरों की हालत बेहद खराब

By निखिल वर्मा | Published: May 22, 2020 10:36 AM2020-05-22T10:36:33+5:302020-05-22T10:48:07+5:30

कोरोना वायरस महामारी के चलते भारत में 25 मार्च से ही देशव्यापी लॉकडाउन लागू है जो 31 मई 2020 तक जारी रहेगी. इस लॉकडाउन में सबसे ज्यादा नौकरियां प्रवासी मजदूरों की गई है.

coronavirus Pandemic affected as many as 93 million urban workers: GoM report | कोरोना वायरस महामारी से 9.3 करोड़ मजदूरों पर पड़ी बुरी मार, इन 5 सेक्टरों की हालत बेहद खराब

लोकमत फाइल फोटो.

HighlightsCMIE के अनुसार अप्रैल में 11.4 करोड़ नौकरियां खत्म हुई है और बेरोजगारी दर 27.1% की रिकॉर्ड स्तर पर है।लॉकडाउन ने जान बचाई है लेकिन देश अब एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

कोरोना वायरस महामारी के चलते पांच सेक्टरों के करीब 9.3 करोड़ शहरी कामगार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कोविड-19 और देशव्यापी लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा मैन्यूफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र पर पड़ी है। यह जानकारी मंत्रियों के समूह की अध्यक्षता करने वाले केंद्रीय श्रम मंत्री थावरचंद गहलोत ने दी है।

हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार शहरी कामगारों की स्थिति पर पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री कार्यालय को सुझावों के साथ एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। इसमें श्रमिकों का डेटाबेस बनाना, घर लौटने वाले हर प्रवासी मजदूर के लिए जॉब कार्ड, मनरेगा के तहत निजी कारखाना या निर्माण स्थल पर कार्य करने की अनुमति देना और नियोक्ता को मनरेगा मजदूरी से ज्यादा भुगतान करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि थावरचंद गहलोत ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इंकार करते हुए कहा कि यह अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है।

मंत्रियों के समूह ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रवासी श्रमिकों को शहरों में वापस लाने के लिए उनके अंदर विश्वास जगाने की जरूरत है। प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, आंगनवाड़ियों तक पहुंच और प्रशिक्षण के उपाय के अलावा सभी प्रवासी श्रमिकों को आयुष्मान भारत या राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल करना चाहिए। 

समूह ने यह भी बताया कि संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी अपनी नौकरी खोने का खतरा था। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनॉमी (सीएमआईई) ने अनुसार अप्रैल में 11.4 करोड़ नौकरियां खत्म हुई है और बेरोजगारी दर 27.1% की रिकॉर्ड स्तर पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन ने जान बचाई है लेकिन देश अब एक आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। अब जान के साथ ही नौकरियां भी जा रही है। इसकी पहली सिफारिश आर्थिक गतिविधियों को जल्द से जल्द शुरू करना है। बता दें कि सरकार चरणबद्ध तरीकों से आर्थिक गतिविधियां 3 मई से शुरू कर चुकी है। इस हफ्ते सीमित उड़ानों और कुछ नियमित ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने की घोषणा हुई है।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बिस्वजीत धर ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों को तत्काल मदद की आवश्यकता है। सरकार को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के अलावा स्थानीय स्तर पर रोजगार खोजने में मदद करनी चाहिए।

English summary :
Due to the coronavirus Pandemic, a nationwide lockdown is in force in India from March 25, which will continue till May 31, 2020. In this lockdown, the maximum jobs have been done by migrant laborers.


Web Title: coronavirus Pandemic affected as many as 93 million urban workers: GoM report

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