AIIMS की तर्ज पर मुंबई और गोवा के अस्पताल करेंगे कोरोना रोगियों का उपचार
By एसके गुप्ता | Published: July 8, 2020 08:06 PM2020-07-08T20:06:54+5:302020-07-08T20:07:40+5:30
स्वास्थ्य मंत्रालय की मुहिम के तहत दिल्ली एम्स ने राज्यवार कोरोना उपचार के लिए अस्पतालों को टेली काउंसिलंग देना शुरू किया है।
नई दिल्ली: दिल्ली एम्स की तरह ही मुंबई और गोवा के बड़े अस्पताल कोरोना रोगियों को उपचार दे सकेंगे। कोरोना रोगियों के लिए सही उपचार में मदद करने और मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की मुहिम के तहत दिल्ली एम्स ने राज्यवार कोरोना उपचार के लिए अस्पतालों को टेली काउंसिलंग देना शुरू किया है। काउंसलिंग के पहले सत्र में मुंबई के 9 और गोवा के एक अस्पताल को टेली काउंसलिंग दी गई है।
अस्पताल प्रशासन को यह बताया गया है कि वह कोरोना रोगियों का उपचार कैसे करें। क्योंकि देश भर में कोरोना रोगियों के उपचार का मॉडल एम्स ने ही विकसित किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एम्स की ओर से सप्ताह में दो बार मंगलवार और शुक्रवार को यह काउंसलिंग देश भर के राज्यों को दी जाएगी।
दिल्ली एम्स ने पहली काउंसलिंग के लिए जिन 10 अस्पतालों को चुना है। उसमें मुंबई से नेस्को जंबो फेसिलिटी पीएन फेस-3, जीओ कन्वेंशन जंबो फेसिलिटी एचई फेस-3, नायर अस्पताल, एमसीजीएम सेवन हिल्स, एमएमआरडीए बीकेसी जंबो फेसिलिटी एचई फेस-2, एमएमआरडीए बीकेसी जंबो फेसिलिटी एचई फेस-1, मुंबई मैट्रो दहिसर जंबो फेसिलिटी टी फेस-2 और गोवा स्थित गवर्नमेंट पणजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शामिल है।
इन सभी अस्पतालों में कोविड-19 के लिए एक हजार से अधिक बिस्तर हैं। जिनमें आइसोलेशन बिस्तर, ऑक्सीजन युक्त आईसीयू बिस्तर शामिल हैं। टेली काउंसलिंग में फेफड़ों संबंधी चिकित्सा के विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद मोहन ने अस्पतालों को यह जानकारी दी कि किस तरह अपने आपको संक्रमण से बचाते हुए कोरोना रोगियों का उपचार करना है।
ऐसे अस्पताल जहां बिस्तरों की संख्या 500 से 1000 है, ऐसे 61 अस्पतालों के लिए टेली-कंसलटेशन के सत्र आगामी सप्ताह में किया जाएगा। 31 जुलाई तक 17 राज्यों को कवर किया जाएगा। इन राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, हरियाणा, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और झारखंड शामिल है। टेली काउंसलिंग में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक अस्पताल में आईसीयू रोगियों के उपचार में लगे एक या दो डॉक्टर अपने संबंधित राज्य के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस सत्र में शामिल होंगे।