चिकित्सकों ने दिल्लीवालों की दी चेतावनी, सर्दी में वायु प्रदूषण के बढ़ने से कोविड-19 एक गंभीर चुनौती

By भाषा | Published: September 23, 2020 08:35 PM2020-09-23T20:35:57+5:302020-09-23T20:35:57+5:30

वायु प्रदूषण से ‘क्रोनिक ब्रोंकाइटिस’ और फेफड़ों की सूजन से पीड़ित लोगों के लिए एक गंभीर खतरा पैदा हो जाता है और ऐसे रोगियों को कोविड-19 का खतरा अधिक हो सकता है।

Coronavirus Delhi who covid 19 Doctors warn serious challenge due to increasing air pollution in winter | चिकित्सकों ने दिल्लीवालों की दी चेतावनी, सर्दी में वायु प्रदूषण के बढ़ने से कोविड-19 एक गंभीर चुनौती

यदि वे संक्रामक बीमारी के संपर्क में आ जाते है तो यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है। (file photo)

Highlightsशहर में कोविड-19 की स्थिति को बिगाड़ सकता है और सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती पैदा कर सकता है।कई कारणों से हर साल सर्दी के मौसम में दिल्ली की वायु गुणवत्ता का स्तर खतरनाक स्तर पर चला जाता है। राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में स्कूलों को बंद करने, निर्माण गतिविधियों और डीजल डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश दिये थे।

नई दिल्लीः चिकित्सकों और पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का चरम स्तर शहर में कोविड-19 की स्थिति को बिगाड़ सकता है और सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती पैदा कर सकता है।

शहर की भौगोलिक स्थिति, प्रतिकूल मौसम, पराली का जलाया जाना और प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों समेत कई कारणों से हर साल सर्दी के मौसम में दिल्ली की वायु गुणवत्ता का स्तर खतरनाक स्तर पर चला जाता है। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित प्रदूषण नियंत्रण संस्था ने पिछले वर्ष नवम्बर में जन स्वास्थ्य आपात स्थिति की घोषणा की थी और दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में स्कूलों को बंद करने, निर्माण गतिविधियों और डीजल डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश दिये थे।

आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पल्मोनोलॉजी विभाग में सलाहकार डा. अक्षय बुधराजा ने कहा कि वायु प्रदूषण से ‘क्रोनिक ब्रोंकाइटिस’ और फेफड़ों की सूजन से पीड़ित लोगों के लिए एक गंभीर खतरा पैदा हो जाता है और ऐसे रोगियों को कोविड-19 का खतरा अधिक हो सकता है।

उन्होंने कहा कि यदि वे संक्रामक बीमारी के संपर्क में आ जाते है तो यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है। कोलंबिया एशिया अस्पताल, पुणे में सलाहकार, पल्मोनोलॉजी, डा. लक्ष्मीकांत कोटेकवार ने कहा, ‘‘अगर धूल से होने वाली एलर्जी का पिछला इतिहास है, तो यह अस्थमा के खतरे की ओर इशारा करता है।’’

‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में शोधकर्ता संतोष हरीश ने कहा कि इस साल आर्थिक गतिविधियों के कम होने के कारण प्रदूषण का स्तर अपेक्षाकृत कम रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि वायु प्रदूषण से कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता बढ़ने की आशंका है।’’

महाराष्ट्र में कोविड-19 के 21,029 नये मामले सामने आए,479 और लोगों की मौत हुई

महाराष्ट्र में बुधवार को कोविड-19 के 21,029 नये मामले सामने आए, जिससे राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 12,63,799 हो गयी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने बताया कि 479 लोगों ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया, जिससे राज्य में महामारी में मरने वालों की संख्या 33,886 हो गयी।

उन्होंने बताया कि उपचार के बाद दिन में कुल 19,476 रोगियों को छुट्टी दे दी गई, जिससे राज्य में ठीक हुए मरीजों की संख्या 9,56,030 पहुंच गई। राज्य में अब 2,73,477 मरीजों का इलाज चल रहा है। मुंबई शहर में दिन के दौरान संक्रमण के 2,360 नए मामले सामने आए, जिससे महानगर में संक्रमितों की कुल संख्या 1,90,264 तक पहुंच गई, जबकि 49 और मरीजों की जान जाने से मृतकों की संख्या 8,604 हो गई। पुणे शहर में संक्रमण के 1,797 नए मरीज मिलने के बाद आंकड़ा 1,46,062 हो गया जबकि 26 और मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या 3,329 हो गई। राज्य में अब तक 61,06,787 नमूनों की जांच हुई हैं।

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