Coronavirus India Updates: 81 दिन बाद सबसे कम मौत, 45951 नए केस, अभी तक 33.28 करोड़ टीके लगे
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 30, 2021 01:56 PM2021-06-30T13:56:51+5:302021-07-07T10:35:37+5:30
Coronavirus India Updates: देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 5,37,064 हो गयी है जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.77 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से उबरने की दर 96.92 प्रतिशत है।
Coronavirus India Updates: भारत में एक दिन में कोविड-19 के 45,951 नए मामले सामने आने से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या 3,03,62,848 पर पहुंच गई।
एक दिन में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या लगातार तीसरे दिन 1,000 से कम रही। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 817 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 3,98,454 हो गयी है।
एक दिन में कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों की यह संख्या 81 दिनों में सबसे कम है। सुबह सात बजे तक प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 33.28 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं।
कोवैक्सीन अल्फा और डेल्टा दोनों वेरिएंट
भारत में संभावित तीसरी लहर की खबरों के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। अब अमेरिका ने भी भारत की स्वदेशी वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ एक मजबूत हथियार माना है। अमेरिका की राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की मदद से भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोवैक्सीन अल्फा और डेल्टा दोनों वेरिएंट को बेअसर करने में कारगर है।
अल्फा वैरिएंट सबसे पहले UK में जबकि डेल्टा वैरिएंट भारत में सबसे पहले पाया गया था। कोवैक्सिन की डोज से लोगों में ज्यादा तेज एंटीबॉडी बनते देखा गया है। एनआईएच ने कहा कि वैक्सीनेशन के दूसरे चरण के परिणाम बताते हैं कि ये वैक्सीन सुरक्षित और अच्छी तरह से सहन करने योग्य है। वैक्सीन निर्माताओं ने हाल ही में एक विशेषज्ञ पैनल को तीसरे चरण का डेटा सौंपा था।
वैक्सीन के अंतरिम नतीजे अभी कहीं प्रकाशित नहीं हुए
तीसरे चरण के ट्रायल में कोवैक्सीन कोरोना के हल्के-मध्यम लक्षण वाले मामलों पर 78% और गंभीर मामलों पर 100% कारगर पाया गया है.NIH ने कहा कि कोवैक्सीन एसिम्टोमैटिक मामलों पर भी 70% असरदार है और पूरी तरह सुरक्षित है। NIH ने कोरोना के खिलाफ कोवैक्सीन शॉट को अत्यधिक प्रभावकारी बताया है। हालांकि वैक्सीन के अंतरिम नतीजे अभी कहीं प्रकाशित नहीं हुए हैं।
कोरोना का डेल्टा वैरिएंट काफी खतरनाक साबित
कोवैक्सिन (Covaxin) की डोज लेने वाले लोगों के ब्लड सीरम की दो स्टडीस से पता चला है कि ये ऐसी एंटीबॉडी बनाता है, जो SARS-CoV-2 के B.1.17 (अल्फा) और B.1.617 (डेल्टा) वेरिएंट को प्रभावी ढंग से बेअसर करता है। वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (NIAID) के के निदेशक एंथनी एस फौसी ने कहा कि एक वैश्विक महामारी को समाप्त करने के लिए वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। गौरतलब है कि भारत में सबसे पहले पाया गया कोरोना का डेल्टा वैरिएंट काफी खतरनाक साबित हुआ था।
इसने भारत में हहाकार मचा दिया था। देश और दुनिया में इस वैक्सीन के प्रभावी होने को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे थे। कई वैश्विक एजेंसियों ने इस वैक्सीन के ट्रायल और प्रभावी होने के बारे में फैक्ट्स की कमी की बात कही थी.कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझने के बाद भारत में हालात अब सामान्य होने लगे हैं।
अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन को भी इमरजेंसी यूज
वहीं पिछले 24 घंटे में 60,729 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं यानी कि कल 15,595 एक्टिव केस कम हो गए। भारत में 16 जनवरी से वैक्सीन ड्राइव के तहत लोगों को ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड और कोवैक्सीन दी जा रही है। अप्रैल में रूस की स्पूतनिक को भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है, वहीं कल अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन को भी इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल गई है।
संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
बंगाल में और 16,033 लोगों की मौत पंजाब में हुई
पिछले 24 घंटों में जिन 817 लोगों की मौत हुई है उनमें से 231 की महाराष्ट्र, 118 की तमिलनाडु और 104 लोगों की मौत कर्नाटक में हुई है। इस महामारी से देश में अभी तक कुल 3,98,454 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें से 1,21,804 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 34,929 की कर्नाटक में, 32,506 की तमिलनाडु में, 24,971 की दिल्ली में, 22,577 की उत्तर प्रदेश में, 17,679 की पश्चिम बंगाल में और 16,033 लोगों की मौत पंजाब में हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।