PM मोदी के बनारस में 'मुसहरों की बस्ती में लोग घास खाने को मजबूर', समाजवादी पार्टी ने कहा- तत्काल खाने-पीने व्यवस्था करे योगी सरकार
By रामदीप मिश्रा | Published: March 27, 2020 09:39 AM2020-03-27T09:39:26+5:302020-03-27T09:41:08+5:30
Coronavirus: योगी आदित्यनाथ सरकार ने बीते दिन गुरुवार को 12 समितियों का गठन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि कोरोना वायरस की दृष्टि से कार्ययोजना लागू हो चुकी है और सरकार ने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं और जनता की सुविधा के नजरिये से12 समितियां गठित की हैं।
कोवायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए घोषित 'लॉकडाउन' के दौरान उत्तर प्रदेश के बनारस में लोग घास खास खाने को मजबूर हैं। ऐसा एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है, जिसे समाजवादी पार्टी ने ट्विटर पर शेयर कर योगी आदित्यनाथ सरकार से उनकी मदद करने के लिए कहा है। ये लोग मुसहर समुदाय के बताए जा रहे हैं। बता दें, बनारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है।
समाजवादी पार्टी ने बीते दिन मीडिया रिपोर्ट को ट्वीट कर कहा, 'बनारस में मुसहरों की बस्ती में लोग घास खाने को मजबूर! सैनिटाइजर और मास्क दूर की बात, हाथ धोने के लिए साबुन तक नहीं। सरकार से अपील तत्काल खाद्य पदार्थों के साथ अन्य जरूरी सामान मुसहर बस्तियों तक उपलब्ध कराया जाए।'
बनारस में मुसहरों की बस्ती में लोग घास खाने को मजबूर! सैनिटाइजर और मास्क दूर की बात, हाथ धोने के लिए साबुन तक नही। सरकार से अपील तत्काल खाद्य पदार्थों के साथ अन्य जरूरी सामान मुसहर बस्तियों तक उपलब्ध कराया जाए। pic.twitter.com/NPMT2clzsC
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) March 26, 2020
कोरोना मुसहरों पर बरपा रहा है कहर
दरअसल, स्थानीय अखबार जनसंदेश टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 'कुछ गज जमीन, जर्जर मकान, सुतही-घोंघा और चूहा पकड़कर जीवन की नैया खेते-खेते थक हार चुके मुसहर समुदाय को अब कोरोना डंस रहा है। बनारस की कोइरीपुर मुसहर बस्ती में लाक डाउन के चलते यह बीमारी कहर बरपा रही है। पिछले तीन दिनों से इस बस्ती में चूल्हे नहीं जले। पेट की आग बुझाने के लिए लोग घास खा रहे हैं। मुसहरों के पास सैनेटाइजर और मास्क की कौन कहे, हाथ धोने के लिए साबुन तक नसीब नहीं है। कमोबेश यही हाल पिंडरा की तीनों मुसहर बस्तियों का है। औरांव, पुआरीकला, आयर, बेलवा की मुसहर बस्तियों में लोगों को भीषण आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है। राशन न होने के कारण मुसहरों के घरों में चूल्हे नहीं जल पा रहे हैं।'
मुसहरों के करीब सत्रह परिवार खा रहे घास
रिपोर्ट में कहा गया, 'कोइरीपुर मुसहर बस्ती बड़ागांव ब्लाक से सटी हुई है। यह बस्ती कुड़ी मोड़ पर बसी है। यहां मुसहरों के करीब सत्रह परिवार हैं। इनमें पांच परिवार ईंट भट्ठों पर काम करने के लिए गांव से पलायन कर गए हैं। जो लोग बचे हैं वो घास खाकर जिंदा है। दिन भर वो गेहूं के खेतों से अंकरी घास निकाल रहे हैं। गेहूं के मामा को उखाड़कर वे अपनी भेड़-बकरियों को खिला रहे हैं। कोइरीपुर मुसहर बस्ती के युवक नंदा, बबलू, गुड्डू ने अपने छप्परों के अंदर रखे खाली बर्तनों को दिखाया। साथ ही वो घास भी जिससे उनकी आजीविका चल रही है।'
लॉकडाउन के चलते संकट से जूझ रहे ग्रामीण क्षेत्र
समाजवादी पार्टी ने इस रिपोर्ट को ही शेयर किया है। इसके बाद पार्टी ने अन्य ट्वीट भी किए है, जिसमें उसने कहा है, 'लॉकडाउन की वजह से गंभीर संकट से जूझ रहे खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को 'यूपी 100' जो अब ' 112 ' बन चुकी है, से मदद पहुंचाए सरकार। खाद सामग्री, मास्क, दवाएं, सैनिटाइजर, टेस्टिंग किट, सुरक्षा किट को जन जन तक पहुंचाने में बहुउपयोगी है इसका नेटवर्क।' समाजवादी पार्टी ने आगे कहा, 'प्राप्त जानकारी के अनुसार हजारों मजदूर दिल्ली से उत्तर प्रदेश के लिए निकल चुके हैं। सरकार से अपील है कि गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, मैनपुरी, कन्नौज के जिलाधिकारियों को निर्देश दे कि रास्ते में इनकी जांच, दवाई, रुकने,खाने और यात्रा की व्यवस्था करें।'
प्राप्त जानकारी के अनुसार हजारों मजदूर दिल्ली से उत्तर प्रदेश के लिए निकल चुके हैं।सरकार से अपील है कि गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, मैनपुरी, कन्नौज के जिलाधिकारियों को निर्देश दे कि रास्ते में इनकी जांच, दवाई, रुकने,खाने और यात्रा की व्यवस्था करें।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) March 26, 2020
यूपी सरकार ने की जनता सुविधाओं के लिए 12 समितियां गठित
योगी आदित्यनाथ सरकार ने बीते दिन गुरुवार को 12 समितियों का गठन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि कोरोना वायरस की दृष्टि से कार्ययोजना लागू हो चुकी है और सरकार ने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं और जनता की सुविधा के नजरिये से12 समितियां गठित की हैं। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित पहली समिति अन्तर्राज्यीय मामलों, केन्द्र सरकार से संवाद बनाने, शिक्षा और सेवायोजन से जुड़े लोगों तथा अन्य राज्यों में कार्यरत लोगों से संवाद बनाने के लिये काम कर रही है। दूसरी समिति प्रदेश में औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनाई गयी है। इसका काम प्रदेश के मजदूरों, औद्योगिक संस्थानों, शिक्षण संस्थाओं से जुड़े लोगों को सवेतन अवकाश सुनिश्चित कराना है। इसके अलावा श्रमिकों को उनका भरण—पोषण भत्ता समय पर दिलाना, ठेला, रिक्शा, खोमचे वालों इत्यादि को भी एक हजार रुपये भरण—पोषण भत्ता उपलब्ध कराना इसका काम है। हर जनपद में जिलाधिकारी को अधिकृत किया गया है कि जिन्हें किसी भी योजना से आच्छादित नहीं किया गया है वे उन्हें एक हजार रुपये और खाद्यान्न उपलब्ध कराएं।