कोविड-19ः सभी प्रयास नाकाम, जम्मू-कश्मीर में कोरोना के नए ठिकाने, वैष्णो देवी भवन और कश्मीर जेल, जानिए कारण
By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 19, 2020 03:51 PM2020-08-19T15:51:55+5:302020-08-19T15:51:55+5:30
कश्मीर जेल हैं तो दूसरा वैष्णो देवी का भवन। हालांकि श्रीनगर सेंट्रल जेल में 110 से अधिक पाजिठिव मामले सामने आ चुके हैं। इतनी ही संख्या में वैष्णो देवी भवन में केस सामने आए हैं। इसके बावजूद दोनों ही स्थानों को रेड जोन घोषित नहीं किया जा सका है।
जम्मूः जम्मू कश्मीर में कोरोना का सामुदायिक प्रसार रोकने के सभी प्रयास नाकाम इसलिए होने लगे हैं क्योंकि कोरोना के जो नए ठिकाने सामने आए हैं वे सबको चिंता में डाले हुए हैं।
इनमें कश्मीर जेल हैं तो दूसरा वैष्णो देवी का भवन। हालांकि श्रीनगर सेंट्रल जेल में 110 से अधिक पाजिठिव मामले सामने आ चुके हैं। इतनी ही संख्या में वैष्णो देवी भवन में केस सामने आए हैं। इसके बावजूद दोनों ही स्थानों को रेड जोन घोषित नहीं किया जा सका है।
अनंतनाग की जेल में भी एक सौ से अधिक पाजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि अनंतनाग जेल की क्षमता मात्र 60 कैदियों की है और दो सौ से अधिक कैदी ठूंसे गए हैं। दरअसल श्रीनगर की सेंट्रल जेल में 485 से अधिक कैदी हैं। जेल की क्षमता 300 कैदियों की है पर उससे अधिक जेल भरी हुई है।
तीन महिला कैदियों समेत 102 कैदी कोरोना से संक्रमित हैं। छह जेल कर्मचारी भी कोरोना पाजिटिव हैं। जेल में संक्रमण फैलने की गति इसी से देखी जा सकती है कि जुलाई के मध्य में दो डाक्टरों को कैदियों के इलाज के लिए भेजा गया तो वे भी संक्रमित हो गए। इन जेलों की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारियों की दिक्कत यह है कि कई राजनीतिज्ञ भी इनमें बंदी हैं और अंडर ट्रायल भी।
उन्हें कोरोना से दूर रखने की उनकी कवायद औंधे मुंह गिर रही है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कश्मीर की जेलों में कोरोना का सामुदायिक प्रसार हो चुका है। यह बात अलग है कि प्रशासन इसे स्वीकार करने को राजी नहीं है। इसी प्रकार की हालत वैष्णो देवी की भी है। एक हफ्ते में एक सौ के करीब मामले वैष्णो देवी भवन से आ चुके हैं।
इनमें पुजारी, सुरक्षाकर्मी और श्राइन बोर्ड के कर्मचारी भी हैं। कल भी 22 मामले आए थे और 33 आज आए हैं। पर इस सबके बावजूद श्राइन बोर्ड यात्रा को जारी रखे हुए है इस सच्चाई के बावजूद कि यात्रा में शामिल होने के लिए अब पाजिटिव श्रद्धालु भी आने लगे हैं जिन्हें क्वारांटाइन करने की कवायद भी उसे करनी पड़ रही है।
16 अगस्त को वैष्णो देवी की यात्रा आरंभ हुई है साढ़े चार महीनों के उपरांत। पहले 5 हजार श्रद्धालुओं को इसमें शिरकत करने की अनुमति दी गई थी लेकिन कोरोनो पाजिटिव मिलेन की कतार बढ़ी तो इस संख्या को कम कर 2000 कर दिया गया। लेकिन बावजूद इसके कोरोना मामले रूके नहीं हैं। कटड़ा के एक व्यापारी का कहना था कि वैष्णो देवी भवन और यात्रा में शामिल होने वालों में से पाजिटिव मामले सामने आने से खतरा बढ़ गया है।