कोरोना वायरस ने ली जान, द्वारका जिला अदालत के न्यायाधीश कामरान खान की मौत, एक हफ्ते से वेंटीलेटर पर थे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 27, 2021 08:20 PM2021-04-27T20:20:22+5:302021-04-27T20:21:08+5:30

द्वारका अदालत बार संघ के अध्यक्ष वकील वाई पी सिंह ने बताया कि न्यायाधीश को दस दिन पहले वेंकटेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया गया था और कुछ दिनों बाद तबीयत बिगड़ने पर वेंटीलेटर पर रखा गया।

Coronavirus death Dwarka district court judge Kamran Khan was on ventilator for a week | कोरोना वायरस ने ली जान, द्वारका जिला अदालत के न्यायाधीश कामरान खान की मौत, एक हफ्ते से वेंटीलेटर पर थे

बार संघ के सचिव जय सिंह यादव ने बताया कि खान को पहले मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया।

Highlightsकामरान खान द्वारका जिला अदालत परिसर में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट थे। वह अविवाहित थे और अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे।खान को दो महीने पहले साकेत अदालत से द्वारका अदालत में स्थानांतरित किया गया था।

नई दिल्लीः दिल्ली की एक जिला अदालत के न्यायाधीश कामरान खान की सोमवार देर रात कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई। वह एक हफ्ते से वेंटीलेटर पर थे।

कामरान खान द्वारका जिला अदालत परिसर में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट थे। द्वारका अदालत बार संघ के अध्यक्ष वकील वाई पी सिंह ने बताया कि न्यायाधीश को दस दिन पहले वेंकटेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया गया था और कुछ दिनों बाद तबीयत बिगड़ने पर वेंटीलेटर पर रखा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘वह बहुत युवा थे, बहुत बुद्धिमान और बहुत समझदार थे। वह बहुत जल्दी चले गए।’’ सिंह ने कहा, ‘‘वह अविवाहित थे और अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। खान को दो महीने पहले साकेत अदालत से द्वारका अदालत में स्थानांतरित किया गया था।’’

बार संघ के सचिव जय सिंह यादव ने बताया कि खान को पहले मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां से छुट्टी दे दी गई। बाद में स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें अन्य अस्पताल ले जाया गया। इससे पहले 20 अप्रैल को साकेत अदालत के 47 वर्षीय न्यायाधीश कोवई वेणुगोपाल की लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में कोविड-19 के कारण मौत हो गई थी। साकेत बार संघ के सचिव धीर सिंह कसाना ने आरोप लगाया था कि यह घटना सरकार की तरफ से लापरवाही का नतीजा है।

न्यायाधीशों के लिए पांच सितारा होटल में कोविड केंद्र बनाने का अनुरोध नहीं किया गया: न्यायालय

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि उसने अपने न्यायाधीशों, अपने कर्मियों और उनके परिवारों के लिए किसी पांच सितारा होटल में कोविड-19 केंद्र बनाने का कोई अनुरोध नहीं किया है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने उस समाचार रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया था राष्ट्रीय राजधानी के अशोका होटल के 100 कमरों को दिल्ली उच्च न्यायालय के अनुरोध पर उसके न्यायाधीशों के लिए कोविड-19 स्वास्थ्य केंद्र में बदला गया है।

पीठ ने कहा, ‘‘इस संबंध में किसी से भी कोई संवाद नहीं किया गया।’’ उसने कहा, ‘‘हमने किसी पांच सितारा होटल को कोविड-19 केंद्र में बदलने जैसा कोई आग्रह नहीं किया है।’’ उसने दिल्ली सरकार से ‘‘तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने को’’ कहा। चाणक्यपुरी के उपमंडलीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) द्वारा 25 अप्रैल को जारी आदेश में कहा गया था कि अशोका होटल में कोविड-19 केंद्र को प्राइमस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से संबद्ध किया जाएगा।

पीठ ने आदेश को ‘‘गलत’’ बताते हुए कहा कि इसके कारण यह छवि पेश हुई है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने यह आदेश अपने लाभ के लिए जारी किया है या दिल्ली सरकार ने अदालत को खुश करने के लिए ऐसा किया है। अदालत ने वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा के इस दावे से असहमति जताई कि मीडिया ने ‘‘बदमाशी’’ की। उसने कहा, ‘‘मीडिया ने कुछ गलत नहीं किया।’’ अदालत ने कहा कि मीडिया ने केवल यह बताया कि आदेश में क्या गलत था और गलत एसडीएम का आदेश था।

Web Title: Coronavirus death Dwarka district court judge Kamran Khan was on ventilator for a week

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