कोरोना का कहर: बिहार में संक्रमितों की संख्या हुई 15, सगे संबंधियों के शव यात्रा में शामिल होने से कतराने लगे हैं लोग
By एस पी सिन्हा | Published: March 30, 2020 06:22 PM2020-03-30T18:22:00+5:302020-03-30T18:22:00+5:30
बिहार में कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या बढ़ कर 15 हो गयी है, राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण दो व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है.
पटना:कोरोना वायरस ने ऐसा कहर बरपाया है कि अब लोग अपनों को कंधा देने से भी बचने लगे हैं. कोरोना वायरस से पीड़ित की मौत के बाद तो उससे लोग कोसों दूर रह ही रहे हैं, लेकिन सामान्य मौत के बाद भी अपने के अंतिम यात्रा में शामिल होने से लोग कतराने लगे हैं. इसका कारण यह है कि उनें यह डर सताने लगा है कि कहीं इनकी भी मौत कोरोना से ही नहीं हुई हो. भय और लॉकडाउन की वजह से दुनिया छोड चुके लोगों को अंतिम यात्रा में भी अपने नाते-रिश्तेदारों का साथ नहीं मिल पा रहा.
बताया जाता है कि लॉकडाउन के दौरान जमावड़े पर प्रतिबंध लगे होने की वजह से इक्के-दुक्के लोग ही शव लेकर अंतिम संस्कार को पहुंच पा रहे हैं. घाटों पर सामान्य दिनों की अपेक्षा शव (डेड बॉडी) कम पहुंच रहा है. जहां अमूमन आठ से दस शव को लेकर लोग पहुंचते थे. उसकी संख्या अधिकतम दो से तीन हो गई है. इसकी वजह है कि कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉक डाउन से दूर-दराज से लोग शव को लेकर नहीं आ रहे हैं. जो इक्का-दुक्का शव का आना हो रहा है, उनके साथ अधिक से अधिक 10 से 12 लोग पहुंच रहे हैं. जबकि दूर दराज से आनेवाले ट्रैक्टरों, छोटी गाडियों में भर कर आते थे. आसपास के लोग बडी संख्या में मंजिल के साथ आते थे. अभी उन लोगों की संख्या भी कम हो गई है. हालांकि सरकार ने शव यात्रा में बीस लोगों के शामिल होने की ईजाजत दी है. लेकिन लोगों के बीच दहशत ईतना है कि शव यात्रा में शामिल होने से हर कोई बच रहा है. लोगों के मन में भय बना हुआ है.
वहीं, अब अधिकांश शव का दाह संस्कार विद्युत शवदाह गृह में हो रहा है. इसमें अधिक समय भी नहीं लगता है. लोगों को परेशानी भी कम होती है. लकड़ी लेकर दाह संस्कार करने का काम नहीं हो रहा है. दुकान सजा कर बैठे दुकानदारों ने बताया कि इधर कुछ दिनों से दुकानदारी भी ठप है.
यहां उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या बढ कर 15 हो गयी है, राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण दो व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है. वहीं, राजधानी पटना में संदिग्धों की वायरोलॉजी जांच कराने के साथ ही प्रशासन उनके संपर्क में रहने वाले लोगों की भी निगरानी कर रहा है. जिले में अब तक 3000 से अधिक ऐसे लोग चिह्नित किये गये हैं, जो या तो विदेशों से लौटे हैं या फिर उनके संपर्क में आये हैं.