Coronavirus: सरकार के आर्थिक पैकेज को कांग्रेस ने कहा 'मामूली', मनरेगा दर में 20 रुपये की वृद्धि को सीपीएम ने बताया मजाक
By विनीत कुमार | Published: March 27, 2020 08:49 AM2020-03-27T08:49:25+5:302020-03-27T08:49:25+5:30
सीताराम येचुरी ने कहा कि मनरेगा दरों में 20 रुपये की वृद्धि एक 'मजाक' है। येचुरी ने कहा, अभी फिलहाल कहीं कोई काम नहीं हो रहा है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह सीधे कैश ट्रांसफर करे और काम के बगैर भी पेमेंट करे।
कोरोना संकट के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से गरीबों के लिए आर्थिक पैकेज के ऐलान को कांग्रेस और सीपीएम ने 'बहुत थोड़ा' और देर से लिया जाने वाला फैसला बताया है। राहुल गांधी ने जहां कहा कि ये सरकार का सही दिशा में पहला कदम है वहीं, रणदीप सुरजेवाला ने सरकार इसे भी अपर्याप्त कहा है। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार को इस मदद को और बढ़ाने की जरूरत है। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी इसे अपर्याप्त कहा है।
येचुरी ने कहा कि मनरेगा दरों में 20 रुपये की बढोत्तरी एक 'मजाक' है। येचुरी ने कहा, अभी फिलहाल कहीं कोई काम नहीं हो रहा है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह सीधे कैश ट्रांसफर करे और काम के बगैर भी पेमेंट करे। येचुरी ने ये मांग भी उठाई कि किसानों की एक बार के लिए कर्ज माफी की जानी चाहिए। साथ ही येचुरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार अगले तीन महीने के लिए बीपीएल परिवारों और जन-धन खाताधारकों के खाते में पांच-पांच हजार रुपये सीधे ट्रांसफर करे।
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'सरकार की ओर वित्तीय पैकेज की घोषणा सही दिशा में पहला कदम है। भारत पर उसके किसानों, दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों, महिलाओं और बुजुर्गों का कर्ज है जिन्हें मौजूदा लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।'
बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण और इसकी रोकथाम के लिये किये गये लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर को कम करने के लिये गुरुवार को आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश पैकेज के तहत कोरोना वायरस के संक्रमण में लोगों के इलाज में लगे डॉक्टरों, पैरामेडिकल कर्मियों, चिकित्सा सेवा कर्मियों को 50 लाख रुपये प्रति परिवार का बीमा कवर दिया जायेगा।
इसके अलावा, राशन की दुकानों से 80 करोड़ परिवारों को अतिरिक्त 5 किलो गेहूं या चावल के साथ एक किलो दाल तीन महीने तक मुफ्त उपलब्ध कराई जायेगी तथा महिलाओं, विधवाओं और बुजुर्गों को वित्तीय सहायता दी जायेगी।