मुंबई: मरकज से लौटे लोगों के संपर्क में आया था धारावी का मृतक, 2 दिन तक उसके फ्लैट में रुकीं थी जमातियों की पत्नियां
By स्वाति सिंह | Published: April 4, 2020 12:27 PM2020-04-04T12:27:03+5:302020-04-04T12:27:03+5:30
मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी में कोरोना वायरस के संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत से यहां के निवासियों के वायरस के संपर्क में आने और यहां की घनी आबादी में भी महामारी फैलने का खतरा पैदा हो गया।
मुंबई: मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी इलाके में भी कोरोना वायरस दस्तक दे चुका है। यहां गुरुवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 2 अन्य संक्रमित पाए गए हैं। इसी बीच बताया जा रहा है कि यहां कोरोना संक्रमण से मरे 56 वर्षीय युवक का कनेक्शन दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर आए लोगों से था।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात में शामिल होकर लौटीं पांच महिलाएं मृतक के ही एक अन्य फ्लैट में रुकी थीं। ये महिलाएं 22 मार्च को दिल्ली से वापस आईं थी। बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा, 'महिलाओं के साथी पुरुष धारावी के शाहू नगर के जामा मस्जिद में रुके थे। जबकि, महिलाएं डॉक्टर बलिगा नगर के फ्लैट में रुकी थीं। उस फ्लैट का मालिक 56 वर्षीय व्यक्ति था। जिसकी कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने जमात से लौटे इन सभी लोगों के 24 मार्च को केरल के कोझिकोड निकलने से पहले मृतक ने उनके साथ समय गुजारा था।
बता दें कि धारावी में कोरोना वायरस के संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत से यहां के निवासियों के वायरस के संपर्क में आने और यहां की घनी आबादी में भी महामारी फैलने का खतरा पैदा हो गया। धारावी की झोपड़पट्टी 613 एकड़ क्षेत्र में फैली है और इसमें कई लघु श्रेणी के उद्योग, चमड़े का सामान, मिट्टी के बर्तन और कपड़ा फैक्ट्रियां हैं। यहां पर 15 लाख लोग छोटे-छोटे मकानों में रहते हैं और यह शहर का सबसे घना बसा क्षेत्र है।
कोरोना वायरस से यहां एक व्यक्ति की मौत के बाद प्रशासन किसी भी गलती की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहता। इसलिए सबसे पहले झोपड़ पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण (एसआरवी) की उस इमारत को सील कर दिया जहां पर वह रहता था। महानगरपालिका के अधिकारी ने बताया कि इलाके को संक्रमित स्थान के रूप में चिह्नित किया गया है। उन्होंने बताया कि जहां पर मृतक रहता था उसके चारों ओर झोपड़पट्टी है। मृतक की धरावी में कपड़े की दुकान थी और 23 मार्च को उसमें खांसी, जुकाम और बुखार के लक्षण सामने आए थे और 26 मार्च को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सरकारी सायन अस्पताल में व्यक्ति की मौत के बाद पुलिस ने 300 मकानों और आसपास की 90 दुकानों को सील कर दिया। इनमें रहने वाले लोगों को घर में ही पृथक कर दिया गया। महा नगर पालिका के अधिकारी ने बताया कि उन्होंने इलाके को संक्रमण रहित करने के लिए नियमित अंतराल पर इलाके में दवाओं का छिड़काव करने का फैसला किया है जबकि पुलिस ने इलाके में लोगों की आवाजाही रोक दी है। उन्होंने बताया, ‘‘मृतक के संपर्क में आने वाले लोगों के हाथ पर मुहर लगाकर पृथक कर दिया गया है। उसके परिवार के सदस्यों और इमारत में रहने वाले कुछ लोगों के लार के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।’’
अधिकारी ने बताया कि इमारत में रहने वाले प्रत्येक बुजुर्ग और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों की जांच करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच के नतीजे जब तक आ नहीं जाते तब तक किसी को भी इमारत से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अधिकारी ने बताया, ‘‘बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) इमारत में रहने वालों को राशन और खाद्य सामग्री मुहैया कराएगी।’’ उल्लेखनीय है कि बीएमसी ने शहर के 146 स्थानों को चिह्नित किया है जहां पर एक या एक से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज या संदिग्ध मिले थे, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। अधिकारी के मुताबिक चिह्नित क्षेत्र में लोगों की आवाजाही को पुलिस नियंत्रित कर रही है।