बिहार में कोरोना कहर, सरकार की नजर जनसंख्या नियंत्रण पर, प्रवासी कामगार को दिए जा रहे हैं कंडोम और माला डी की गोलियां 

By एस पी सिन्हा | Published: June 2, 2020 07:25 PM2020-06-02T19:25:46+5:302020-06-02T19:25:46+5:30

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन तक क्वारंटाइन होने के बाद घर जा रहे आप्रवासी मजदूरों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दो पैकेट कंडोम दिए जा रहे हैं.

Coronavirus lockdown Bihar government eyeing population control, condoms and mala d pills are being given to migrant workers | बिहार में कोरोना कहर, सरकार की नजर जनसंख्या नियंत्रण पर, प्रवासी कामगार को दिए जा रहे हैं कंडोम और माला डी की गोलियां 

अधिकारियों के मुताबिक जबतक क्वारंटाइन सेंटर चलेंगे तब तक यहां के निकलने वाले मजदूरों को कंडोम दिया जाएगा. (file photo)

Highlightsस्वास्थ्य विभाग के जुडे़ अधिकारियों का मानना है कि इससे जनसंख्या नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी.इस संबंध में परिवार नियोजन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसका कोरोना वायरस से कुछ लेना देना नहीं है.

पटनाः बिहार में कोरोना के कहर से कराह रही बिहार सरकार कोरोना पर नियंत्रण के साथ ही अब जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी गंभीर हो गई है.

अन्य प्रदेशों से बिहार वापस लौट रहे आप्रवासी मजदूर कोरोना के साथ कहीं जनसंख्या के बाढ़ को भी बिहार में न फैला दें, इसको ध्यान में रखते हुए उन्हें परिवार नियोजन किट भी दिया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन तक क्वारंटाइन होने के बाद घर जा रहे आप्रवासी मजदूरों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दो पैकेट कंडोम दिए जा रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग के जुडे़ अधिकारियों का मानना है कि इससे जनसंख्या नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी. जिनको क्वारंटाइन सेंटर पर कंडोम का पैकेट नहीं मिल पा रहा है, उन्हें आशा कार्यकत्री डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग के दौरान घर पर परिवार नियोजन के किट दे रही हैं.

इस संबंध में परिवार नियोजन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसका कोरोना वायरस से कुछ लेना देना नहीं है. हम समय समय पर परिवार नियोजन के अभियान चलाते रहते हैं, ऐसे में प्रवासी मजदूरों को शिक्षित करना भी हमारे उसी अभियान का हिस्सा है. हमारी कोशिश रहेगी कि राज्य में जनसंख्या नियंत्रित रहे.

इसीलिए कंडोम और माला डी आदि बांटे जा रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक जबतक क्वारंटाइन सेंटर चलेंगे तब तक यहां के निकलने वाले मजदूरों को कंडोम दिया जाएगा. अधिकारी बताते हैं कि अगर कोई मजदूर यहां से छूट जाता है तो डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग के दौरान आशा कार्यकत्री उन्हें घर पर कंडोम के दो पैकेट दे रही हैं. कंडोम वितरण काम में विभाग की मदद केयर इंडिया नाम की एक एनजीओ कर रही है. इस तरह यह तय किया गया है कि जनसंख्या नियंत्रण अभियान के तहत गर्भनिरोधक सामग्री हर घर तक पहुंचा दिया जाये. 

अधिकारियों ने बताया कि बिहार में अबतक 28 से 29 लाख के बीच आप्रवासी मजदूर लौट चुके हैं. इनमें से अधिकांश को अलग अलग क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है. इसमें से अब तक 8.77 लाख लोगों ने 14 दिन की क्वारंटाइन अवधि पूरी कर ली है. इसकारण उन्हें घर जाने दिया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि अभी साढे पांच लाख से ज्यादा आप्रवासी मजदूर राज्यभर में ब्लॉक और जिलास्तर के क्वारंटाइन सेंटर में हैं. अधिकारियों के अनुसार जो आप्रवासी मजदूर गांव जा रहे हैं उन्हें भी अभी बाहर निकलने की छूट नहीं होगी. ऐसे में इन परिवारों में जनसंख्या वृद्धि की संभावना ज्यादा है. इसलिए जब ये आप्रवासी मजदूर यहां से घर जा रहे होते हैं, तो पहले उनकी काउंसिलिंग की जा रही है. इसके अलावा गर्भधारण रोकने के साधन भी उन्हें दिए जा रहे है. इसमें कंडोम, माला डी आदि शामिल हैं. 

Web Title: Coronavirus lockdown Bihar government eyeing population control, condoms and mala d pills are being given to migrant workers

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