लॉकडाउन खोलने की घोषणा, रियायतों की झड़ी, गृह मंत्रालय ने राज्यों को दिए अधिकार, हरियाणा और दिल्ली ने सीमा किए सील
By शीलेष शर्मा | Published: June 1, 2020 09:41 PM2020-06-01T21:41:09+5:302020-06-01T21:41:09+5:30
गृह मंत्रालय ने जो दिशा निर्देश ज़ारी किये उसमें एक पेंच फ़ंसा दिया, जिसके तहत राज्य सरकारों को इस बात का अधिकार दे दिया कि वह अपने -अपने राज्य के हालातों की समीक्षा कर निर्णय लें,बस यहीं से राज्यों के बीच जंग शुरू हो गयी।
नई दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा लॉकडउन खोलने की घोषणा के साथ रियायतों की झड़ी लगा दी। मेट्रो ,अंतरराष्ट्रीय उड़ानों जैसी कुछ सेवाओं को छोड़ सब कुछ खोल दिया।
लेकिन गृह मंत्रालय ने जो दिशा निर्देश ज़ारी किये उसमें एक पेंच फ़ंसा दिया, जिसके तहत राज्य सरकारों को इस बात का अधिकार दे दिया कि वह अपने -अपने राज्य के हालातों की समीक्षा कर निर्णय लें,बस यहीं से राज्यों के बीच जंग शुरू हो गयी।
हरियाणा ने सबसे पहले सीमाओं को सील किया जबकि वह पहले ऐसा फ़ैसला लेकर अदालत के कोप का शिकार बन चुका था और उसी बजह से उसे अपना फ़ैसला बदलना पड़ा था लेकिन इस बार केंद्र की हिदायतों की आड़ में हरियाणा ने फिर सीमाएं सील कर दीं उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी सीमाओं को सील करने का फ़रमान ज़ारी कर दिया, यह जानते हुये कि नॉएडा ,गाज़ियाबाद ,मेरठ ,हापुड़ ,अलीगढ ,मथुरा से लोग नौकरी करने दिल्ली जाते हैं।
यही हाल हरियाणा के हैं ,आज दिल्ली सरकार ने भी सीमाओं को सील करने की घोषणा कर दी। केंद्र सरकार कहती है कि एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन राज्य सरकारें अपनी सीमा में दूसरे राज्य से आने वालों को प्रवेश ही नहीं देना चाहते।
यही हाल बाज़ारों को खोलने को लेकर देखा जा रहा है ,उद्द्योगों को खोलने की इज़ाज़त केंद्र सरकार ने अपनी एडवाइज़री में घोषित कर दी लेकिन दिल्ली ,राजस्थान ,हरियाणा ,पंजाब ,उत्तर प्रदेश में सीमाओं पर अधिकांश उद्योग इकाइयां हैं ,जब कोई व्यक्ति राज्य की सीमा पार नहीं कर सकेगा तो कर्मचारी ,मालिक अपनी इकाई पर कैसे पहुंचेगा .महाराष्ट्र का उदाहरण हमारे सामने है।
केंद्र ने घरेलू उड़ानों को बिना राज्यों को विश्वास में लिये शुरू कर दिया नतीज़ा हुआ कि महाराष्ट्र सहित अनेक राज्यों ने आपत्ति उठाई। अब यही हाल अनलॉक 1 को लेकर हो रहा है,राज्यों के बीच तालमेल का भारी आभाव है, हर राज्य अपने नियम बना कर लागू कर रहा है जिससे केंद्र सरकार की अनलॉक 1 की घोषणा बेमानी साबित हो रही है।