कोरोना: लॉकडाउन के बीच बिहार में तेजी से बढ़ रहे हैं ब्रेन स्ट्रोक के मामले, ICU में कम पड़ने लगे हैं बेड

By एस पी सिन्हा | Published: April 9, 2020 04:12 PM2020-04-09T16:12:47+5:302020-04-09T16:12:47+5:30

आईसीयू में वैसे भी बेड की संख्या कम है और ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढने के बाद सरकारी अस्पतालों में विषम स्थिति खड़ी हो जाएगी. 

Coronavirus: Brain stroke cases are increasing rapidly in Bihar amid lockdown, beds are falling in ICU | कोरोना: लॉकडाउन के बीच बिहार में तेजी से बढ़ रहे हैं ब्रेन स्ट्रोक के मामले, ICU में कम पड़ने लगे हैं बेड

कोरोना: लॉकडाउन के बीच बिहार में तेजी से बढ़ रहे हैं ब्रेन स्ट्रोक के मामले, ICU में कम पड़ने लगे हैं बेड

पटना: बिहार में कोरोना की दहशत और लॉकडाउन के बीच ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ गए हैं. राजधानी पटना स्थित आईजीआईएमएस, पीएमसीएच जैसे सरकारी अस्पतालों के आईसीयू मरीजों से भरने लगे हैं. जबकि निजी अस्पतालों में भी इन मरीजों की संख्या 80 प्रतिशत बढ़ी है. अचानक से दिमाग की नस फट रही है और आनन फानन में मरीजों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है. 

50 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों में ब्रेन हेमरेज के मामले अधिक आने लगे हैं. बीते तीन दिन में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में 10 गंभीर मरीज पहुंचे. सभी को आइसीयू में भर्ती किया गया. 

आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मनीष मंडल के अनुसार कई स्वजनों ने फीडबैक दिया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को लेकर लगातार मन में डर बना रहता था. डॉक्टरों का कहना है कि तनाव के कारण मरीजों की संख्या अधिक बढ गई है. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे में चिंता को दूर कर व्यायाम करने से अधिक लाभ होगा. डॉक्टरों का कहना है कि अचानक से ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढना चिंताजनक है. आईसीयू में वैसे भी बेड की संख्या कम है और ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढने के बाद सरकारी अस्पतालों में विषम स्थिति खड़ी हो जाएगी. 

अधिकतर निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती करने में मनमानी कर रहे हैं, जिससे सरकारी अस्पतालों की आईसीयू में भीड बढ रही है. इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि मौजूदा समय में हर कोई लॉकडाउन में है. घरों में कैद लोगों का दायरा सीमित हो गया है और उन्हें संक्रमण का डर भी सता रहा है. इस कारण से रूटीन चेकअप और दवाओं में लापरवाही हो रही है. बिगडी दिनचर्या और उस पर तनाव जान पर भारी पड रहा है. 

वहीं, मरीजों के परिजनों का कहना है कि बीपी की कई दवाएं स्थानीय बाजार में नहीं मिल रही है. लॉकडाउन व कोरोना वायरस के संक्रमण के भय के कारण घर से बाहर नहीं निकल पाते. हर समय एक अलग ही मानसिक दवाब बना रहता है. इसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक कर गया. आइजीआइएमएस के कॉर्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ. नीरव कुमार ने बताया कि कोरोना को लेकर मन में डर नहीं रखना है. 

40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कभी भी तनाव नहीं लेना चाहिए. सोशल मीडिया की खबरों पर ध्यान न दें. अपनी बीपी व शुगर की दवाएं नियमित लें. घर की छत पर ही घूमें. सुबह में योगासन, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार और एक ही स्थान पर दौड लगा सकते है. जब घर में रह रहे हों तो बैठे ज्यादा खाने से बचें. तली-भूनी व नमकीन, पापड, पकौडी आदि चीजों से परहेज रखें. 

अखरोट, बादाम, मौसमी फल नियमित रूप से लें. इससे इम्युनिटी पावर बेहतर रहेगा. लेकिन परिजनों के बीच अब भय ज्यादा दिखने लगा है. उसका कारण यह है उन्हें यह भय सताने लगा है कि इस विषम परिस्थिती में अगर कोई मुश्किल खडा हुआ तो कोई साथ भी देने को तैयार नही है.

Web Title: Coronavirus: Brain stroke cases are increasing rapidly in Bihar amid lockdown, beds are falling in ICU

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