Coronavirus: उच्च न्यायालय का जनता को निर्देश- अति आवश्यक होने पर ही न्यायालय परिसर में करें प्रवेश

By प्रदीप द्विवेदी | Published: March 19, 2020 06:04 AM2020-03-19T06:04:35+5:302020-03-19T06:04:35+5:30

राजस्थान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के हवाले से जानकारी दी गई है कि दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक प्रकरण में आगामी तारीख की जानकारी संबंधित न्यायालय के सूचना पट्ट पर एवं संबंधित जिला न्यायालय की वेबसाईट पर प्रकाशित की जा रही हैं. साथ ही, सीआईएस पर भी आगामी तारीख पेशी अपलोड की जा रही हैं.

Coronavirus: HC directs public Enter court premises only when it is absolutely necessary | Coronavirus: उच्च न्यायालय का जनता को निर्देश- अति आवश्यक होने पर ही न्यायालय परिसर में करें प्रवेश

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsराजस्थान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के हवाले से जानकारी दी गई है कि दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक प्रकरण में आगामी तारीख की जानकारी संबंधित न्यायालय के सूचना पट्ट पर एवं संबंधित जिला न्यायालय की वेबसाईट पर प्रकाशित की जा रही हैं. राजस्थान उच्च न्यायालय में अति आवश्यक प्रकृति के प्रकरण ही पक्षकारों की प्रार्थना पर सूचीबद्ध किये जा रहे हैं.

राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से राज्य में कोरोना वायरस की रोकथाम के संबंध में पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी पक्षकार की अनुपस्थिति में कोई प्रतिकूल आदेश जारी नहीं किया जाएगा, लिहाजा आमजन के हित में यह अनुरोध किया गया है कि वे अपने घर पर रहकर ही आवश्यक होने की स्थिति में अपने अधिवक्ता से फोन पर सम्पर्क करें और अति आवश्यक होने पर ही न्यायालय परिसर में प्रवेश करें तथा इस संबंध में विभिन्न मेडिकल एजेंसियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें.

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी न्यायालयों में आगामी दिनों में सूचीबद्ध प्रकरणों को आगामी तारीख तक एक साथ स्थगित कर दिया गया है.

राजस्थान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के हवाले से जानकारी दी गई है कि दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक प्रकरण में आगामी तारीख की जानकारी संबंधित न्यायालय के सूचना पट्ट पर एवं संबंधित जिला न्यायालय की वेबसाईट पर प्रकाशित की जा रही हैं. साथ ही, सीआईएस पर भी आगामी तारीख पेशी अपलोड की जा रही हैं.

यह भी बताया गया है कि आगामी आदेश तक यह व्यवस्था की गयी है कि केवल संबंधित पक्षकार की प्रार्थना पर सिर्फ न्यायालय के विवेकाधीन अति-आवश्यक प्रकृति के प्रकरणों जैसे-जमानत आवेदन, रिमाण्ड, सुपुर्दगी आवेदन, आवश्यक प्रकृति के स्थगन प्रार्थना पत्रों आदि की ही सुनवाई की जायेगी.

राजस्थान उच्च न्यायालय में भी अति आवश्यक प्रकृति के प्रकरण ही पक्षकारों की प्रार्थना पर सूचीबद्ध किये जा रहे हैं.

उधर, प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर एयरपोर्ट ऑथरिटी की बसों को अच्छी तरह से विसंक्रमित करवाने के साथ ही केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने एयरपोर्ट ऑथरिटी की बसों को अच्छी तरह से विसंक्रमित करवाने के संबंध में सांगानेर एयरपोर्ट के निदेशक को पत्र लिखा है.

उनका कहना है कि एयरपोर्ट ऑथेरिटी की बसों को सेनेटाइज न करने पर संक्रमण की संभावना अधिक रहती है. इसी को ध्यान में रखते हुए टर्मिनल-2 से यात्रियों को विमान तक ले जाने वाली एयरपोर्ट ऑथरिटी की बसों को अच्छी तरह से विसंक्रमित करने की एडवाइजरी जारी की गई है.  

इसी तरह, परिवहन आयुक्त एवं शासन सचिव रवि जैन ने भी प्रदेश के सभी प्रादेशिक परिवहन अधिकारियों एवं समस्त जिला परिवहन अधिकारियों को सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के वाहनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को कोरोना संक्रमण से बचाने एवं सावचेत करने के लिए इन वाहनों को संक्रमण मुक्त कराने हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

उल्लेखनीय है कि फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में इटालियन पर्यटकों के कारण राजस्थान में कोरोना के खतरे की घंटी बजी थी, जिसके बाद से सरकार सतर्क हुई और सुरक्षा के उपाय शुरू किए गए.

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