एंबुलेंस से नहीं आने पर कोरोना संक्रमित महिला प्रोफेसर को अस्पताल ने भर्ती करने से किया इनकार, मौत
By विनीत कुमार | Published: April 13, 2021 11:44 AM2021-04-13T11:44:47+5:302021-04-13T11:48:59+5:30
गुजरात में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 6,021 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, 55 और लोगों की सोमवार को मौत हो गई।
भारत में कोरोना वायरस की लहर ने कोहराम मचा रखा है। कई राज्यों में तेजी से मामले बढ़ रहे हैं। साथ ही कोरोना की मरने वालों की संख्या में भी तेज इजाफा हुआ है। अस्पताल आईसीयू, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन और बेडों की कमी आदि से जूझ रहे हैं और ऐसे में गंभीर मरीजों की जान भी जा रही है।
वहीं, कई जगहों पर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही संवेदनहीनता भी सामने आ रही है। ऐसा ही एक मामला गुजरात से सामने आया है। गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्कूल ऑफ नैनोसाइंसेस की डीन प्रोफेसर इंद्राणी बनर्जी को कोरोना के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
इंद्राणी बनर्जी करीब दो दिनों से सांस में तकलीफ से जूझ रही थीं। ऐसे में उनके छात्र और साथी उन्हें जल्दबाजी में कोविड अस्पताल ले गए। हालांकि, अहमदाबाद के एक कोविड अस्पताल ने ये कहते हुए उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया कि उन्हें निर्धारित एंबुलेंस से नहीं लाया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को इंद्राणी बनर्जी की तकलीफ काफी बढ़ गई थी और उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। उनके कुछ स्टूडेंट के अनुसार उनका ऑक्सीजन लेवल 90 के आसपास आ गया था।
इसके बाद उन्हें गांधीनगर में एक सिविल अस्पताल में ले जाया गया। अस्पताल मरीजों से पूरी तरह भरा हुआ था। ऐसे में इंद्राणी बनर्जी ने अपने स्टूडेंट और साथ काम करने वाले लोगों से उन्हें किसी निजी अस्पताल में ले जाने को कहा।
प्राइवेट अस्पतालों में भी ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की कमी
हालांकि निजी अस्पताल ने भी ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की कमी बताते हुए उन्हें भर्ती करने से इनकार किया। इसके बाद उनके छात्र शनिवार को प्रोफेसर बनर्जी को अपने निजी गाड़ी में अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉरपेरेशन के कोविड अस्पताल ले गए। हालांकि अस्पताल ने कहा कि मरीज को EMRI 108 एंबुलेंस में नहीं लाया गया और इसलिए उन्हें भर्ती नहीं किया जा सकता है।
बाद में प्रोफेसर बनर्जी को गांधीनगर के अस्पताल लाया गया। इस समय तक उनका ऑक्सीजन का स्तर गिरकर 60 प्रतिशत तक पहुंच चुका था। आधी रात 2 बजे तक अस्पताल उनके लिए ऑक्सीजन मशीन लाने में सफल रहा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उनका अंतिम संस्कार रविवार को कर दिया गया।