लोग और पुलिस पूछ रहे कश्मीरियों से, कैसे रहे थे आप इतने महीने लॉकडाउन और संचारबंदी में
By सुरेश एस डुग्गर | Published: March 26, 2020 05:54 PM2020-03-26T17:54:40+5:302020-03-26T17:54:40+5:30
इनमें कई लोग कश्मीरियों से हैरानगी से सवाल पूछते थे कि आखिर वे कैसे इतने दिनों तक अपने घरों में कैद रहे थे। यह सच है कि पिछले साल 5 अगस्त को राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद पूरी कश्मीर वादी में लॉकडाउन कर दिया गया था और यह कई महीनों तक चला था।
जम्मू: देशभर में लॉकडाउन का आज दूसरा दिन है। ऐसे में लोगों का घरों में बंद रहना मुश्किल सा हो गया है, लेकिन कश्मीरियों को अपने ही घरों में कई महीनों तक लॉकडाउन व संचारबंदी कर ‘कैद’ में रखने का अनुभव अब देशवासी जानना चाहते हैं।
यही नहीं, कई राज्यों की पुलिस, कश्मीर पुलिस के उस गुण को सीखने को उतावली है, जिसके कारण वह कश्मीरियों को इतने लंबे अरसे तक लॉकडाउन की स्थिति में रख पाई थी।फेसबुक और ट्विटर पर ऐसे संदेशों की भरमार भी है।
इनमें कई लोग कश्मीरियों से हैरानगी से सवाल पूछते थे कि आखिर वे कैसे इतने दिनों तक अपने घरों में कैद रहे थे। यह सच है कि पिछले साल 5 अगस्त को राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद पूरी कश्मीर वादी में लॉकडाउन कर दिया गया था और यह कई महीनों तक चला था। इस लॉकडाउन का दुखद पहलू यह था कि तब कश्मीरियों को संचारबंदी भी सहन करनी पड़ी थी जिसमें न ही मोबाइल चले थे, न ही लैंडलाइन फोन और न ही इंटरनेट। मगर इस बार के लॉकडाउन की खास बात यह थी कि कश्मीरी खुद इसमें सहयोग कर रहे थे।
दरअसल वे इस बात की सच्चाई को जान चुके थे कि इस बार का खतरा उनकी ‘आजादी की तथाकथित मुहिम’ से ज्यादा खतरनाक है और देश दो दिन से जिस लॉकडाउन को झेल रहा है वह भी जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए खासकर कश्मीरियों के लिए नया नहीं है। कश्मीर में फैले आतंकवाद के 30 सालों के दौर के दौरान कई बार कश्मीर में अलगाववादियों के आह्वान पर कश्मीरी सिविल कर्फ्यू का पालन कर चुके हैं। यही नहीं जम्मू में भी वर्ष 2008 के अमरनाथ जमीन आंदोलन के दौरान जम्मूवासी कई दिनों तक सिविल कर्फ्यू अर्थात जनता कर्फ्यू के दौर से गुजर चुके हैं। ऐसे में जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए ऐसी कवायद के दौर से गुजरना कोई मुश्किलभरा काम नहीं है।
यही नहीं कश्मीर को लॉकडाउन में रखने का अनुभव सिर्फ कश्मीरियों के पास ही नहीं था बल्कि कश्मीर पुलिस के पास भी कश्मीर को कई महीनों तक लॉकडाउन करने का अनुभव है जिसे अब कई अन्य राज्यों की फोर्स शेयर करने को उतावली है। कश्मीर पुलिस के सूत्रों के अनुसार, कई राज्यों से उन्हें ऐसे आग्रह मिले हैं कि वे अपने उन तौर तरीकों को उनके साथ सांझा करें जिनके द्वारा वे कश्मीर में इतने लंबे अरसे तक लॉकडाउन कर पाने में सक्षम हुए थे। एक अधिकारी के मुताबिक, उनके वरिष्ठ अधिकारी ऐसा आग्रह करने वाले राज्यों के उच्चाधिकारियों से अनुभव, तौर तरीके सांझा भी कर रहे हैं ताकि देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन को निर्बाध लागू करवाया जा सके।