कोरोना लॉकडाउन में पाकिस्तान में फंसे थे 300 भारतीय, करीब दो महीने बाद शनिवार को होगी वापसी
By विनीत कुमार | Published: May 29, 2020 11:07 AM2020-05-29T11:07:50+5:302020-05-29T11:07:50+5:30
कोरोना लॉकडाउन और देश के सीमाओं के बंद किये जाने के कारण पाकिस्तान में भारत के 300 नागरिक दो महीने से फंसे हुए हैं। अब इन्हें लौटा लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे की वजह से लागू हुए लॉकडाउन से करीब 300 भारतीय नागरिक पाकिस्तान में फंसे हुए हैं। हालांकि, अब उनकी वापसी का रास्ता साफ हो गया है। भारत सरकार ने उन्हें लौटने की इजाजत दे दी है। इसमें 80 छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं जो लाहौर में पढ़ाई करते हैं। साथ ही 10 नागरिक इस्लामाबाद में और 12 लोग ननकाना साहिब अपने रिश्तेदारों से मिलने गये थे। बाद में भारत में लॉकडाउन लगने के बाद वे वहां फंस गये।
हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में पाकिस्तान मीडिया के हवाले से बताया है कि ये सभी लोग अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते शनिवार को भारतीय सीमा में प्रवेश करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार छात्रों और रिश्तेदारों से मिलने जाने वालों के अलावा 200 अन्य भारतीय भी हैं जो कराची और पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हैं।
इन सभी को एक एफिडेविट देने को कहा गया था जिसके बाद उन्हें लौटने की इजाजत दी गई है। पाकिस्तान ने सभी लोगों को वाघा बॉर्डर तक लाने के इंतजाम किए हैं। उन्हें वहां शुक्रवार रात लाया जाएगा और शनिवार को भारतीय अधिकारियों को सौंपा जाएगा।
भारत में भी लॉकडाउन के कारण पाकिस्तान के फंसे 176 नागरिक बुधवार को अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते अपने देश लौट गये। वे पिछले दो महीने से भारत में फंसे हुए थे। इनमें से ज्यादातर भारत बतौर तीर्थयात्री आए थे। पाकिस्तान रैंजर्स ने उन्हें बीएसएफ से रिसीव किया।
पाकिस्तान के ईदी फाउंडेशन के अनुसार इन सभी की जांच पाकिस्तान लौटने के बाद की गई और इन्हें लाहौर में एक क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। ये सभी छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली में विभिन्न इलाकों में फेंसे थे। 20 मार्च, 2020 से अब तक भारत से 400 पाकिस्तानी अपने देश लौट चुके हैं।