बिहार में कोरोना से संक्रमितों की संख्या हुई 31, अब तक 2 लोगों की मौत, प्रशासन ने कहा- संक्रमण की जांच कराने के लिए लोग करें सहयोग
By एस पी सिन्हा | Published: April 4, 2020 04:29 PM2020-04-04T16:29:15+5:302020-04-04T16:29:15+5:30
दरभंगा से खबर आ रही है कि वहां 10 मरकज वाले विदेशी नागरिक दरभंगा में मौजूद हैं, लेकिन उनकी भनक नहीं लग पा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दरभंगा में 10 विदेशी नागरिकों के छिपे होने की सूचना है।
पटना: बिहार में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर बढ़ने लगा है। राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 31 हो गई है, जबकि दो व्यक्ति की मौत हो चुकी है। ऐसे में बिहार में कोरोना के बढ़ते खतरे को लेकर सरकार अलर्ट पर है। मगर बिहार सरकार के लिए मरकज वाले लोग लगातार परेशानी का सबब बने हुए हैं। ऐसे में दरभंगा से खबर आ रही है कि वहां 10 मरकज वाले विदेशी नागरिक दरभंगा में मौजूद हैं, लेकिन उनकी भनक नहीं लग पा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दरभंगा में 10 विदेशी नागरिकों के छिपे होने की सूचना है।
अब इन विदेशियों को छिपाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी करने का आदेश दिया गया है। वहीं, बिहार पुलिस ने 345 ऐसे लोगों को कोरोना जांच में सहयोग की सख्त चेतावनी दी है, जो तब्लीगी मरकज से लौटकर बिहार आए हैं। देशभर में जमात के लोगों के कोरोना संक्रमित होने की खबरों के बाद बिहार पुलिस की खुफिया शाखा को ऐसे 4,597 लोगों की लिस्ट मिली थी, जिनके मोबाइल फोन की लोकेशन एक तय समय में दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मुख्यालय के आसपास मिली थी। उनकी जांच के बाद 345 लोगों की लिस्ट बनाई गई। इनमें सर्वाधिक मधुबनी और अररिया जिले के हैं।
वहीं, दरभंगा में इतनी बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों के होने के बावजूद न तो किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दी और न ही दरभंगा पुलिस को इसकी भनक तक लगी। बताया जा रहा है कि ये सभी विदेशी नागरिक दरभंगा में कई दिनों तक न सिर्फ रहे, बल्कि अलग-अलग मस्जिदों में जाकर चोरी छिपे अपने अभियान को अंजाम देकर निकल गए। निजामुद्दीन की घटना के बाद प्रशासन गंभीर हुआ और अब पुलिस और जिला प्रशासन सभी 10 विदेशी नागरिक के साथ-साथ मरकज से लौटे लोगों की जानकारी जुटाने में लगा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, तब्लीगी मरकज में शामिल 86 बिहारी, 57 विदेशी जमाती, कटिहार के 7 जमाती और दो दूसरे प्रदेश के जमातियों के अलावा 345 लोगों की यह अलग सूची है, जिसे खुफिया विभाग की मोबाइल टावर लिस्ट के आधार पर बनाया गया है। पहली सूची गृह मंत्रालय ने भेजी थी। दूसरी सूची खुफिया विभाग की 4597 की लिस्ट के आधार पर जांच-पड़ताल के आधार पर बनाई गई है। इनमें से नौ फीसद से कम लोग तब्लीगी मरकज में शामिल होकर लौटने वाले निकले हैं। बाकी चार हजार से ज्यादा लोग दिल्ली स्थित निजामुद्दीन स्थित मरकज वाले इलाके में विभिन्न कारणों से आए-गए थे।
बक्सर के चौसा में तब्लीगी जमात से होकर आए 11 नेपाली नागरिक समेत एक दर्जन जमाती सरेंजा में मस्जिद में छिपे मिले। उन्हें 28 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया। सभी नेपाल के नागरिक हैं। जबकि बेगूसराय में दिल्ली में तब्लीगी जमात में शामिल होने वाले 9 व्यक्ति मिले हैं। वहीं, पूर्णिया जिले के इस्लामपुर में नेपाल से आए तब्लीगी जमात के 15 विदेशी नागरिकों को क्वारंटाइन में रखा गया है। मधेपुर थाना पुलिस ने शुक्रवार को भीमपुर गांव स्थित आस्था स्थल से दस नेपाली मौलवी को क्वारंटाइन में भेजा। दरभंगा में तब्लीगी जमात से लौटे बाबूबरही के दो लोगों को क्वारंटाइन में भेजा गया।
इस बीच, मामला सामने आते ही दरभंगा के एसएसपी बाबू राम ने बताया कि सभी 10 विदेशी नागरिक दरभंगा पहुंचे थे, जिनकी पूरी जानकारी मिल चुकी है। दरभंगा में इनके आने की सूचना किसी ने नहीं दी थी। ऐसे में जिन्होंने ने भी इन विदेशियों के रहने-ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था की थी, उन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। साथ ही सभी विदेशी नागरिकों के वीजा रद्द करने के लिए भी सरकार को लिखा जाएगा।
एसएसपी ने साफ शब्दों में निर्देश दिया कि निजामुद्दीन स्थित मरकज में हुए तब्लीगी जमात में शामिल होने वाले जितने भी लोग दरभंगा पहुंचे हैं, वे खुद कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच कराने सामने आएं। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी लोग पुलिस और प्रशासन को सहयोग करें, ताकि बीमारी का संक्रमण नहीं फैले और उनका इलाज हो सके। एसएसपी ने कहा कि प्रशासन का सहयोग नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।