Coronavirus Cases: महाराष्ट्र, केरल के बाद यूपी में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या 100 के पार, मेरठ और नोएडा में 50 प्रतिशत से ज्यादा केस
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 31, 2020 05:38 PM2020-03-31T17:38:39+5:302020-03-31T19:50:47+5:30
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि प्रदेश में कोविड—19 संक्रमण के पांच नये मामले सामने आये हैं और अब इसके मरीजों की संख्या 101 हो गयी है।
लखनऊःउत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमित लोगों की संख्या 100 के पार पहुंच गयी है। राज्य में सात नये मामले सामने आने के साथ कोरोना वायरस मरीजों की संख्या बढ़कर 103 हो गयी है।
स्वास्थ्य निदेशालय से मंगलवार को मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के बरेली में कोविड-19 संक्रमण के पांच और नोएडा तथा गाजियाबाद में एक—एक मामला सामने आया है। इसके साथ ही मरीजों की संख्या 103 हो गयी है। इनमें नोएडा के सबसे ज्यादा 39 मामले शामिल हैं। इसके अलावा मेरठ में 19, आगरा में 11, लखनऊ में नौ, गाजियाबाद में आठ, बरेली में छह, वाराणसी और पीलीभीत में दो—दो, लखीमपुर खीरी, कानपुर, मुरादाबाद, शामली, जौनपुर, बागपत और बुलंदशहर में एक—एक मामला सामने आया है।
इन मरीजों में से 17 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें आगरा के आठ, नोएडा के छह, गाजियाबाद के दो और लखनऊ का एक मरीज शामिल है। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया कि कोविड-19 संक्रमण के ये मामले कुल 75 में से 15 जिलों से आये हैं। इनमें भी 50 प्रतिशत से ज्यादा प्रकरण केवल नोएडा और मेरठ से हैं। उन्होंने बताया कि इस समय हम बहुत महत्वपूर्ण दौर में प्रवेश कर रहे हैं। गत 17 मार्च को देश में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या 100 से कुछ ज्यादा थी।
अगले 12 दिनों में वह 100 से एक हजार तक पहुंची। अब 100 की संख्या के बाद का दौर बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर हम हाथ धोने और मेलजोल से दूर रहने का प्रोटोकाल बनाये रखते हुए अगले 14 दिन सतर्कता बरतते हैं तो हमारे यहां मामलों की संख्या बहुत कम रहेगी। प्रसाद ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि 100 से बाद वाले चरण में उसमें हमारे मामले बहुत कम बढ़ें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये हैं कि एक—एक जिले में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को प्रभारी बनाया जाए, जिनकी निगरानी में अगले एक माह तक कार्यक्रम हो।
इस सिलसिले में जो तीन हॉटस्पॉट (अतिप्रभावित क्षेत्र), नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ में एक—एक वरिष्ठ अधिकारी को तैनात कर दिया गया है जो अगले 15 दिन या एक महीने तक कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये हो रहे काम की निगरानी करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि चूंकि नोएडा कोविड-19 संक्रमण का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट था, इसलिये मुख्यमंत्री ने ग्रेटर नोएडा के मुख्य अधिशासी अधिकारी नरेन्द्र भूषण को जिम्मेदारी दी है। अब सभी प्राधिकरण, नगर निकाय उनके निर्देशन में काम करेंगे और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में पूरे तालमेल से काम होगा।
प्रसाद ने बताया कि जिन जिलों में कोरोना के मामले अब तक नहीं आये हैं, वहां जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों से कहा गया है कि वे लगातार निगरानी करें और अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखायी दे तो उसे तत्काल पृथक इकाई में लाया जाए। साथ ही कोरोना वायरस से बचाव के तरीकों का व्यापक प्रचार—प्रसार करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिये आठ लैब काम कर रही हैं। आज आईसीएमआर के साथ चर्चा हुई जिसमें हमने अनुरोध किया है कि झांसी, प्रयागराज और लखनऊ के राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट में बनी प्रयोगशालाओं को भी अधिकृत किया जाए।
#COVID19 cases rise to 101 including 14 cured in Uttar Pradesh. Most of the cases have come from two clusters- Gautam Budh Nagar and Meerut: UP Principal Health Secretary Amit Mohan pic.twitter.com/EXmbVvtJnC
— ANI UP (@ANINewsUP) March 31, 2020
प्रसाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि 100 से बाद वाले चरण में उसमें हमारे मामले बहुत कम बढ़ें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये हैं कि एक—एक जिले में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को प्रभारी बनाया जाए, जिनकी निगरानी में अगले एक माह तक कार्यक्रम हो। इस सिलसिले में जो तीन हॉटस्पॉट, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ में एक—एक वरिष्ठ अधिकारी को तैनात कर दिया गया है जो अगले 15 दिन या एक महीने तक कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये हो रहे काम की निगरानी करेंगे।
उन्होंने कहा ‘‘ चूंकि नोएडा में कोविड—19 संक्रमण के कई मामले सामने आए । इसलिये मुख्यमंत्री ने ग्रेटर नोएडा के मुख्य अधिशासी अधिकारी नरेन्द्र भूषण को जिम्मेदारी दी है। अब सभी प्राधिकरण, नगर निकाय उनके निर्देशन में काम करेंगे और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में पूरे तालमेल से काम होगा ।’’
प्रसाद ने बताया कि जिन जिलों में कोरोना वायरस के मामले अब तक नहीं आये हैं, वहां जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों से कहा गया है कि वे लगातार निगरानी करें और संदिग्ध मामले का पता चलते ही उसे पृथक सुविधा केंद्र में भेजें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड—19 संक्रमण की जांच के लिये आठ लैब काम कर रही हैं। उन्होंने कहा ‘‘आज आईसीएमआर के साथ चर्चा हुई जिसमें हमने अनुरोध किया है कि झांसी, प्रयागराज और लखनऊ के राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट में बनी प्रयोगशालाओं को भी अधिकृत किया जाए।’’