कोरोना संकटः लॉकडाउन के बीच नुकसान से गुजर रही सर्कस कंपनियां, अनिश्चितता के छाए बादल

By भाषा | Published: April 14, 2020 02:25 PM2020-04-14T14:25:06+5:302020-04-14T14:25:06+5:30

पश्चिम बंगाल की सर्कस कंपनियां मार्च के शुरुआत से कारोबार नहीं कर पा रही हैं जब वैश्विक महामारी का भय प्रबल होना शुरू हुआ था।

Coronavirus outbreak: Circus companies going through losses amid lockdown, clouds for uncertainty in west bengal | कोरोना संकटः लॉकडाउन के बीच नुकसान से गुजर रही सर्कस कंपनियां, अनिश्चितता के छाए बादल

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Highlights कोराना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन ने पश्चिम बंगाल में कई लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। राज्य के सबसे पुराने अजंता सर्कस के प्रस्तुतकर्ता फिलहाल पश्चिम बंगाल-बिहार सीमा के पास किशनगंज में फंसे हुए हैं जहां उनके पास भोजन भी कम बचा हुआ है।

कोलकाताः कोराना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन ने पश्चिम बंगाल में कई लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। इनमें सर्कस के मालिक, प्रस्तुति देने वाले कलाकार और सर्कस के जानवर भी शामिल हैं जिनमें से ज्यादातर भोजन भंडार और अन्य जरूरी सामग्रियों के घटने के बीच जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

राज्य भर की सर्कस कंपनियां मार्च के शुरुआत से कारोबार नहीं कर पा रही हैं जब वैश्विक महामारी का भय प्रबल होना शुरू हुआ था। राज्य के सबसे पुराने अजंता सर्कस के प्रस्तुतकर्ता फिलहाल पश्चिम बंगाल-बिहार सीमा के पास किशनगंज में फंसे हुए हैं जहां उनके पास भोजन भी कम बचा हुआ है।

अजंता सर्कर के मालिक रबीबुल हक ने कहा, “ आठ मार्च से, हम किशनगंज में फंसे हुए हैं। हम भय फैलने के बाद यहां से निकल नहीं पाए...फिर बंद लागू हो गया है..हर दिन, खाने, रख-रखाव और ठहरने में 45,000 रुपये का खर्च आता है। हमने पिछले एक महीने में एक पैसा भी नहीं कमाया है।”

हक ने कहा कि वह अपने 60 स्टाफ सदस्यों को पूरी तनख्वाह भी नहीं दे पा रहे हैं। सर्कस आम तौर पर एक या दो कार्यक्रम करते हैं। वे हर 10 -15 दिन में एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। कर्मचारियों को 10,000 से 20,000 रुपये के बीच मिलते हैं जो उनके कौशल और अनुभव पर निर्भर करता है।

एम्पायर सर्कस जो कि 40 साल पुरानी कंपनी है, वह भी पैसे की कमी से जूझते हुए अनिश्चित भविष्य की ओर बढ़ रही है। पिछले 23 दिन से नॉर्थ 24 परगना के हरोआ प्रखंड में फंसे हुए कर्मचारियों और जानवरों के पास पर्याप्त संसाधन हैं। कंपनी के लिए अच्छी बात यह है कि स्थानीय प्रखंड अधिकारी और पंचायत सदस्य उनके लिए हर दिन भोजन की व्यवस्था कर देते हैं।

Web Title: Coronavirus outbreak: Circus companies going through losses amid lockdown, clouds for uncertainty in west bengal

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