Coronavirus: कोरोना के मामले में भारत 2 दिनों में स्पेन व ब्रिटेन से हो सकता है आगे, इन 5 उपायों से रोका जा सकता है संक्रमण
By अनुराग आनंद | Published: June 10, 2020 03:18 PM2020-06-10T15:18:24+5:302020-06-10T15:18:24+5:30
भारत में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2 लाख 76 हजार 583 पहुंच गई है।
नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के मामले में तेजी से वृद्धि हो रही है। आज (बुधवार) को कोरोना संक्रमण के 9985 केस आए हैं। इससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2 लाख 76 हजार 583 पहुंच गई है। यदि कोरोना संक्रमण के मामले देश में इसी रफ्तार से बढ़ा तो भारत दो दिन में ही कोरोना वायरस के केस की गिनती में ब्रिटेन और स्पेन को पीछे छोड़ सकता है।
बता दें कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय मुताबिक, बुधवार सुबह तक ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण के 2.87 लाख केस हैं, जबकि स्पेन में 2.89 लाख केस हैं। कोरोना संक्रमण के मामले भारत के मुंबई व दिल्ली जैसे शहरों में तेजी से बढ़ रहे हैं।
भारत का टेस्टिंग रेट वर्तमान में 18.44% है, जो 25 मई को 25.95% की तुलना में गिरा है। 25 अप्रैल से 3 मई तक गिरने के बाद यह रेट तेजी से ऊपर की ओर बढ़ गया था। 7 जून तक टेस्टिंग रेट 6.90% से अधिक हो गया है।
ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए हमें काफी सावधान रहने की जरूरत है। इन पांच तरह से आप कोरोना संक्रमण से बच सकते हैं।
1 कोरोना के लक्षण दिखते ही जांच कराएं
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ इस महामारी के प्रसार को रोकने की दिशा में सबसे अहम कारक इसकी शुरुआती पहचान है। सच बात तो यह है कि इस बीमारी से कितने लोग संक्रमित हैं, ये जाने बिना आप ना तो इसके असर के बारे में जान सकते हैं और ना ही आप कारगर क़दम उठा सकते हैं।
अमरीका के टेंपल यूनिवर्सिटी के इपिडिमिलॉजी की प्रोफ़ेसर क्रायस जॉनसन इससे सहमत हैं। उनके मुताबिक यह सबसे ज्यादा अंतर पैदा करने वाला कारक है, जिन देशों ने जांच कराने पर जोर दिया वहां नए मामलों में कमी देखने को मिली, जिन देशों में जांच कराने पर जोर नहीं दिया गया वहां संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े।
2 संक्रमित मरीज को क्वारंटाइन करना
मरीजों की पहचान, जांच और उन्हें क्वारंटाइन करना बेहद जरूरी है। इससे इस बीमारी के फैलने को रोका जा सकता है।इतना ही नहीं इससे नए मामलों की जल्दी पहचान होने में भी मदद मिलती है. बता दें कि चीनी अधिकारियों ने नए मामलों की पहचान के लिए अत्यधिक सक्रियता दिखाई और इसके चलते ही संक्रमण के मामलों में वहां कमी देखने को मिली है।
3 ज्यादा से ज्यादा हो जांच-
अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन जैसे देशों को अगर देखें, तो हम पाएंगे कि इन देशों में कोरोना के कुल कंफर्म मामलों और वास्तविक संख्या में काफी अंतर है। इसका मतलब यह हुआ कि इन देशों ने महामारी की शुरुआत में ही टेस्टिंग पर फोकस कर लिया था। जिससे नए मामलों का ग्राफ उतना तेजी से नहीं बढ़ा, जितना कि भारत में हो रहा है।
4 नियमित तौर पर हाथ धोना और स्वच्छता
आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने की दिशा में नियमित तौर पर हाथ धोना और स्वच्छता से रहना बेहद ज़रूरी कदम है। साफ़ सफ़ाई से लोग बीमार नहीं होते और दूसरों में संक्रमण फैलने की आशंका भी कम होती है। दूसरे देशों की बात करें तो सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और ताइवान की गलियों में 'एंटी बैक्ट्रियल जेल' वाले स्टेशन मौजूद हैं, जहां से लोग खुद को सैनिटाइज़ कर लेते हैं।
5 सोशल डिस्टैंसिंग के लिए वर्क फ्रॉम होम से करें काम
जब एक बार संक्रमण आपके मोहल्ला में प्रवेश कर गया तब रोकथाम का कोई उपाय कारगर नहीं रह जाता है। ऐसी स्थिति आने पर आबादी को इसकी चपेट में आने से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका सोशल डिस्टैंसिंग है। इसके लिए जरूरी है कि आप भीड़ से दूर रहें और ज्यादा से ज्यादा अपने घर से 'वर्क फ्रॉम होम' करने का प्रयास करें।