Coronavirus: दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर हुई 78, इन 2 नए क्षेत्रों को इस लिस्ट में किया गया शामिल
By अनुराग आनंद | Published: April 19, 2020 09:01 PM2020-04-19T21:01:35+5:302020-04-19T21:01:35+5:30
दिल्ली सरकार ने त्वरित प्रतिरक्षी (एंटीबॉडी) जांच किट मिलते ही शहर में अत्यधिक संक्रमण की वजह से घोषित कंटेनमेंट जोन (निषिद्ध इलाकों) में लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण की जांच शुरू कर दी।
नई दिल्ली: देश में जारी कोरोना महामारी के बीच दिल्ली में लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। दिल्ली व महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले देश के दूसरे राज्यों की तुलना में काफी अधिक है। ऐसे में दिल्ली सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
यही वजह है कि दिल्ली में 2 नए क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन की लिस्ट में शामिल किया गया है। इस तरह शहर में कुल कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर 78 हो गई। जिन दो नए क्षेत्रों को इस लिस्ट में शामिल किया गया उनमें डीसी ऑफिस कापसहेड़ा और इंद्रपुरी में ईए ब्लॉक के प्लॉट नंबर 1294 है।
#Coronavirus: The total number of containment zones in Delhi increases to 78, after 2 new areas - Plot No. 1294 in Theke Wali Gali opposite DC Office Kapashera and EA Block in Inderpuri - included in the list today. pic.twitter.com/OcL104fDAf
— ANI (@ANI) April 19, 2020
बता दें कि दिल्ली सरकार ने त्वरित प्रतिरक्षी (एंटीबॉडी) जांच किट मिलते ही शहर में अत्यधिक संक्रमण की वजह से घोषित कंटेनमेंट जोन (निषिद्ध इलाकों) में लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण की जांच शुरू कर दी। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को बताया कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को ऐसी 42 हजार किट मिली हैं। अधिकारियों ने बताया कि रविवार को दिल्ली के सभी निषिद्ध इलाकों में त्वरित प्रतिरक्षी जांच शुरू कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के मामले आने के बाद शनिवार को दिल्ली के 76 स्थानों को निषिद्ध स्थान के रूप में चिह्नित किया गया जिनमें से आठ स्थान एक दिन में बढ़े हैं। दिल्ली सरकार की एजेंसियों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में 186 नये मामलों और एक मौत के साथ शनिवार को कुल संक्रमितों की संख्या 1893 तक पहुंच गई है। अधिकारियों ने बताया कि वैश्विक स्वास्थ्य मानकों के तहत भारत में मौजूदा समय में कोविड-19 का पता लगाने के लिए दो तरह की जांच- आरटी-पीसीआर जांच और त्वरित प्रतिरक्षी जांच- का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि रिवर्स ट्रॉंस्क्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच प्रयोगशाला में की जाती है जिसमें विषाणु के आएनए को डीएनए में तब्दील कर उसकी मौजूदगी का पता लगाया जाता है जबकि प्रतिरक्षी जांच में खून के नमूने से विषाणु की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। त्वरित प्रतिरक्षी जांच में नतीजे तभी पॉजिटिव आते हैं जब शरीर में विषाणु के प्रति प्रतिरक्षा विकसित हो चुकी होती है। ऐसे में अगर व्यक्ति संक्रमित है और उसमें प्रतिरक्षी उत्पन्न नहीं हुआ तो नतीजें निगेटिव ही आएंगे।
विशेषज्ञों ने बताया कि आरटी-पीसीआर जांच किट से जांच के नतीजे आने में समय लगता है और यह महंगा है क्योंकि इसमें लंबी प्रक्रिया अपनाई जाती है जबकि प्रतिरक्षी जांच अपेक्षाकृत सस्ती है और इसमें मात्र 20 से 30 मिनट का समय लगता है। त्वरित प्रतिरक्षी जांच सामान्यत: अत्यधिक संक्रमित स्थानों पर की जाती है जिसमें संक्रमण एक इलाके विशेष तक सीमित होता है।
चिह्नित अत्यधिक संक्रमित स्थान वे स्थान है जहां पर बड़ी संख्या में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामले आए हैं। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में शनिवार तक कोरोना वायरस के संक्रमण से 43 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से 24 मृतकों की उम्र 60 साल से अधिक थी। वहीं नौ मृतकों की उम्र 50 से 60 साल के बीच थी जबकि 10 मृतकों की उम्र 50 साल से कम थी।