कोरोना का संकट: राज्य समेत केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश, कैदियों को लेकर दी गई ये 'विशेष' हिदायत
By भाषा | Published: March 28, 2020 06:37 PM2020-03-28T18:37:28+5:302020-03-28T18:37:28+5:30
मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से विदेशी नागरिकों समेत कैदियों और जेलों में आने वाले आंगुतकों के संबंध में जरूरी एहतियात बरतने को भी कहा है।
केंद्र ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जेलों में उपयुक्त स्वच्छता बनाये रखने के लिए उचित कदम उठाने और विदेशी नागरिकों समेत सभी कैदियों के संबंध में जरूरी एहतियात बरतने को कहा है।
सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों को भेजे पत्र में गृहमंत्रालय ने कहा है कि देश में वर्तमान स्थिति की उच्चतम स्तर पर निगरानी की जा रही है और ऐसे में यह जरूरी है कि बिना किसी अपवाद के सभी स्तरों पर जरूरी कदम उठाये जाएं।
मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने पत्र में लिखा है, ‘‘राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जेल प्रशासन जेलों में उपयुक्त स्वच्छता स्थिति बनाये रखने के लिए उपयुक्त एहतियात और कदम उठाएं, साथ में यह भी जरूरी है कि फिलहाल एक दूसरे से दूरी बनाये रखने के लिए अदालतों में कैदियों की पेशी समेत उनकी आवाजाही कम करने के लिए कदम उठाये जाएं।’’
मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से विदेशी नागरिकों समेत कैदियों और जेलों में आने वाले आंगुतकों के संबंध में जरूरी एहतियात बरतने को भी कहा है। पत्र मे कहा गया है कि राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से जेलों में कैदियों और उनसे मिलने आने वाले के लिए उपयोग में आने वाले स्क्रीनिंग उपकरण एवं किट का इंतजाम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करने का अनुरोध किया जाता है।
पत्र में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से यह भी कहा गया है कि फिलहाल ‘ई-मुलाकात’ के तहत वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से कैदियों की मुलाकात करायी जाए। मंत्रालय ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सबसे प्रभावी उपाय हाथों को बार-बार धोना, खांसी आने पर मुंह ढंकना और सामाजिक मेल-जोल से परहेज करना है। पत्र के अनुसार कैदियों की अदालतों में पेशी के लिए वीडियो काफ्रेंसिंग की मदद ली जा सकती है।