Coronavirus: सीएम अशोक गहलोत ने मोदी सरकार को दिया सुझाव- केन्द्र को राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये देने चाहिए
By प्रदीप द्विवेदी | Published: April 3, 2020 07:22 AM2020-04-03T07:22:31+5:302020-04-03T07:22:31+5:30
कोरोना के प्रकोप और राज्यों में तैयारियों को लेकर अन्य सीएम के साथ पीएम मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंस में भाग लेने के दौरान राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सुझाव दिया कि कोरोना पेंडेमिक से निपटने के लिए और राज्यों को लॉकडाउन के कारण उत्पन्न वित्तीय बाधाओं से निपटने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार को राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये देने चाहिए.
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सबसे पहले लॉकडाउन करने वाले राजस्थान ने इस संकट से निपटने में भी बेहतर परफॉर्म किया है, जिसे केन्द्र सरकार ने भी स्वीकार किया है. इधर, कोरोना के प्रकोप और राज्यों में तैयारियों को लेकर अन्य सीएम के साथ पीएम मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंस में भाग लेने के दौरान राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सुझाव दिया कि कोरोना पेंडेमिक से निपटने के लिए और राज्यों को लॉकडाउन के कारण उत्पन्न वित्तीय बाधाओं से निपटने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार को राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये देने चाहिए. किस राज्य को कितनी राशि, यह प्रत्येक राज्य में रोगियों की संख्या के आधार पर हो सकती है, जनसंख्या के आधार पर या जीएसटी परिषद के दिशा-निर्देशों के आधार पर हो सकती है.
सीएम गहलोत का यह भी सुझाव था कि राज्यों की उधार सीमा में 2 प्रतिशत की वृद्धि की जानी चाहिए, ताकि लोग सहज महसूस करें. राज्यों को आरबीआई के तहत वित्तीय संस्थानों को उनके बकाये के भुगतान पर स्थगन की भी उम्मीद है, इन्हें टाल दिया जाना चाहिए. उन्होंने मनरेगा मजदूरों का मुद्दा भी उठाया, जिसे कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने रेखांकित किया था.
उल्लेखनीय है कि श्रीमती गांधी ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा था कि सरकार को लॉकडाउन की इस अवधि में इन कर्मचारियों को अग्रिम भुगतान देने पर विचार करना चाहिए.
सीएम गहलोत का कहना था कि हमने लोगों को मुफ्त राशन देने के लिए राज्य में केंद्रीय योजनाओं को लागू किया है, पहले 1000 रुपये दिए हैं और अब कमजोर वर्गों को फिर से 1500 रुपये हस्तांतरित कर रहे हैं. हमने डॉक्टरों, सिविल सोसायटी के सदस्यों के साथ रणनीति बनाने के लिए बैठकें की हैं.
उनका कहना था कि सेंट्रल गवर्नमेंट इंटर स्टेट सप्लाई चेन प्रोटोकॉल को लागू करती है, ताकि दवाओं, उपकरणों और आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति हो सके.
वर्तमान में सभी राज्य कोरोना से निपटने के लिए अलग से पीपीई और वेंटिलेटर खरीद रहे हैं, इसके कारण उपकरण भिन्न होते हैं और वे महंगे भी होते हैं. केंद्रीय सरकार को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के माध्यम से इस खरीद व्यवस्था का समन्वय करना चाहिए, ताकि सभी राज्यों को उचित दरों पर और समय पर आवश्यक चिकित्सा उपकरण और वेंटिलेटर उपलब्ध हों.