Coronavirus: यूपी सरकार के सामने चुनौती, क़्वारन्टाइन किए जाने के डर से संक्रमित लोग छिपा रहे हैं बीमारी

By शीलेष शर्मा | Published: May 25, 2020 05:02 PM2020-05-25T17:02:26+5:302020-05-25T17:02:26+5:30

इन आंकड़ों में वह लोग शामिल नहीं है, जो कोरोना पीड़ित होने के बाबजूद सरकारी रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बन सके हैं। लोकमत ने ऐसे कुछ आंकड़ों का पता लगाने की कोशिश की तो पहला मामला गाजियाबाद के इंद्रापुरम से मिला।

Coronavirus lockdown uttar pradesh migrant workers challenge before UP government, infected people hiding disease due to fear of quarantine | Coronavirus: यूपी सरकार के सामने चुनौती, क़्वारन्टाइन किए जाने के डर से संक्रमित लोग छिपा रहे हैं बीमारी

पूरे प्रदेश में यदि सही संक्रमित लोगों को गिन लिया जाये तो उत्तर प्रदेश भी महाराष्ट्र की श्रेणी में खड़ा हो जायेगा। (file photo)

Highlightsदूसरा मामला नॉएडा के सैक्टर 36 का सामने आया जिसकी प्रशासन को भनक तक नहीं है। तीसरा मामला फ़िरोज़ाबाद में मित्तल परिवार का सामने आया है ,पति और पत्नी दोनों कॅरोना संक्रमित पाये गये हैं।

नई दिल्लीः महाराष्ट्र कॅरोना मरीज़ों की बढ़ती संख्या को लेकर भले ही अख़बारों की सुर्ख़ियों में लेकिन उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीज़ों के वास्तविक आंकड़े सामने नहीं आ रहे हैं, उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कुछ आंकड़े स्थानीय प्रशासन द्वारा छिपाये जा रहे हैं तो कुछ आंकड़े क़्वारन्टाइन किये जाने के डर से छिपे बैठे हैं।

उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड—19 संक्रमण के 273 नये मामले सामने आये। प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि 24 घंटे में 273 नये प्रकरण सामने आये हैं। प्रदेश में ऐसे मरीजों की संख्या 2606 है जिनका अभी इलाज चल रहा है और 3581 लोग पूर्णतया उपचारित होकर अस्पतालों से छुट्टी पा चुके हैं जबकि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से 165 लोगों की जान गई है। प्रसाद ने बताया कि पृथक वार्ड में 2711 लोग हैं, जिनका एल—1, एल—2 और एल—3 चिकित्सालयों एवं मेडिकल कालेजों में उपचार चल रहा है । पृथकवास केन्द्रों पर 10, 270 लोगों को रखा गया है।

इन आंकड़ों में वह लोग शामिल नहीं है, जो कोरोना पीड़ित होने के बाबजूद सरकारी रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बन सके हैं। लोकमत ने ऐसे कुछ आंकड़ों का पता लगाने की कोशिश की तो पहला मामला गाजियाबाद के इंद्रापुरम से मिला।

हंसराज जो मूल रूप से हरियाणा का रहने वाला है कोरोना का शिकार हो चुका है लेकिन क़्वारन्टाइन किये जाने के डर से प्रशासन को संपर्क नहीं कर रहा है, लोकमत से फ़ोन पर उसने इसकी पुष्टि की। दूसरा मामला नॉएडा के सैक्टर 36 का सामने आया जिसकी प्रशासन को भनक तक नहीं है।

तीसरा मामला फ़िरोज़ाबाद में मित्तल परिवार का सामने आया है ,पति और पत्नी दोनों कॅरोना संक्रमित पाये गये हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन यह जानकारी होने के बाबजूद कोविड 19 के लिये अधिकृत अस्पताल में पंजीकृत नहीं कर रहे हैं ,परिवार के एक वरिष्ठ सदस्य माधव प्रसाद मित्तल ने फोन पर इस तथ्य की पुष्टि की

यह कहते हुये कि प्रशासन संख्या बढ़ने के डर से संक्रमित मरीज़ों को चुपचाप घरों रहने को कह रहे हैं क्योंकि प्रशासन के पास न तो संसाधन हैं और संक्रमितों की संख्या बढ़ने न पाये इस लिये किसी सरकारी रिकॉर्ड में ऐसे लोगों का ब्यौरा दर्ज़ नहीं किया जा रहा है। यह तो ऐसे मामलों की महज़ बानगी है, पूरे प्रदेश में यदि सही संक्रमित लोगों को गिन लिया जाये तो उत्तर प्रदेश भी महाराष्ट्र की श्रेणी में खड़ा हो जायेगा।

Web Title: Coronavirus lockdown uttar pradesh migrant workers challenge before UP government, infected people hiding disease due to fear of quarantine

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