Coronavirus: UNICEF का दावा, भारत में इस साल 9 महीने में 2 करोड़ से ज्यादा बच्चे लेंगे जन्म
By विनीत कुमार | Published: May 7, 2020 01:29 PM2020-05-07T13:29:02+5:302020-05-07T13:34:56+5:30
यूनिसेफ के अनुसार कोरोना के साये में पूरी दुनिया में 116 मिलियन बच्चे पैदा हो सकते हैं। मार्च से दिसंबर की इसी अवधि के दौरान चीन में 13.5 मिलियन, नाइजीरिया मे 6.4 मिलियन, पाकिस्तान में 5 मिलियन बच्चे पैदा हो सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष निकाय के अनुसार, मार्च और दिसंबर के बीच देश में 2 करोड़ से अधिक शिशुओं के जन्म की उम्मीद है। मार्च में ही कोरोना को महामारी घोषित की गई थी और भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन भी लगा दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इस तरह 40 हफ्तों में (मार्च से दिसंबर) में ये भारत में सबसे अधिक जन्म रिकॉर्ड का अनुमान है।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने ये चेतावनी दी है कि दुनिया भर में महामारी के दौरान गर्भवती माताओं और शिशुओं को मेडिकल सेवाओं में पैदा होने वाले व्यवधान के कारण खतरा भी है। यूनिसेफ ने बुधवार को साथ ही कहा कि कोविड -19 महामारी के बीच में पूरी दुनिया में 116 मिलियन बच्चे पैदा होंगे।
इसी अवधि के दौरान जन्म के अनुमानित उच्चतम संख्या वाले अन्य देश चीन (13.5 मिलियन), नाइजीरिया (6.4 मिलियन), पाकिस्तान (5 मिलियन) और इंडोनेशिया (4 मिलियन) भी हैं। भारत में 11 मार्च से 16 दिसंबर के बीच 20.1 मिलियन यानी दो करोड़ से ज्यादा बच्चों के जन्म की संभावना है।
मदर्स डे से पहले यूनिसेफ का ये आकलन आया है। मदर्स डे 10 मई को है। कोरोना वायरस को 11 मार्च को वैश्विक महामारी घोषित किया गया था और बच्चों के जन्म का यह आकलन 40 सप्ताह तक का है।
यूनिसेफ ने कहा है, 'इन देशों में महामारी से पहले भी उच्च नवजात मृत्यु दर थी और COVID-19 स्थितियों के साथ इन स्तरों में वृद्धि देखी जा सकती है।' यूनिसेफ ने ये भी कहा है कि कोविड -19 के रोकथाम के उपाय जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर सकते हैं। इसमें बच्चे की देखभाल, लाखों गर्भवती माताओं और उनके बच्चों का जोखिम बढ़ सकता है।
यूनिसेफ के अनुसार यहां तक कि समृद्ध देश भी इस संकट से प्रभावित हैं। सबसे ज्यादा जन्म के अनुमानित संख्या के मामले में छठे नंबर पर मौजूद अमेरिका में भी 11 मार्च से 16 दिसंबर के बीच 3.3 मिलियन से ज्यादा बच्चों के जन्म लेने का अनुमान है। यूनिसेफ ने कहा कि यह विश्लेषण संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या संभाग के विश्व जनसंख्या अनुमान 2019 के आंकड़े के आधार पर है।