पॉकेट में बचे सिर्फ 200 रुपये, घर नहीं पहुंचे तो क्या खाएंगे, पढ़ें सड़क पर भटक रहे मजूदरों की बेबसी की कहानी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 28, 2020 02:04 PM2020-03-28T14:04:29+5:302020-03-28T14:04:29+5:30

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 14 अप्रैल 2020 तक लॉकडाउन जारी रहेगा. काम ठप हो जाने की वजह से प्रवासी मजदूरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

coronavirus lockdown migrant workers continued their march see pictures | पॉकेट में बचे सिर्फ 200 रुपये, घर नहीं पहुंचे तो क्या खाएंगे, पढ़ें सड़क पर भटक रहे मजूदरों की बेबसी की कहानी

एएनआई फोटो

Highlightsमजदूरों की समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है, ना ही उनके पास खाने के लिए पैसे हैं और घर जाने केआज खबर आई है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों के लिए बसों की व्यवस्था की है.

कोरोना वायरस से चलते हुए देशव्यापी लॉकडाउन का सबसे बुरा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है। अपने गांव को छोड़कर दूसरे राज्यों में कमाने गए मजदूर अब दर-दर भटक रहे हैं। लॉकडाउन के चलते ना ही उनके पास खाने का पैसा बचा है और ना ही वो घर पहुंच पा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च से 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है। भारत में रेलें भी बंद है। इसके अलावा लोगों को सड़क पर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। 

गरीबों के लिए त्रासदी बना कोरोना वायरस

विभिन्न राज्यों में काम कर रहे मजदूर काम-धंधा बंद होने जाने की वजह से वापस अपने घर लौटने के लिए मजबूर है। पिछले तीन दिनों से खबरें आ रही थी कि सड़कों पर मजदूर पैदल ही जा रहे हैं। अपने घर वापसी के लिए कई लोग हजारों किलोमीटर तक का सफर कर रहे हैं। समाचार एजेंसी ने आज कई सारे मजदूरों से बात की है। 

पढ़िए मजदूरों की आपबीती

चंडीगढ़ में प्रवासी मजूदरों के सामने खाने-पीने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। चंडीगढ़ से मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जा रही हैं मजूदर हीरा ने कहा, अगर घर नहीं पहुंचे तो क्या खाएंगे? मेरे पास सिर्फ 200 रुपये बचे हैं, रास्ते में बच्चों के लिए बिस्कुट खरीदने के लिए रखा है।

एएनआई के बातचीत में यूपी के रायबरेली के रहने वाले संजय ने कहा,  पुलिस दो दिनों पहले आई थी और हमलोगों को खाने के लिए पिज्जा दिया था। उसके बाद कुछ नहीं मिला है। हम कमाकर पैसे घर भेजते हैं, हमारे पास जो भी थोड़ा पैसा था, खत्म हो गया। अगर हम वापस जाने की कोशिश करते हैं तो हमें बीच रास्ते में ही रोक दिया जाएगा। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हमारी देखभाल करे, हमें या तो घर भेजा जाए या कम से कम हमारे भोजन की व्यवस्था की जाए।

भारत में कोरोना वायरस (Covid-19) के मामले शनिवार को बढ़कर 873 पर पहुंच गए। भारत में कोविड-19 से संक्रमण के कारण 19 लोगों की मौत हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने ताजा आंकड़ों में दो और लोगों की मौत होने की जानकारी दी है। भारत में अब तक कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों में 79 लोगों का इलाज किया जा चुका है।

इन राज्यों में हुई मौतें 

महाराष्ट्र में पांच, गुजरात में तीन, कर्नाटक में दो, मध्य प्रदेश में दो और तमिलनाडु, बिहार, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। 

राजस्थान के जोधपुर में काम करने वाले मजूदर अमर सिंह यादव पैदल ही उत्तर प्रदेश में अपने बांदा के लिए निकल पड़े हैं। उन्होंने बताया कि जोधपुर से बांदा की दूरी 900 किलोमीटर है। लॉकडाउन की वजह से पैदल ही जा रहा हूं। राजस्थान के जयपुर में एक कर्मचारी ने बताया कि वह गुजरात के अहमदाबाद से आ रहे हैं और उन्हें आगरा जाना है। मैं इस शहर को नहीं छोड़ना चाहता था लेकिन मेरे मालिक ने पैसे और खाना देने से मना कर दिया।

Web Title: coronavirus lockdown migrant workers continued their march see pictures

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे