कोविड-19ः रिकवरी दर में सुधार, डा. हर्षवर्द्धन बोले-8.18 लाख से अधिक रोगी स्वस्थ, दैनिक डेटा पर नजर
By एसके गुप्ता | Published: July 24, 2020 05:11 PM2020-07-24T17:11:43+5:302020-07-24T17:12:10+5:30
इस समय 8 लाख 18 हजार से अधिक रोगी स्वस्थ हुए हैं और सक्रिय मामले लगभग एक तिहाई हैं। देश के कुछ राज्यों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं और इन राज्यों में कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़ रही है।
नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं। लोकमत समाचार के साथ साक्षात्कार में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस समय 8 लाख 18 हजार से अधिक रोगी स्वस्थ हुए हैं और सक्रिय मामले लगभग एक तिहाई हैं।
प्रश्न-1 : कोरोना रिकवरी रेट बढ़ने के साथ नए कंटेनमेंट जोन भी लगातार बढ़ रहे हैं। कोरोना की चेन को तोड़ने में अभी कितना समय लगेगा?
उत्तर – यह सत्य है कि केन्द्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रभावी उपायों से रिकवरी दर में सुधार हुआ है। इस समय 8 लाख 18 हजार से अधिक रोगी स्वस्थ हुए हैं और सक्रिय मामले लगभग एक तिहाई हैं। देश के कुछ राज्यों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं और इन राज्यों में कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़ रही है।
कोरोना संक्रमण कब तक रहेगा, कई लोग इस बात का अनुमान गणित की गणना के आधार पर कर रहे हैं। कल्पना आधारित ऐसे अनुमान वास्तविकता के करीब नहीं बैठते। हम सब मिलकर कोरोना की चेन को तोड़ सकते हैं। इसके लिये हमें पूरी तरह मास्क, फेस कवर या गमछे का उपयोग करना होगा। घर से बाहर जाते समय ऐसा करना कभी नहीं भूलें। दो गज की दूरी का पालन करें। ऐसा कर हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न-2 : कोरोना वैक्सीन को लेकर कभी 15 अगस्त, कभी दिसंबर 2020 की तारीखें बताई जा रही हैं। हम वैक्सीन इजाद करने की जिस स्टेज में हैं उसमें अभी कितना समय लगेगा?
उत्तर- दुनिया के काफी देश वैक्सीन और दवा बनाने के काम में तेजी से जुटे हैं। भारत की दो कंपनियां नैदानिक परीक्षण के पहले चरण में हैं, जबकि चीन की एक कंपनी अत्यंत उन्नत चरण में है और अंतिम अनुमति के निकट पहुंच गई है। ब्रिटेन की एक कंपनी ने तीसरे चरण में प्रवेश किया है, जबकि अमरीका की एक कंपनी दूसरे चरण में है।
कुल मिलाकर विश्व में 23 कैंडिडेट नैदानिक चरण में हैं। इसके अलावा 140 कैंडिडेट पूर्व-नैदानिक स्थिति में हैं। कोविड-19 महामारी पर काबू पाने के लिए वैक्सीन की अत्यंत आवश्यकता है। हम केवल आशा कर सकते हैं कि शीघ्र प्रयास सफल हों।
प्रश्न-3 : कोरोना के इलाज और टेस्टिंग पर निजी अस्पतालों ने मरीजों को लाखों रुपए के बिल थमाए हैं। क्या सरकार की तरफ से कोरोना उपचार के रेट तय करने में देरी हुई है?
उत्तर- कोरोना उपचार के लिए पूरे देश में कुल 14,467 विशेष कोविड अस्पताल, विशेष कोविड स्वास्थ्य केन्द्र और कोविड केयर सेंटर हैं। इन सब में कुल मिलाकर 15 लाख 62 हजार से अधिक बिस्तर हैं, जिनमें आइसोलेशन बिस्तर, आईसीयू बिस्तर और ऑक्सीजन सुविधा युक्त बिस्तर शामिल हैं। ये सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपचार केन्द्र हैं।
प्रतिदिन जांच क्षमता 3 लाख 75 हजार हो गई है। अब तक 1 करोड़ 51 लाख से अधिक कुल जांच की गई हैं। शुरू में निजी जांच केन्द्रों ने जांच का अधिक शुल्क लेना शुरू किया। मीडिया में खबरें आई तों सरकार ने संज्ञान लेकर राज्य सरकारों को उपचार और जांच के रेट तय करने के निर्देश दिए।
अब उपचार और जांच की दरें तय कर दी गई हैं। इस बारे में सरकार के स्तर पर कोई देरी नहीं हुई। केन्द्र सरकार ने कोरोना योद्धाओं के लिये 50 लाख रुपए का प्रावधान भी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अस्पतालों में चिकित्सक और अन्य स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ सख्त कानून वाला अध्यादेश लागू कराया गया है।
प्रश्न-4 : काफी लोग होम क्वारंटाइन में हैं। क्या कोरोना से निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था नहीं है?
उत्तर- कोरोना के 80 % रोगी मामूली लक्षण वाले होते हैं। जिनकी देखभाल और उपचार डॉक्टरों के निर्देशानुसार हो सकता है। मामूली लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में ऱखने से उनमें संक्रमण बढ़ने की आशंका रहती है। ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने से परिवार और घर वालों को आने जाने में तकलीफ होती है। ऐसे मरीजों का घर में क्वारंटाइन निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार किया जाता है और ऐसा तभी किया जाता हैं जब घर में मरीज के लिये एक अलग कमरा हो और एक केअर गिवर भी हो।
प्रश्न-5 : डब्ल्यूएचओ ने कोरोना से जंग में धारावी मॉडल की प्रशंसा की है। केंद्र की इस मॉडल को लेकर अन्य राज्यों पर क्या स्ट्रेटजी है?
उत्तर- विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने केवल धारावी मॉडल ही नहीं बल्कि जनवरी माह से अब तक किए हमारे सभी प्रयासों की सराहना की है। एशिया के सबसे बड़े स्लम में कोरोना पर काबू पाना इतना आसान नहीं था।
लेकिन सामुदायिक किचन, पका तैयार खाना, साफ सफाई, ग्रोसरी समेत तमाम जरूरी वस्तुओं की पूर्ति, ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट, हर तरह की देखभाल और केन्द्र के दिशानिर्देशों के अनुसार सरकार, एनजीओ, निर्वाचित प्रतिनिधियों और स्थानीय निवासियों के बीच तालमेल से वहां संक्रमण पर लगाम लगाना संभव हुआ। इसके अलावा धारावी में योगाभ्यास के माध्यम से लोगों का मनोबल भी बढ़ाया गया। मंत्रालय सभी राज्यों से कंटंनमेंट जोन में एक दूसरे राज्य की श्रेष्ठ प्रक्रियाओं का अनुकरण करने पर जोर दे रहा है।
प्रश्न-6 : देश में 1284 लैब हैं, पीपीई किट और मास्क बनाने में हम आत्मनिर्भर हो गए। फिर सरकार कोरोना टेस्ट फ्री क्यों नहीं कर देती और फ्री में मस्क डिस्ट्रिब्यूशन क्यों नहीं करती?
उत्तर- यह सत्य है कि भारत पहले पीपीई किट और एन-95 मास्क का आयात किया करता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज हम इस दिशा में आत्मनिर्भर बन गये हैं। कोविड-19 जांच के लिये 1284 प्रयोगशालाओं में 389 निजी क्षेत्र की हैं। सरकारी प्रयोगशालाओं में निशुल्क जांच की जाती है। निजी प्रयोगशालाओं में जांच की राशि पर सीमा तय की गई है ताकि लोगों को राहत दी जा सके।
प्रश्न-7 : कोविड हेल्पलाइन नंबर 1075 पर कॉल के बाद भी कई-कई दिन तक लोगों को कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलता। कोरोना रोगी और उसके परिजन क्या करें?
उत्तर- मैं तो यह कह सकता हूं कि हमारे मंत्रालय द्वारा शुरू की गई हेल्प लाइन 1075 और 91-11-23978046 पर प्रत्येक कॉल सुनी जाती है और उसका दैनिक डेटा और विवरण रखा जाता है। इसके अलावा आप हमारे मंत्रालय की कोविड सेवा @CovidIndiaSeva पर संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं। राज्यों की हेल्प लाइन के बारे में राज्य सरकारें बेहतर तरीके से बता सकती हैं।
प्रश्न-9 : क्या कोई अनुमान है कि आमजन पहले जैसी दिनचर्या या जिंदगी में कब तक लौट सकेगा?
उत्तर- लॉकडाउन 1.0 से 4.0 के बीच जनहित में पाबंदियां लगाई गईं थीं, मगर इसी दौरान एक-एक कर के पांबंदियों में ढील भी दी गई थी। अब अनलॉक 1.0 और 2.0 में बहुत कम पाबंदियां बाकी हैं। धीरे धीरे ये भी हट जाएगीं। आर्थिक गतिविधियां जारी हैं, व्यापार चल रहा है, ऑनलाइन शिक्षा भी जारी है, रेल, बसों और विमान सेवा शुरु हो गयी है। बाकी पाबंदियां हटवाने के लिये जनता को पूर्णतया मास्क के उपयोग और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।