Coronavirus Treatment: कोविड-19 संक्रमण के इलाज में प्लाज्मा तकनीक से जगी उम्मीद की नई किरण, जानें इसके बारे में सबकुछ
By गुणातीत ओझा | Published: April 17, 2020 07:14 AM2020-04-17T07:14:43+5:302020-04-17T15:33:29+5:30
देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए कोई निश्चित दवा अभी तक नहीं बन सकी है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस महामारी को जड़ से मिटाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। लेकिन इस संक्रमण की सटीक दवा अभी तक नहीं बन सकी है।
देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए कोई निश्चित दवा अभी तक नहीं बन सकी है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस महामारी को जड़ से मिटाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। लेकिन इस संक्रमण की सटीक दवा अभी तक नहीं बन सकी है। तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इसकी वैक्सीन बनने में एक से डेढ़ साल तक लग सकते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसका कोई इलाज नहीं है? इस सवाल के जवाब में डॉक्टरों ने प्लाज्मा थेरैपी के बारे में सुझाया है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक कोरोना वायरस से फैली महामारी की वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक इसे नियंत्रण में रखने का सबसे असरदार तरीका प्लाज्मा थेरैपी ही है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मैक्स हेल्थकेयर के डॉक्टर संदीप बुधिराजा ने बताया कि प्लाज्मा थेरैपी इलाज का कोई नया तरीका नहीं है। इससे पहले भी कई महामारियों में इसका इस्तेमाल होता रहा है। 2003 में SARS और 1980 में बुरी तरफ फैले स्पैनिश फ्लू के दौरान यह थेरैपी कारगर साबित हुई थी। प्लाज्मा थेरैपी उस वक्त बड़ी भूमिका निभाती है जब महामारी के लिए कोई निश्चित इलाज न हो।
प्लाज्मा थेरैपी के बारे में बताते हुए डॉ. संदीप ने कहा कि इस थेरैपी के लिए हमें कोरोना वायरस के संक्रमण को हराने वाले मरीज की बॉडी से प्लाज्मा लेना होगा और इस प्लाज्मा को गंभीर रूप से बीमार कोरोना वायरस के मरीज में इंजेक्ट करना होगा। इससे मरीज के शरीर में एंटी-बॉडीज़ पहुंच जाएगी जो कोरोना वायरस को कमजोर कर देगी।
If we take plasma from a healthy recovered #COVID19 patient (donor)&inject it into a patient who is seriously ill(recipient). The anti-bodies transferred in recipient's body can reduce load of the virus&severity of the disease:Dr. S Budhiraja,Group Medical Director,Max Healthcare https://t.co/IGtlRDWIgm
— ANI (@ANI) April 16, 2020
कोरोना वायरस से जंग में प्लाज्मा थेरैपी से जगी उम्मीद की किरण
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज के ट्रायल की मंजूरी दे दी है। आईसीएमआर ने इस क्लिनिकल ट्रायल में शामिल होने के लिए विभिन्न संस्थाओं को न्योता भी दिया है। इस अध्ययन का मकसद यह पता करना होगा कि प्लाज्मा थैरेपी (Convalescent Plasma Therapy) इस रोग के इलाज में कितनी असरदार है? यह भी बात गौर करने वाली है कि महामारी के केंद्र चीन में इस विधि से इलाज में सकात्मक नतीजे आए हैं। समझा जा रहा है कि प्लाज्मा तकनीक कोविड-19 संक्रमण के इलाज में उम्मीद की एक किरण हो सकती है।