Coronavirus: बिहार के CM नीतीश कुमार ने कहा- पलायन कर रहे लोगों को बसों में भेजने से बीमारी को रोकना मुश्किल होगा
By अनुराग आनंद | Published: March 28, 2020 01:40 PM2020-03-28T13:40:23+5:302020-03-28T14:54:24+5:30
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि इससे बीमारी और फैलेगी जिसकी रोकथाम और निबटना सबके लिए मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह फेल कर देगा।
पटना:कोरोना वायरस महामारी के बीच दिल्ली व दूसरे राज्यों में फंसे हुए मजदूर लगातार अपनी घर की तरफ कूच कर रहे हैं। दिल्ली व यूपी के बॉर्डर आनंद विहार में शनिवार सुबह लोगों का भारी जमावड़ा देखने को मिला।
कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान पलायन कर रहे इन लोगों की खबर मीडिया के माध्यम से सामने आने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली से सटे बॉर्डर वाले क्षेत्र से बसों के माध्यम से लोगों को उनके गृह जिला तक छोड़ने की बात कही है। यूपी के सीएम योगी के फैसले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि विशेष बस से लोगों को भेजना एक ग़लत कदम है।
एनडीटीवी से खास बातचीत में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि इससे बीमारी और फैलेगी जिसकी रोकथाम और निबटना सबके लिए मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह फेल कर देगा। साथी बिहार के सीएम ने सुझाव दिया कि स्थानीय स्तर पर ही कैम्प लगाकर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम किया जाए। आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर से हजारो की संख्या में लोग अपने घरों में जाने के लिए पैदल निकल रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए सभी विधायक एवं विधान पार्षद अपने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि से न्यूनतम पचास लाख रूपये की राशि कोरोना वायरस से निपटने के लिए सहयोग के रूप में स्वास्थ्य विभाग के कोरोना उन्मूलन कोष में अंशदान देने की बात कही है।
शुक्रवार को पटना के एक अणे मार्ग पर कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों के संबंध में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान नीतीश ने कहा कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत विधायकों एवं विधान पार्षदों को अपने क्षेत्र में एक वर्ष में तीन करोड़ रूपये खर्च करने के लिए अनुशंसा करने का अधिकार है जो कि योजना एवं विकास विभाग के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि सभी विधायक एवं विधान पार्षद अपने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि से न्यूनतम पचास लाख रूपये की राशि कोरोना वायरस से निपटने के लिए सहयोग के रूप में स्वास्थ्य विभाग के कोरोना उन्मूलन कोष में अंशदान करेंगे। अपनी इच्छा के अनुसार इससे अधिक राशि के अंशदान की भी अनुशंसा कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार की तरफ से नोडल विभाग बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग अलग से कोरोना स्पेसिफिक अकाउंट खुलवाये जिसमें जल्द से जल्द राशि का हस्तांतरण हो सके।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जरूरी उपकरण, दवा, मास्क, पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट आदि की व्यवस्था इस राशि के माध्यम से करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जहां जो आवश्यकता महसूस करे उसके अनुसार व्यय करे।
इसके लिये वित्तीय नियामावली में संशोधन कर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अथवा सचिव को पूर्व में ही अधिकृत किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसा कि उन्हें जानकारी मिली है कि जीविका समूह के माध्यम से मास्क का निर्माण किया जा रहा है।
हाजीपुर और आरा में सेनिटाइजर बनाये जा रहे हैं। आज शाम तक दस हजार टेस्टिंग किट उपलब्ध हो जायेंगे, इससे जांच में सुविधा मिलेगी। बैठक के दौरान वर्तमान परिस्थिति में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री को सभी जिलों में बनने वाले आपदा राहत केंद्रों के संबंध में जानकारी दी गयी।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि सभी जिलों में आपदा राहत केंद्र चालू हो गया है। जल्द ही सभी अनुमंडल में भी आपदा राहत केंद्र काम करने लगेगा। प्रत्यय ने अपने प्रस्तुतीकरण में 14 मार्च से राज्य में आने वाले विदेश एवं देश के अन्य हिस्सों से बिहार में आने वाले नागरिकों की एक सूची के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि बिहार के बाहर लॉकडाउन के कारण जो लोग फंसे हुए हैं उन्हें हरसंभव सहायता उपलब्ध करायी जाए। टेलीफोन के माध्यम से जो लोग भी अपनी तकलीफ की सूचना देते हैं उन्हें हरसंभव सुविधा मिले।