Coronavirus: चार दिन के 'टीका उत्सव' में सबसे कम वैक्सीनेशन, कोविड वैक्सीन की एकाएक कमी होना रहस्यमय
By हरीश गुप्ता | Published: April 16, 2021 07:37 AM2021-04-16T07:37:19+5:302021-04-16T07:41:07+5:30
कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन एक अहम तरीका है. इसकी प्रक्रिया में और तेजी लाने की भी बात की जाती रही है. 'टीका उत्सव' का भी यही लक्ष्य था. हालांकि, इस दौरान भी वैक्सीनेशन की प्रक्रिया धीमी रही और वैक्सीन की कमी से भी जूझना पड़ा.
नई दिल्ली: बहुप्रचारित 'टीका उत्सव' ने सरकारी मशीनरी में मौजूद खामियों को उजागर कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के खिलाफ जंग को तेज करते हुए 11 से 14 अप्रैल के बीच 'टीका उत्सव' का ऐलान किया था. तब प्रधानमंत्री के टास्क फोर्स (वैक्सीन) के प्रमुख डॉ. वी.के. पॉल ने एक दिन में 50 लाख वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल करने का इरादा जाहिर किया था.
ऐसे में यही माना जा रहा था कि भारत वैक्सीनेशन में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा. इस बीच निर्यात रोक देने के बाद भी वैक्सीन की कमी एक रहस्य बनी हुई है. चार दिन का 'टीका उत्सव' बुधवार को जब समाप्त हुआ तो यह उम्मीदों से बिलकुल विपरीत था. 65,000 से अधिक वैक्सीनेशन सेंटर्स को वैक्सीन की कमी के संकट का सामना करना पड़ा.
2 अप्रैल को सबसे ज्यादा 42.70 लाख वैक्सीन के बाद देश में 'टीका उत्सव' के दौरान 11 अप्रैल को 29.3 लाख जबकि 13 अप्रैल को 26.5 लाख वैक्सीन दी जा सकी. इस दौरान 12 अप्रैल का दिन ही कुछ उम्मीद जगाने वाला था जब वैक्सीन की 40 लाख खुराक दी गई. अप्रैल 14 फिर निराशा लेकर आया जब 33.1 लाख लोगों को ही वैक्सीन की खुराक दी जा सकी.
भाजपा शासित राज्यों में वैक्सीन की कमी
आधिकारिक सूत्रों से हासिल आंकड़ों के मुताबिक भाजपा शासित राज्यों में वैक्सीन की सबसे ज्यादा कमी या वैक्सीनेशन की कमी देखने को मिली. उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश और चुनाव से गुजर रहे पश्चिम बंगाल में वैक्सीन की गंभीर कमी देेखने को मिली. 'टीका उत्सव' के तीन अन्य दिनों की तुलना में महाराष्ट्र ने 14 अप्रैल को बेहतरीन प्रदर्शन किया.
बढ़ रही वैक्सीन की मांग
विशेषज्ञों के मुताबिक वैक्सीन की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है. वैक्सीन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी पाने वाले अधिकारी स्पूतनिक वी को तत्काल आयात करने के प्रयासों में जुटे हैं.
वजह साफ है घरेलू उत्पादन को जरूरत के स्तर तक पहुंचने में वक्त लगेगा. इसलिए दूसरे टीके में अंतर! कुछ जानकार तो यहां तक कह रहे हैं कि सरकार द्वारा दूसरा टीका लेने का अंतराल बढ़ाना वैक्सीन की कमी से जुड़ा ही फैसला है.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने कुछ दिन पहले ही दूसरा टीका लेने की अवधि चार सप्ताह से बढ़ाकर छह से आठ सप्ताह कर दी थी.
टीका उत्सव (कोरोना वैक्सीन लाख में)
तारीख | महाराष्ट्र | उत्तर प्रदेश | गुजरात | पश्चिम बंगाल | दिल्ली | भारत |
11 अप्रैल | 2.7 | 3.3 | 2 | 0.91 | 0.83 | 293 |
12 अप्रैल | 3.4 | 5.3 | 2.4 | 2.4 | 0.9 | 400 |
13 अप्रैल | 2.2 | 3.6 | 2.1 | 1.2 | 0.69 | 265 |
14 अप्रैल | 3.7 | 3.1 | 1.6 | 0.98 | 0.72 | 331 |